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'निशान-ए-पाकिस्तान' विवाद पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने राहुल गांधी की एडिटेड फोटो पर जताई नाराजगी

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राहुल गांधी और भाजपा के बीच निशान-ए-पाकिस्तान को लेकर विवाद शुरू हो गया है। भाजपा ने राहुल की फोटो साझा कर हमला किया, जबकि कांग्रेस ने जवाबी हमला करते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Congress vs BJP: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में इंडियन आर्मी द्वारा की गई कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद देश में राजनीतिक बवाल मच गया है। एक तरफ केंद्र सरकार इस सैन्य कार्रवाई की सफलता को लेकर देश और विदेश में अभियान चला रही है, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से कुछ तीखे सवाल किए हैं। इसी के जवाब में भाजपा ने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की एक एडिटेड फोटो और कार्टून शेयर किया, जिससे कांग्रेस भड़क उठी है।

भाजपा IT सेल के प्रमुख ने साधा निशाना

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक एडिटेड फोटो और कार्टून पोस्ट करते हुए तंज कसा। उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं और सेना की कार्रवाई की सफलता पर सवाल उठाकर देश का मनोबल गिरा रहे हैं।

मालवीय ने कहा कि, "राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री या सेना को एक शब्द की भी बधाई नहीं दी। उल्टा बार-बार यह पूछते रहे कि कितने एयरक्राफ्ट हमने खोए, जबकि इसका जवाब पहले ही DGMO की ब्रीफिंग में दे दिया गया था।"

पवन खेड़ा ने दिया कांग्रेस का जवाब

इस पोस्ट पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई। प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी मजाक बना रही है। उन्होंने कहा, "सत्ता दल गंभीर माहौल में कार्टूनबाज़ी कर रहा है। विपक्ष तो सेना और देश के साथ खड़ा था, लेकिन भाजपा वाहियात हरकतें करने से बाज नहीं आ रही। हमें भारतीय सेना पर भरोसा है, लेकिन इस सरकार के राष्ट्रीय नेतृत्व पर नहीं।"

खेड़ा ने सीधे-सीधे निशाना साधते हुए कहा कि अगर 'निशान-ए-पाकिस्तान' किसी को मिलना चाहिए, तो वह उन लोगों को मिलना चाहिए जो नवाज शरीफ के घर बिरयानी खाने गए थे।

आडवाणी और जयशंकर का भी जिक्र

पवन खेड़ा ने कहा, "मोरारजी देसाई एकमात्र भारतीय राजनेता थे जिन्हें निशान-ए-पाकिस्तान सम्मान मिला था। लेकिन अब कुछ और लोग भी इसके हकदार लगते हैं। जैसे लालकृष्ण आडवाणी, जिन्होंने पाकिस्तान जाकर जिन्ना की तारीफ की थी। या फिर वो नेता जो बिना बुलावे के पाकिस्तान में नवाज शरीफ के घर बिरयानी खाने पहुंच गए थे।"

खेड़ा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने खुद माना था कि उन्होंने पाकिस्तान को बताया कि हम सिर्फ आतंकियों के ठिकानों पर हमला कर रहे हैं। खेड़ा ने पूछा कि ये जानकारी दुश्मन देश को क्यों दी गई? क्या इससे मसूद अजहर और हाफिज सईद को बचने का मौका नहीं मिला?

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री से यह सवाल किया कि "पाकिस्तान को पहले से जानकारी क्यों दी गई और इसके चलते हमने कितने एयरक्राफ्ट खोए?"

राहुल गांधी ने कहा, "यह कोई सामान्य चूक नहीं थी, बल्कि एक गंभीर अपराध है। देश को सच्चाई जानने का पूरा अधिकार है। अगर विदेश मंत्री जयशंकर इस बारे में चुप हैं, तो ये चुप्पी बहुत कुछ कहती है।"

सेना की तरफ से क्या कहा गया?

11 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि, "हम युद्ध जैसी स्थिति में हैं और नुकसान होना स्वाभाविक है। सवाल ये नहीं कि हमने क्या खोया, सवाल यह है कि क्या हम अपना उद्देश्य हासिल कर पाए – और इसका जवाब है, हां।"

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