अहमदाबाद के चंदोला झील इलाके में प्रशासन ने 8500 अवैध मकानों को गिराया। 3,000 पुलिसकर्मियों की निगरानी में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई की गई।
Gujarat News: अहमदाबाद शहर के चंदोला झील इलाके में प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया है। 20 मई को हुई इस कार्रवाई में करीब 8,500 कच्चे और पक्के मकानों को ध्वस्त कर दिया गया। इस इलाके को लंबे समय से 'मिनी बांग्लादेश' कहा जा रहा था क्योंकि यहां अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की बड़ी संख्या सामने आई थी।
सुबह से शाम तक चली बड़ी कार्रवाई
20 मई की सुबह 6:30 बजे से शुरू हुई यह कार्रवाई शाम 5 बजे तक चली। इस दौरान 35 हिताची मशीनें और 15 जेसीबी मशीनें लगातार घरों को गिराने में जुटी रहीं। अहमदाबाद नगर निगम और जिला प्रशासन की इस संयुक्त कार्रवाई को 3,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की सुरक्षा मिली हुई थी।
21 मई को भी जारी रहेगा अभियान
प्रशासन का यह एक्शन एक दिन में खत्म नहीं हुआ। 21 मई को भी कई पक्के मकानों को गिराया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, यह ऑपरेशन चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा ताकि चंदोला झील के 2.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को पूरी तरह से अवैध कब्जों से मुक्त किया जा सके।
लोगों ने मांगा विकल्प, 3800 ने लिए घरों के फॉर्म
ध्वस्तीकरण से प्रभावित लोगों के लिए सरकार की ओर से राहत का भी प्रावधान किया गया है। बताया गया कि 3800 लोगों ने आवास इकाइयों के लिए आवेदन फॉर्म लिए हैं। यानी, उन्हें भविष्य में कानूनी तौर पर आवास दिए जाने की संभावना है।
ज्यादातर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के मकान
सूत्रों के मुताबिक, जिन मकानों को गिराया गया है, उनमें से अधिकतर पर अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों का कब्जा था। पहले भी अप्रैल महीने में इसी इलाके में कार्रवाई की गई थी जिसमें 3,000 मकान गिराए गए थे। यह ऑपरेशन ‘चंदोला झील विध्वंस चरण-2’ का हिस्सा था।
गुजरात पुलिस की सतर्कता
गुजरात पुलिस ने हाल के हफ्तों में हजारों अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है। इनकी पहचान के लिए विशेष जांच की जा रही है। अहमदाबाद में बड़ी संख्या में अवैध घुसपैठियों के होने की सूचना के बाद यह सख्त कदम उठाया गया है।
इस पूरी कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य चंदोला झील क्षेत्र को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराना और संभावित घुसपैठियों पर लगाम लगाना है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक भूमि पर अवैध निर्माण कर बसने का चलन खत्म किया जाए।