विदेश गए भारतीय प्रतिनिधिमंडलों ने सोमवार को विभिन्न देशों के नेताओं से मुलाकात कर आतंकवाद के खिलाफ भारत के अटल संकल्प को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इसे पूरी दुनिया को मिलकर समाप्त करना चाहिए।
नई दिल्ली: भारत ने दुनिया के विभिन्न देशों में अपने प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से आतंकवाद के विरुद्ध अपनी अडिग प्रतिबद्धता को पुनः मजबूत किया है। सोमवार को भारत के विभिन्न संसदीय और राजनीतिक प्रतिनिधिमंडलों ने ब्रिटेन, अल्जीरिया, मलेशिया, स्पेन, मिस्त्र, ब्राजील और अन्य देशों में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में एकजुटता जताई।
इन प्रतिनिधिमंडलों ने वैश्विक मंच पर आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए इसे समाप्त करने का आह्वान किया। साथ ही, पाकिस्तान को साफ संदेश दिया गया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा और किसी भी तरह की ग़लत गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
आतंकवाद: वैश्विक खतरा और भारत की प्रतिबद्धता
लंदन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने ब्रिटेन के भारत-प्रशांत मंत्री कैथरीन वेस्ट से मुलाकात की। इस अवसर पर कैथरीन ने भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में ब्रिटेन के समर्थन की पुष्टि की और पहलगाम आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की। प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटेन में मौजूद प्रमुख थिंक टैंकों के साथ आतंकवाद के ख़िलाफ़ रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श किया। प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताते हुए कहा कि इसे मानवता के हित में हर स्तर पर समाप्त किया जाना चाहिए।
अल्जीरिया में 'जीरो टालरेंस' का संदेश
भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अल्जीरिया, बहरीन, कुवैत और सऊदी अरब के दौरे के बाद आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टालरेंस’ का स्पष्ट संदेश दिया। अल्जीरियाई संसद के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष मोहम्मद खोउने के साथ बैठक में भारत की आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता पर चर्चा हुई। बैजयंत ने कहा कि आतंकवाद किसी भी देश या धर्म से जुड़ा नहीं है, यह मानवता के खिलाफ अपराध है और इसे सभी देशों को मिलकर खत्म करना होगा।
मलेशिया में कड़ा संदेश: पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते
मलेशिया में जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते," जो भारत के आतंकवाद विरोधी दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने मलेशिया की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की और आतंकवाद के विरुद्ध भारत की राष्ट्रीय नीति को समझाया। इस प्रतिनिधिमंडल ने यह भी जोर दिया कि आतंकवाद से निपटना केवल भारत का मुद्दा नहीं बल्कि पूरी दुनिया की जिम्मेदारी है।
मिस्त्र की संसद से समर्थन
राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मिस्त्र की सीनेट और प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के साथ आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग और साझा रणनीतियों पर उपयोगी चर्चाएं कीं। मिस्त्र की संसद ने भारत के साथ एकजुटता की पुष्टि की और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने पर जोर दिया।
मैड्रिड में द्रमुक सांसद कनिमोरी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस से मुलाकात की। अल्बेरेस ने भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए स्पष्ट समर्थन जताया और भारत के साथ घनिष्ठ रणनीतिक संबंध बनाए रखने की इच्छा व्यक्त की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने भारत की आतंकवाद नीति और उसकी चुनौतियों को विस्तार से बताया।
अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भी भारत की सक्रियता
लाइबेरिया में शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराया। वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील में आतंकवाद विरोधी वार्ता के चौथे चरण की शुरुआत की।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया पर बताया कि उनकी यात्रा व्यस्त लेकिन बेहद सफल रही और ब्राजील में आगे की वार्ताओं का बेसब्री से इंतजार है।
इन सभी बैठकों और मुलाकातों के दौरान आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान की भूमिका पर भी खुलकर चर्चा हुई। भारत ने अपने वैश्विक सहयोगियों को विश्वास दिलाया कि वह आतंकवाद को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा। भारत ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी प्रकार के आतंकवादी समर्थन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और सभी द्विपक्षीय व बहुपक्षीय मंचों पर पाकिस्तान को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।