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NSAB में हुआ बड़ा बदलाव: पीएम मोदी ने चुने 7 विशेषज्ञ सदस्य, RAW के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी बनाए गए अध्यक्ष

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पहलगाम हमले और भारत-पाक तनाव के बीच मोदी सरकार ने NSAB में बदलाव किए हैं। RAW के पूर्व चीफ आलोक जोशी को अध्यक्ष बनाया गया और बोर्ड में 7 नए सदस्यों को शामिल किया गया है।

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में बड़ा फेरबदल किया है। इस परिवर्तन का उद्देश्य भारत की रणनीतिक सुरक्षा तैयारियों को और मज़बूत बनाना है। सरकार ने देश के सुरक्षा और खुफिया तंत्र को नया रूप देने के तहत अनुभवी विशेषज्ञों को NSAB में जगह दी है। इसके साथ ही रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को NSAB का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

क्या है NSAB और इसका उद्देश्य?

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB), राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के अंतर्गत काम करने वाला एक रणनीतिक थिंक टैंक है। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, रक्षा रणनीति और तकनीकी सुरक्षा से संबंधित मसलों पर सरकार को परामर्श देना होता है। NSAB का पुनर्गठन समय-समय पर किया जाता है ताकि मौजूदा सुरक्षा माहौल के अनुसार उसमें बदलाव किए जा सकें।

क्यों हुआ NSAB में फेरबदल?

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने यह संकेत दिया कि भारत को अपने सुरक्षा ढांचे को और अधिक मज़बूत करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, भारत के सामने चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर रणनीतिक चुनौतियाँ बनी हुई हैं। इन हालातों को देखते हुए सरकार ने अनुभवी और जमीनी अनुभव रखने वाले विशेषज्ञों को NSAB में शामिल किया है।

NSAB के नए अध्यक्ष: आलोक जोशी

आलोक जोशी RAW के पूर्व प्रमुख हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में उनका लंबा अनुभव है। वे 2012 से 2014 तक RAW के प्रमुख रहे और उन्होंने कई बड़े खुफिया अभियानों का नेतृत्व किया। उनके कार्यकाल में:

  • म्यांमार सीमा पर आतंकियों के खिलाफ सफल ऑपरेशन हुआ।
  • पाकिस्तान और अन्य देशों में भारत विरोधी नेटवर्क पर निगरानी बढ़ाई गई।
  • RAW को वैश्विक खुफिया नेटवर्क में और मज़बूत किया गया।
  • उनकी नियुक्ति से NSAB को खुफिया रणनीतियों में गहराई और व्यावहारिक समझ मिलेगी।

NSAB में शामिल अन्य 6 रणनीतिक विशेषज्ञ

1. एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा (सेवानिवृत्त)

पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर

पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम से सम्मानित

भारतीय वायुसेना में व्यापक रणनीतिक अनुभव

2. लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह (सेवानिवृत्त)

पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर

आतंकवाद विरोधी अभियानों से लेकर सियाचिन जैसे कठिन क्षेत्रों में सेवा

गोरखा रेजीमेंट से जुड़े अनुभवी अधिकारी

3. एडमिरल मोंटी खन्ना (सेवानिवृत्त)

पनडुब्बियों और युद्धपोतों के संचालन में विशेषज्ञ

NSCS में सहायक सैन्य सलाहकार रह चुके हैं

नौसेना मेडल और अति विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त

4. राजीव रंजन वर्मा (पूर्व IPS अधिकारी)

इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में विशेष निदेशक

1990 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी

आंतरिक खुफिया निगरानी में विशेषज्ञता

5. मनमोहन सिंह (सेवानिवृत्त IPS अधिकारी)

खुफिया और सुरक्षा ऑपरेशनों में लंबा अनुभव

पुलिस सेवा के अनुभवी अधिकारी

6. बी. वेंकटेश वर्मा (सेवानिवृत्त IFS अधिकारी)

रूस में भारत के राजदूत रह चुके

रक्षा और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में गहरी समझ

सामरिक रक्षा सहयोग समझौतों में भूमिका

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