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Norway Chess 2025: डी गुकेश की शानदार वापसी, एरिगैसी को हराकर तालिका में लगाई लंबी छलांग

Norway Chess 2025: डी गुकेश की शानदार वापसी, एरिगैसी को हराकर तालिका में लगाई लंबी छलांग

विश्व चैंपियन डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में शानदार वापसी करते हुए अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। पहले उन्होंने शतरंज के दिग्गज मैग्नस कार्लसन को हराकर सबको चौंकाया, और अब सातवें दौर में उन्होंने अपने हमवतन और मजबूत प्रतिद्वंद्वी अर्जुन एरिगैसी को शिकस्त दी है।

स्पोर्ट्स न्यूज़: विश्व शतरंज चैंपियन डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 में एक बार फिर अपने आलोचकों को करारा जवाब देते हुए यह साबित कर दिया कि वे न केवल वर्तमान चैंपियन हैं, बल्कि भविष्य के शतरंज सम्राट भी हैं। उन्होंने सातवें राउंड में अपने हमवतन ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी को क्लासिकल मुकाबले में हराकर टूर्नामेंट में दूसरी बड़ी जीत दर्ज की। इससे पहले गुकेश ने छठे राउंड में पूर्व विश्व चैंपियन और शतरंज के महानायक मैग्नस कार्लसन को मात देकर सनसनी फैलाई थी।

यह जीत इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह क्लासिकल शतरंज में गुकेश की एरिगैसी पर पहली जीत है। इससे पहले वे कभी भी क्लासिकल मुकाबले में अर्जुन को नहीं हरा सके थे। इस जीत के साथ गुकेश ने अंक तालिका में मैग्नस कार्लसन को पीछे छोड़ते हुए दूसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया है। अब उनसे आगे केवल अमेरिका के फाबियानो कारुआना हैं, जिन्होंने इसी राउंड में चीनी खिलाड़ी वेई यी को शिकस्त दी।

शुरुआत में पिछड़े, लेकिन फिर की वापसी

यह मुकाबला किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं था। शुरुआती चालों में अर्जुन एरिगैसी ने आक्रामक रणनीति अपनाई और मैच पर दबदबा बना लिया। कई विश्लेषकों को लगने लगा था कि गुकेश शायद यह मैच गंवा देंगे, खासकर उस मोड़ पर जब उन्होंने एक गलती की और अर्जुन को निर्णायक बढ़त मिलती दिखी। लेकिन वहीं से मैच ने करवट ली।

गुकेश ने अपने ट्रेडमार्क स्टाइल में धीरे-धीरे खेल को स्थिर किया, सूक्ष्म गणनाओं और रक्षात्मक चालों के जरिए अर्जुन की बढ़त को कमजोर करना शुरू किया। समय का दबाव बढ़ते ही अर्जुन की चालों में थोड़ी अनिश्चितता दिखने लगी। वहीं गुकेश ने सही समय पर पेस बढ़ाया और अर्जुन को उलझा दिया।

एक रणनीतिक चमत्कार

गुकेश ने जिस तरह से अर्जुन की बढ़त को खत्म किया, वह दर्शाता है कि क्यों वे विश्व चैंपियन बनने के हकदार हैं। उन्होंने मैच में न केवल डिफेंस किया बल्कि धीरे-धीरे उस स्थिति को अपने पक्ष में मोड़ लिया। एक निर्णायक मोड़ पर जब अर्जुन को अपने आक्रमण को साधने की जरूरत थी, तब वे समय संकट में फंस गए। वहीं गुकेश ने सटीक तकनीक और शांत चित्त दिमाग से एक के बाद एक ऐसे चालें चलीं कि अर्जुन को हार मानने पर मजबूर होना पड़ा।

इस जीत के साथ गुकेश ने यह दिखा दिया कि मैग्नस कार्लसन के खिलाफ उनकी जीत कोई तुक्का नहीं थी। दो लगातार क्लासिकल जीतें – वह भी दुनिया के दो सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के खिलाफ यह साबित करती हैं कि गुकेश अब सिर्फ प्रतिभाशाली खिलाड़ी नहीं, बल्कि बेहद खतरनाक और अनुभवी फिनिशर भी हैं।

इस टूर्नामेंट में एक समय गुकेश अंक तालिका में पांचवें स्थान पर थे। लेकिन लगातार दो जीतों ने उन्हें सीधे शीर्ष दो में ला खड़ा किया है। अब उनके पास खिताब जीतने का सुनहरा मौका है।

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