भारतीय रेलवे का 70वां डिवीजन जम्मू में स्थापित होकर 1 जून 2025 से संचालन में आ गया है। यह नया रेलवे डिवीजन नॉर्दन रेलवे के अंतर्गत काम करेगा और कश्मीर तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेवा को सरल बनाने में मदद करेगा। साथ ही, सीमावर्ती इलाकों में रेलवे नेटवर्क विस्तार के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की निगरानी और कार्यान्वयन में तेजी आएगी।
जम्मू में नया रेलवे डिवीजन
भारतीय रेलवे ने जम्मू में नया रेलवे डिवीजन स्थापित किया है, जो 1 जून 2025 से पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। यह डिवीजन नॉर्दन रेलवे के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय जम्मू तवी में स्थित है। जम्मू डिवीजन के तहत कुल 742 किलोमीटर रेल नेटवर्क आता है, जिसमें पठानकोट–जम्मू–श्रीनगर–बारामुला रेल लिंक प्रमुख है। इसके अलावा भोगपुर सिरवाल–पठानकोट, बटाला–पठानकोट, और पठानकोट–जोगिंदर नगर नैरो गेज सेक्शन भी इसमें शामिल हैं।
यह नया डिवीजन जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के रेल परिवहन की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसके अंतर्गत आने वाले 11 बड़े माल गोदाम और टर्मिनल अनाज, पेट्रोलियम, सीमेंट, कोयला, उर्वरक समेत अन्य वस्तुओं के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कश्मीर रेल प्रोजेक्ट्स में सुधार
नया जम्मू रेलवे डिवीजन कश्मीर लाइन के तहत उधमपुर–श्रीनगर–बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट की निगरानी और कार्यान्वयन में मदद करेगा। इस परियोजना का एक भाग पहले से चालू है और कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर का सेक्शन भी पूरा हो चुका है। जैसे ही यह रेल सेक्शन पूरी तरह से शुरू होगा, कश्मीर घाटी का देश के मुख्य हिस्सों से सीधे रेल कनेक्शन से जुड़ाव संभव होगा।
नॉर्दन रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार, जम्मू में नया डिवीजन स्थापित होने से सीमा से जुड़े क्षेत्रों में रेलवे परियोजनाओं को लागू करना सरल होगा। इससे पूर्व, इन इलाकों का प्रबंधन फिरोजपुर डिवीजन के तहत होता था, जिससे दूरस्थता के कारण चुनौतियां आती थीं।
भविष्य की योजनाएं और विस्तार
रेलवे विभाग ने बताया कि कश्मीर तक वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा शुरू होने के बाद सीमावर्ती इलाकों में रेलवे नेटवर्क का विस्तार करना प्राथमिकता होगी। इसके तहत विशेष रूप से लेह तक ट्रेन सेवा बढ़ाने की योजना है, जो क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में सहायक होगी।
रेलवे ने यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए इस नए डिवीजन में स्टाफ की संख्या बढ़ाई है। डिविजनल रेलवे मैनेजर समेत कई वरिष्ठ पदों पर अधिकारी नियुक्त किए जा चुके हैं। यह कदम रेलवे की कार्यक्षमता और निगरानी को मजबूत करेगा।