मारुति सुजुकी इंडिया की पकड़ अप्रैल 2025 में घरेलू यात्री वाहन बाजार में थोड़ी कम हो गई है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी 40 प्रतिशत से नीचे गिर गई है, जो पहले 40 प्रतिशत से ऊपर हुआ करती थी।
Maruti Suzuki: भारत के ऑटोमोबाइल बाजार में हाल के महीनों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। पिछले महीने, अप्रैल 2025 में, मारुति सुजुकी का भारतीय यात्री वाहन बाजार में मार्केट शेयर घटकर 40 प्रतिशत से कम हो गया। यह स्थिति एक समय में भारतीय बाजार पर हावी रही मारुति के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।
इसके परिणामस्वरूप, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी का दर्जा प्राप्त किया, जबकि हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) चौथे स्थान पर खिसक गई। इस बदलाव से यह साफ होता है कि भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है और कंपनियां अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए निरंतर संघर्ष कर रही हैं।
फाडा के आंकड़ों के अनुसार मारुति का मार्केट शेयर घटा
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2025 में मारुति सुजुकी ने 1,38,021 वाहन बेचे, जिससे उसकी बाजार हिस्सेदारी घटकर 39.44 फीसदी हो गई। इससे पहले, अप्रैल 2024 में कंपनी ने 1,39,173 वाहन बेचे थे और उसका मार्केट शेयर 40.39 फीसदी था। एक साल में कंपनी की हिस्सेदारी में 0.95 फीसदी की गिरावट आई है।
इस बदलाव से स्पष्ट होता है कि एक तरफ जहां मारुति की बिक्री में मामूली कमी आई है, वहीं दूसरी ओर अन्य कंपनियां इस कमी का फायदा उठाते हुए अपना बाजार हिस्सा बढ़ाने में सफल रही हैं। मारुति सुजुकी ने पिछले साल पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 16,71,559 वाहन बेचे थे, जिससे उसकी हिस्सेदारी 40.25 प्रतिशत रही थी। हालांकि, अब कंपनी को अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वह अपनी पकड़ मजबूत बनाए रख सके।
महिंद्रा एंड महिंद्रा को बड़ा फायदा
इस साल अप्रैल में महिंद्रा एंड महिंद्रा को सबसे बड़ा लाभ हुआ है। कंपनी ने 48,405 वाहन बेचे, जिससे उसकी बाजार हिस्सेदारी 13.83 प्रतिशत रही। इस आंकड़े के साथ महिंद्रा ने टाटा मोटर्स और हुंडई मोटर को पछाड़ते हुए दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई। पिछले साल, अप्रैल 2024 में महिंद्रा ने 38,696 वाहन बेचे थे और कंपनी का मार्केट शेयर 11.23 प्रतिशत था, जिससे वह चौथे स्थान पर थी। महिंद्रा के लिए यह वृद्धि एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है, जो विशेष रूप से एसयूवी सेगमेंट में उनकी मजबूत स्थिति का परिणाम है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा का प्रदर्शन दर्शाता है कि एसयूवी सेगमेंट में उनकी रणनीति काफी सफल रही है। कंपनी की नई एसयूवी मॉडल्स ने बाजार में काफी ध्यान आकर्षित किया है, जो उन्हें प्रतिस्पर्धी कंपनियों से आगे रखने में मदद कर रही है।
टाटा मोटर्स की स्थिति मजबूत
टाटा मोटर्स ने अप्रैल 2025 में 44,065 वाहन बेचे, जिससे उसकी बाजार हिस्सेदारी 12.59 प्रतिशत रही। टाटा मोटर्स लगातार तीसरे स्थान पर बनी हुई है और इसका प्रदर्शन पहले जैसा ही मजबूत बना हुआ है। कंपनी ने भारतीय बाजार में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी काफी ध्यान आकर्षित किया है, जो भविष्य में उसकी स्थिति को और मजबूत कर सकता है। टाटा की इलेक्ट्रिक कारों की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे कंपनी को लाभ हुआ है और वह अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने में सफल रही है।
हुंडई मोटर इंडिया की गिरावट
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) के लिए अप्रैल 2025 का महीना चुनौतीपूर्ण रहा। कंपनी ने इस महीने 43,642 वाहन बेचे, जिससे उसकी बाजार हिस्सेदारी 12.47 प्रतिशत रही। पहले दूसरे स्थान पर रही हुंडई अब चौथे स्थान पर खिसक गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण कंपनी के नए मॉडल्स की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ना हो सकता है। हाल ही में, हुंडई के मॉडल्स को बाजार में ज्यादा प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है, खासकर महिंद्रा और टाटा के मजबूत एसयूवी सेगमेंट में।
फाडा के आंकड़े दर्शाते हैं कि भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। जहां एक ओर मारुति सुजुकी की हिस्सेदारी घटी है, वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी स्थिति मजबूत की है। टाटा मोटर्स ने अपनी तीसरी जगह बरकरार रखी है, जबकि हुंडई को नुकसान हुआ है। यह बदलाव कंपनियों के लिए एक संकेत हो सकता है कि उन्हें अपनी रणनीतियों में सुधार करने की जरूरत है, ताकि वे बाजार में अपनी स्थिति बनाए रख सकें।