जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह केस बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने दायर किया है।अशोक चौधरी ने मंगलवार, 3 जून 2025 को पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस मामले की पुष्टि की।
Prashant Kishor Defamation Case: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। जन सुराज पार्टी के संयोजक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया है। यह मुकदमा अशोक चौधरी की बेटी और नव निर्वाचित सांसद शांभवी चौधरी को लेकर प्रशांत किशोर द्वारा दिए गए एक बयान के बाद दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
दरअसल, कुछ दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी बेटी को पैसे देकर लोकसभा टिकट दिलाया और उसे सांसद बनवाया। पीके के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया। इसके बाद अशोक चौधरी ने कानूनी कदम उठाते हुए पहले प्रशांत किशोर को लीगल नोटिस भेजा। नोटिस के जवाब में PK ने न तो आरोपों को नकारा और न ही माफी मांगी, जिससे नाराज होकर मंत्री ने मानहानि का मुकदमा दर्ज करवा दिया।
मंत्री अशोक चौधरी का पलटवार
अशोक चौधरी ने 3 जून 2025 को पत्रकारों से बातचीत में इस पूरे मामले पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, प्रशांत किशोर को लीगल नोटिस भेजा गया था। उनके जवाब से यह नहीं लगा कि उन्हें गलती का एहसास है। वो अपने बयान पर कायम हैं, जो पूरी तरह से आधारहीन और झूठ है। इसलिए मैंने कानूनी रास्ता अपनाया है। या तो वो सबूत पेश करें या सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।"
उन्होंने आगे कहा, हमारे समाज की बेटियां अब पढ़-लिखकर आगे बढ़ रही हैं, मगर कुछ लोगों को यह पच नहीं रहा। मेरी बेटी महज 25 साल की उम्र में सांसद बनी है, तो लोगों को लगता है कि ऐसा सिर्फ पैसे से ही हो सकता है। ये सोच गलत है और इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशांत किशोर राजनीतिक दलों के व्यापारी
चौधरी ने PK पर तीखा हमला करते हुए कहा, प्रशांत किशोर राजनीतिक दलों के व्यापारी हैं। उन्होंने कई पार्टियों को रणनीति के नाम पर बेचा और खरीदा है। हम जैसे लोग शुद्ध राजनीति करते हैं और जनसेवा के लिए काम करते हैं। जो लोग राजनीति को व्यापार बना चुके हैं, वो आज हमें और हमारी अगली पीढ़ी को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मामला केवल व्यक्तिगत नहीं है, यह समाज की उस सोच से लड़ाई है जो दलित, महिला और युवाओं को आगे बढ़ता नहीं देख सकती।
सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे
अशोक चौधरी ने यह साफ किया कि वे इस मामले को लेकर पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो हम सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे। जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। यह केवल मेरी बेटी की प्रतिष्ठा का सवाल नहीं, बल्कि समाज की उन बेटियों का मामला है जो मेहनत से आगे बढ़ती हैं।
इस पूरे प्रकरण पर प्रशांत किशोर अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दे पाए हैं। उनके लीगल जवाब में ना तो आरोपों के समर्थन में सबूत दिए गए और ना ही माफी मांगी गई, जिससे उनकी स्थिति असहज हो गई है। PK की राजनीति में वापसी और जन सुराज की जमीन तैयार करने की कोशिशों के बीच यह कानूनी संकट उनके लिए बड़ी बाधा बन सकता है।