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संसद मानसून सत्र पर राजनीति तेज, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

संसद मानसून सत्र पर राजनीति तेज, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र की 47 दिन पहले घोषणा पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का आरोप है कि सरकार गंभीर मुद्दों से बचने के लिए विशेष सत्र से भाग रही है।

Monsoon Session: संसद के आगामी मानसून सत्र की घोषणा को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि सरकार विपक्ष और जनता के सवालों से बचने के लिए संसदीय प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आमतौर पर संसद सत्र की तारीखें कुछ दिन पहले घोषित की जाती हैं, लेकिन इस बार सरकार ने 47 दिन पहले ही मानसून सत्र की घोषणा कर दी। उन्होंने इसे राजनीतिक चाल करार दिया।

जयराम रमेश का बयान: क्यों की गई जल्दी घोषणा?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "आज तक कभी भी 47 दिन पहले संसद सत्र की तारीख घोषित नहीं की गई थी। यह सब सरकार द्वारा पहलगाम आतंकी हमले, सिंगापुर में CDS को लेकर हुए खुलासे और डोनाल्ड ट्रंप के बयानों जैसे गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों से भागने का तरीका है।"

विशेष सत्र न बुलाने पर भी कांग्रेस का ऐतरा

जकेंद्र सरकार की ओर से संसद का विशेष सत्र न बुलाने को लेकर भी विपक्ष खासा नाराज है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमला और अन्य रक्षा व कूटनीतिक मामलों पर सरकार से संसद में स्पष्ट जवाब की मांग की थी। लेकिन सरकार ने यह कहते हुए विशेष सत्र बुलाने से इनकार कर दिया कि जुलाई में ही मानसून सत्र प्रस्तावित है।

मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा

सरकार ने घोषणा की है कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब विपक्ष लगातार विशेष सत्र की मांग कर रहा था। कांग्रेस का कहना है कि इतनी पहले घोषणा करना इस बात का संकेत है कि सरकार विपक्ष के सवालों का सामना करने से डर रही है और राजनीतिक रणनीति के तहत इससे बचने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस का तर्क: राष्ट्रीय हित के मुद्दों से बच रही सरकार

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने यह भी कहा कि आने वाले मानसून सत्र में इन सभी मुद्दों को मजबूती से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री विशेष सत्र से तो बच गए हैं लेकिन छह हफ्ते बाद शुरू होने वाले मानसून सत्र में उन्हें कठिन और असहज सवालों का सामना करना ही पड़ेगा।"

विपक्ष की मांग और सरकार का जवाब

विशेष सत्र बुलाने की मांग को खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि जब संसद का सत्र जल्द ही शुरू होने जा रहा है तो अतिरिक्त विशेष सत्र की आवश्यकता नहीं है। लेकिन विपक्ष का तर्क है कि कुछ मुद्दे इतने गंभीर और समय-संवेदनशील हैं कि उन पर तत्काल चर्चा जरूरी है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार न सिर्फ चर्चा से बच रही है, बल्कि संसद की गरिमा को भी ठेस पहुंचा रही है।

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