पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ा है। इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोप को संदेश देते हुए कहा कि भारत को सहयोगियों की आवश्यकता है, न कि उपदेश देने वालों की।
S. Jaishankar: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोप के देशों को कड़ा संदेश दिया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आ गई है। इस दौरान, विदेश मंत्री ने यूरोप समेत दुनिया के देशों को स्पष्ट रूप से बताया कि भारत अब उपदेश देने वालों के बजाय सहयोगियों की तलाश में है।
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में गंभीर तनाव उत्पन्न हुआ है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति को भी जन्म दिया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का यूरोप पर कटाक्ष
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोपीय देशों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ यूरोपीय देश अपने मूल्यों और कार्यों के बीच अंतर को समझने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा, "भारत अब उन देशों के साथ काम करना चाहता है, जो आपसी सम्मान और समझ का पालन करें।" जयशंकर ने आगे कहा, "हमें ऐसे देशों से उपदेश नहीं चाहिए, जिनके कहने और करने में फर्क हो। हम सहयोगियों की तलाश कर रहे हैं, जो भारत के हितों के प्रति प्रतिबद्ध हों।"
भारत की नई विदेश नीति और सहयोगी देशों की आवश्यकता
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अब किसी भी देश के साथ वैचारिक मतभेदों को प्राथमिकता नहीं देगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह उन देशों के साथ जुड़े, जो पारस्परिक हितों पर आधारित संबंध बनाना चाहते हैं। उनका यह बयान उन यूरोपीय देशों के लिए था, जो अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत के दृष्टिकोण से सहमत नहीं हैं।
रूस और भारत के रिश्तों पर बयान
विदेश मंत्री ने रूस और भारत के रिश्तों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संसाधन प्रदाता और संसाधन उपभोक्ता के रूप में "महत्वपूर्ण तालमेल और पूरकता" है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान, भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ाई, जबकि पश्चिमी देशों में बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत और रूस के संबंध मजबूत बने रहे।
एस जयशंकर का चीन और रूस से जुड़ा बयान
एस जयशंकर ने चीन और रूस के साथ भारत के संबंधों को लेकर यह स्पष्ट किया कि इन देशों के साथ भारत का दृष्टिकोण हमेशा पारस्परिकता पर आधारित रहा है। उन्होंने कहा कि जब किसी देश के साथ संबंध बनाना हो, तो उसका मूल्यांकन हितों की समानता से किया जाना चाहिए, न कि वैचारिक मतभेदों से।