भारत के प्रधानमंत्री को मिलने वाली सैलरी माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाले एक फ्रेशर सॉफ्टवेयर डेवलपर की औसत सैलरी से कम है। हालांकि, प्रधानमंत्री को कई विशेष सरकारी सुविधाएं मिलती हैं जो इस कम वेतन की भरपाई करती हैं। यह रिपोर्ट सरकारी पदों और निजी क्षेत्र की सैलरी के बीच के अंतर को उजागर करती है।
माइक्रोसॉफ्ट फ्रेशर की औसत सैलरी
निजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाले फ्रेशर कर्मचारियों की सैलरी शुरुआत से ही आकर्षक होती है। AmbitionBox की रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में एक फ्रेशर सॉफ्टवेयर डेवलपर को सालाना औसतन 12.4 लाख रुपये से 51 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है। यह आंकड़ा उस व्यक्ति की शैक्षणिक योग्यता, टेक्निकल स्किल्स और काम के स्थान पर निर्भर करता है।
यह वेतन स्तर भारत सरकार के शीर्ष संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों की सैलरी की तुलना में कहीं अधिक है, खासकर जब बात प्रधानमंत्री की हो।
प्रधानमंत्री की मासिक सैलरी
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रधानमंत्री को हर महीने ₹1.66 लाख तनख्वाह मिलती है, जो सरकारी नियमों के तहत तय है।
हालांकि, प्रधानमंत्री को सैलरी के अतिरिक्त कई उच्चस्तरीय सरकारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- SPG सुरक्षा (विशेष सुरक्षा समूह)
- एयर इंडिया वन नामक विशेष विमान
- नई दिल्ली स्थित 7, लोक कल्याण मार्ग (पूर्व में रेसकोर्स रोड) पर सरकारी आवास
- आधिकारिक दौरों, स्टाफ, संचार और चिकित्सा जैसी आवश्यक सुविधाएं
इन सुविधाओं का मूल्य आर्थिक रूप से तो नहीं मापा जा सकता, लेकिन इनकी तुलना किसी भी उच्च वेतनभोगी कॉर्पोरेट पद से की जा सकती है।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की सैलरी
भारत के राष्ट्रपति, जो देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालते हैं, उन्हें हर महीने ₹5 लाख रुपये का वेतन मिलता है। यह सैलरी 2018 में केंद्रीय बजट के दौरान बढ़ाई गई थी। इसके अतिरिक्त उन्हें निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं:
- देश में किसी भी साधन से मुफ्त यात्रा की सुविधा
- साथ में एक व्यक्ति को यात्रा में शामिल करने की अनुमति
- एक सुसज्जित सरकारी आवास
- संचार उपकरण, निजी स्टाफ और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं
वहीं, भारत के उपराष्ट्रपति को हर महीने ₹4 लाख रुपये का वेतन दिया जाता है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, और उनकी भूमिका संविधान में विशिष्ट मानी जाती है।
सांसदों की सैलरी और भत्ते
भारत के सांसदों को हर महीने ₹1 लाख रुपये की मूल सैलरी मिलती है। इसके अलावा, उन्हें कई अन्य सुविधाएं और भत्ते दिए जाते हैं:
- दैनिक भत्ता
- सरकारी आवास या फ्लैट
- यात्रा भत्ता
- स्टाफ और ऑफिस खर्च के लिए अलग बजट
प्रत्येक 5 वर्षों में सांसदों की सैलरी की समीक्षा की जाती है। भले ही मूल सैलरी सीमित हो, लेकिन भत्तों और अन्य सुविधाओं को मिलाकर उनकी कुल आय कहीं अधिक हो जाती है।