जम्मू-कश्मीर में हुए भीषण पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक 'ऑपरेशन सिंदूर' पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज़ हो गई हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि वर्तमान हालात के लिए पूरी तरह से पाकिस्तान ज़िम्मेदार है।
श्रीनगर: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत एयर स्ट्राइक की। भारतीय सेना की इस कार्रवाई ने आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान के नागरिक ठिकानों पर गोलाबारी की जवाबी प्रतिक्रिया भी देखने को मिली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि युद्ध किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।
उन्होंने पाकिस्तान से आग्रह किया कि उसे अपनी बंदूकें बंद करने की जरूरत है। उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि मौजूदा स्थिति के लिए पाकिस्तान ही जिम्मेदार है, क्योंकि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या हुई थी। इसके बाद ही भारत ने आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने की कार्रवाई की।
हमने शांति चाही, पर पाकिस्तान ने खून बहाया- CM अब्दुला
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, कोई भी युद्ध नहीं चाहता। हमने हमेशा बातचीत और शांति का रास्ता अपनाने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से बार-बार की गई आतंकी गतिविधियों ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि अब चुप रहना मुनासिब नहीं। पहलगाम में 26 बेगुनाहों की जान चली गई, उसका जवाब देना जरूरी था।
उन्होंने आगे कहा, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सिर्फ आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया है। यह कार्रवाई सीमित, सुनियोजित और केवल आतंकी बुनियादी ढांचे के खिलाफ थी। लेकिन पाकिस्तान अब बौखलाकर आम नागरिकों पर गोलाबारी कर रहा है, जिससे उसके असली मंसूबे उजागर हो गए हैं।
पाकिस्तान को पहले अपनी बंदूकें शांत करनी होंगी
सीएम उमर अब्दुल्ला ने दो टूक कहा, अगर पाकिस्तान को वाकई शांति चाहिए, तो उसे सबसे पहले अपनी बंदूकें शांत करनी होंगी। भारत ने कभी भी टकराव की शुरुआत नहीं की, लेकिन जब देश की जनता, सुरक्षा बल और सीमा पर तैनात जवान निशाना बनते हैं, तब जवाब देना हमारी मजबूरी बन जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की तरफ से की गई एयर स्ट्राइक का मकसद किसी देश को उकसाना नहीं था, बल्कि यह एक आत्मरक्षा और सुरक्षा का कदम था। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इस तरह की ठोस कार्रवाई लंबे समय से अपेक्षित थी।
सीएम अब्दुल्ला ने आगे कहा, पाकिस्तान बार-बार यह भूल जाता है कि आतंकवाद को पालना अंततः उसी के लिए घातक सिद्ध होगा। जिस तरह से आतंकी संगठनों को संरक्षण देकर वह जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है, वह अब भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वे पाकिस्तान पर दबाव बनाएं ताकि वह सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करे और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित की जा सके। अंत में उमर अब्दुल्ला ने कहा, हम नहीं चाहते कि स्थिति और बिगड़े। जम्मू-कश्मीर के लोग अमन और तरक्की चाहते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो तनाव उत्पन्न हुआ है, उसे जल्द से जल्द कम किया जाना चाहिए। लेकिन यह तभी संभव है जब पाकिस्तान उकसावे की कार्रवाई बंद करे और बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाए।