TRAI ने मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर चल रहे फर्जी स्कैम के खिलाफ चेतावनी दी है। ठग लोग झांसा देकर पैसे लेकर गायब हो जाते हैं। TRAI ने कहा है कि वह या वैध कंपनियां ऐसे कॉल या मैसेज नहीं भेजतीं। लोगों को सतर्क रहने और आधिकारिक पुष्टि के बिना कोई कदम न उठाने की सलाह दी गई है।
TRAI: अगर आप भी मोबाइल टॉवर लगवाकर हर महीने मोटी कमाई करने का सपना देख रहे हैं, तो अब सतर्क हो जाइए। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक बड़ा अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि साइबर ठग लोगों को मोबाइल टॉवर इंस्टॉल करने के नाम पर फंसा रहे हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। ट्राई ने स्पष्ट किया है कि उसका इस तरह के किसी भी कमर्शियल ऑफर से कोई लेना-देना नहीं है।
मोबाइल टॉवर लगवाने के नाम पर चल रहा है नया ऑनलाइन स्कैम
इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच ने जहां एक ओर सुविधाएं बढ़ाई हैं, वहीं दूसरी तरफ साइबर अपराधियों को नए-नए मौके भी दे दिए हैं। हाल ही में सामने आए एक नए स्कैम में साइबर ठग लोगों को उनके घर की छत या खाली जमीन पर मोबाइल टॉवर लगाने का लालच देकर ठगने की कोशिश कर रहे हैं।
इस फर्जीवाड़े में ठग खुद को TRAI या किसी बड़ी टेलिकॉम कंपनी का कर्मचारी बताते हैं और दावा करते हैं कि अगर आप अपने घर या खेत में मोबाइल टॉवर लगवाते हैं तो हर महीने 25,000 रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। इसके बदले वे लोगों से निजी जानकारी, एडवांस फीस या रजिस्ट्रेशन चार्ज मांगते हैं।
TRAI ने सोशल मीडिया पर किया बड़ा खुलासा
TRAI ने हाल ही में अपने ऑफिशियल X (पूर्व ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें एक कॉल की फोटो दिखाई गई है। कॉल करने वाला व्यक्ति खुद को TRAI का कर्मचारी बताता है और सामने वाले को मोबाइल टॉवर लगवाकर 25,000 रुपये महीना कमाने का ऑफर देता है। कॉल के अंत में वह मोबाइल पर ‘9’ दबाने को कहता है।
TRAI ने इस पोस्ट में साफ-साफ कहा कि संस्था का इस तरह के किसी भी ऑफर से कोई संबंध नहीं है। न ही TRAI टॉवर लगाने के लिए किसी को कॉल करता है और न ही कोई NOC (No Objection Certificate) जारी करता है। इस तरह की कॉल्स और मैसेज पूरी तरह से फर्जी होते हैं, और इनसे बचने की जरूरत है।
स्कैमर्स के हथकंडे – कैसे देते हैं झांसा?
- फर्जी कॉल्स और SMS: ठग आपको कॉल या मैसेज भेजते हैं जिसमें लिखा होता है कि XYZ टेलिकॉम कंपनी आपके इलाके में मोबाइल टॉवर लगाना चाहती है।
- आकर्षक ऑफर: महीने की बड़ी कमाई का वादा करते हैं – जैसे 25,000 से 50,000 रुपये प्रतिमाह तक की इनकम।
- फर्जी वेबसाइट्स और दस्तावेज: कई बार ये लोग नकली वेबसाइट बनाकर, फर्जी दस्तावेज (NOC, रजिस्ट्रेशन फॉर्म) भेजते हैं ताकि लोग धोखा खा जाएं।
- रजिस्ट्रेशन फीस या प्रोसेसिंग चार्ज: लोग जब इस ऑफर में रुचि दिखाते हैं तो उनसे रजिस्ट्रेशन, दस्तावेज सत्यापन या प्रोसेसिंग के नाम पर पैसे मांगते हैं।
- एक बार पैसे गए, फिर नंबर बंद: जैसे ही व्यक्ति पैसे भेजता है, नंबर बंद हो जाता है और स्कैमर गायब हो जाता है।
TRAI की चेतावनी – इन बातों का रखें ध्यान
TRAI ने इस स्कैम से बचने के लिए आम जनता को कुछ जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
- TRAI किसी भी व्यक्ति से टॉवर लगाने के लिए संपर्क नहीं करता।
- कोई भी वैध टेलिकॉम कंपनी सीधे कॉल या मैसेज के जरिए मोबाइल टॉवर लगाने का ऑफर नहीं देती।
- किसी अनजान नंबर से आए कॉल या मैसेज पर विश्वास न करें।
- किसी भी भुगतान से पहले संबंधित कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से वैधता की पुष्टि करें।
- फर्जी कॉल या SMS आने पर तुरंत उसे ब्लॉक करें और cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
अगर आपके पास भी आया है ऐसा कॉल या मैसेज, तो क्या करें?
- कभी भी जल्दबाज़ी में कोई फैसला न लें।
- फर्जी ऑफर्स की जानकारी अपने आसपास के लोगों को दें।
- मोबाइल में ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करें जिससे अनजान नंबर की पहचान हो सके।
- अगर आप पहले ही किसी स्कैम का शिकार हो चुके हैं, तो तुरंत नजदीकी साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट करें।
- इस तरह की जानकारी सोशल मीडिया या व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करें, ताकि और लोग सतर्क हो सकें।
मोबाइल टॉवर लगाने की असली प्रक्रिया क्या होती है?
अगर कोई वैध कंपनी आपके क्षेत्र में मोबाइल टॉवर लगाना चाहती है तो वह स्थानीय नगर निगम या पंचायत से अनुमति लेकर, लिखित कॉन्ट्रैक्ट साइन कर, सभी कानूनी दस्तावेजों के साथ ही संपर्क करती है। इसमें कभी भी पहले से पैसे नहीं मांगे जाते, और सभी प्रक्रिया पारदर्शी होती है।
कुछ वैध टॉवर कंपनियां जैसे Indus Towers, ATC India, Bharti Infratel आदि हैं, जो अधिकृत तौर पर यह काम करती हैं। लेकिन ये कंपनियां कभी कॉल या SMS से इस तरह की डील नहीं करतीं।
लोगों को सतर्क करने की जरूरत
यह समय है जब आम लोगों को डिजिटल जागरूकता की सबसे ज्यादा जरूरत है। हर दिन नए-नए स्कैम सामने आ रहे हैं। साइबर ठग लोगों की कम जानकारी का फायदा उठाकर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसीलिए अगर किसी को मोबाइल टॉवर लगाने या कोई और असामान्य ऑफर आए, तो सबसे पहले जांच करें और आधिकारिक पुष्टि के बिना कोई कदम न उठाएं।