भारत के रेलवे इतिहास में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव आने वाला है। आज,1 जून 2025 से जम्मू में नया रेलवे डिवीजन शुरू होने जा रहा है, जो जम्मू-कश्मीर के लिए एक नए युग का प्रारंभ होगा। रेल मंत्रालय ने 29 मई को इस नयी व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा कर दी थी।
Kashmir Vande Bharat Express: आज,1 जून जम्मू के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित होने जा रहा है क्योंकि इसी दिन जम्मू नया रेलवे मंडल (Jammu New Railway Division) के रूप में स्थापित किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण घोषणा रेल मंत्रालय द्वारा 29 मई को राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से की गई है। वर्तमान में जम्मू, फिरोजपुर मंडल के अधीन आता है, लेकिन अब पहली जून से जम्मू अपना स्वतंत्र रेलवे मंडल होगा, जिसका मुख्यालय जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पर स्थित होगा।
यह कदम जम्मू क्षेत्र के रेलवे नेटवर्क को बेहतर प्रबंधन और विकास की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। इस नई मंडल की स्थापना से न केवल क्षेत्र के यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि रेलवे प्रशासनिक कार्यों में भी अधिक सुविधा होगी।
जम्मू रेलवे डिवीजन: एक परिचय
यह नया रेलवे डिवीजन लगभग 742 किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा, जिसमें पठानकोट-जम्मू-श्रीनगर-बारामूला का मुख्य डिवीजन शामिल है। इसके अलावा भोगपुर-सिरवाल-पठानकोट, बटाला-पठानकोट, और पठानकोट-जोगिंदर नगर (हिमाचल प्रदेश) के डिवीजनों को भी इसके अंतर्गत लाया गया है। जम्मू तवी स्टेशन पर इसका मुख्यालय होगा, जो रेल परिचालन और प्रशासन का केंद्र बनेगा।
यह उत्तर रेलवे का छठा डिवीजन होगा, और इसके निर्माण पर करीब 198 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इससे जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में रेल सुविधा के विस्तार और बेहतर प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
पुल और सुरंगों का तकनीकी चमत्कार
जम्मू डिवीजन के रेल नेटवर्क की सबसे बड़ी खासियत यहां के पुल और सुरंगों का विशाल और जटिल नेटवर्क है। कुल मिलाकर इस डिवीजन में 3114 पुल और 58 सुरंगें शामिल हैं। इनमें से कई पुल और सुरंगें इंजीनियरिंग के चमत्कार मानी जाती हैं। विशेष रूप से, दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल 'दरिया चिनाब पुल' इसी डिवीजन का हिस्सा है, जो पहाड़ी इलाके में एक तकनीकी असाधारण उपलब्धि है।
साथ ही देश का पहला केबल ब्रिज 'अंजी खड्ड ब्रिज' भी इसी डिवीजन में है। सुरंगों में टी-49 और टी-80 जैसे देश की सबसे लंबी रेल सुरंगें शामिल हैं, जो इस क्षेत्र की भौगोलिक चुनौतियों को पार करते हुए कनेक्टिविटी को बढ़ावा देती हैं।
जम्मू-कश्मीर में रेलवे के बढ़ते कदम
- 1972 जम्मू में पहली बार ट्रेन पहुंची थी l
- 2005 उधमपुर तक रेल सेवा का विस्तार हुआ l
- 2009 कश्मीर तक रेल संपर्क करने की प्रक्रिया शुरू l
- 2013 बनिहाल-बारामुला के बीच पहली बार दौड़ी ट्रेन l
- 2014 कटड़ा तक के लिए सीधी रेल सेवा बहाल हुई l
- 2024 बनिहाल-बारामुला के बीच भी चलने लगी ट्रेन l
- 2025 कश्मीर से कन्याकुमारी तक दौड़ेगी ट्रेन (Kashmir Vande Bharat Express)
इस प्रकार होगा नए जम्मू रेल डिवीजन
- पठानकोट जम्मू उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल सेक्शन 423 किलोमीटर का होगा। l
- भोगपुर सिरवाल-पठानकोट 87.21 रनिंग किलोमीटर होगा।
- बटाला-पठानकोट 68.17 रनिंग किलोमीटर होगाl
- पठानकोट जोगिंदर नगर नैरो गेज पहाड़ी सेक्शन 172.72 किलोमीटर लंबा होगा।
जम्मू रेलवे डिवीजन का महत्व
जम्मू रेलवे डिवीजन बनने से जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में न सिर्फ यातायात के साधन बेहतर होंगे, बल्कि पर्यटन, सामाजिक सुविधाएं और आर्थिक विकास को भी एक नया अवसर मिलेगा। कश्मीर जैसे दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्र में रेलवे की मजबूती से रोजाना के जीवन में सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। रेलवे नेटवर्क के विस्तार से स्थानीय उद्योगों और व्यवसायों को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में भी सुधार होगा क्योंकि रेलवे के बेहतर प्रबंधन से यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर ध्यान दिया जाएगा।
तकनीकी और आर्थिक प्रभाव
नया डिवीजन बनने के बाद करीब 538 किलोमीटर ब्रॉड गेज लाइन पर ट्रेन सेवा चलेगी। जम्मू मंडल के अंतर्गत लगभग 55 ट्रेनें संचालित होंगी, जिनमें वंदे भारत, शताब्दी और एक्सप्रेस ट्रेनों का विशेष स्थान होगा। इससे न केवल यात्रियों को तेज, सुविधाजनक और सुरक्षित सेवा मिलेगी, बल्कि मालगाड़ियों के संचालन में भी वृद्धि होगी, जो क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
रेलवे भवनों के निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे के लिए भी 198 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और लोकल इन्फ्रास्ट्रक्चर का समुचित विकास होगा।
भविष्य की संभावनाएं
जम्मू रेलवे डिवीजन का गठन कश्मीर को देश के मुख्य रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम है। आने वाले वर्षों में यह डिवीजन नए ट्रेनों के परिचालन, उन्नत रेल सुविधाओं, और बेहतर यात्री अनुभव के लिए काम करेगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस इस डिवीजन के जरिए तेज गति से और सुरक्षित यात्रा का माध्यम बनेगी। रेल नेटवर्क के विस्तार से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में स्थिरता, आर्थिक समृद्धि और सामाजिक विकास के नए रास्ते खुलेंगे।