विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय सेना की एक प्रमुख अधिकारी हैं, जिन्होंने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। यह ऑपरेशन पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए चलाया गया था, जिसमें भारतीय सेना ने 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया।
Operation Sindoor: भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर मीडिया ब्रीफिंग में प्रमुख भूमिका निभाई, जहां उन्होंने पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में किए गए लक्षित हमलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस ऑपरेशन को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई के रूप में अंजाम दिया, जो कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था।
इस ऑपरेशन में वायुसेना और सेना ने मिलकर कुल 9 आतंकी कैंपों को तबाह किया, जिससे भारत की ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी कठोर नीति को स्पष्ट किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर और व्योमिका सिंह की भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करना था, जो जम्मू-कश्मीर में भारतीय नागरिकों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल थे। इस ऑपरेशन के बाद, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस महत्वपूर्ण मीडिया ब्रीफिंग में अपने अनुभव साझा किए। उनके साथ कर्नल सोफिया कुरैशी भी मौजूद थीं, जिन्होंने इस ऑपरेशन को लेकर जानकारी दी।
व्योमिका सिंह ने बताया कि यह ऑपरेशन पहलगाम हमले में मारे गए 26 भारतीय पर्यटकों की मौत का बदला था, और इसमें वायुसेना ने एक सटीक और लक्षित हमला किया। व्योमिका सिंह ने इस प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर आतंकियों के शिविरों को नष्ट किया और उनके आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला बोला। उन्होंने बताया, हमने 9 आतंकी शिविरों पर सफलतापूर्वक हमला किया, जो पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में स्थित थे।
व्योमिका सिंह का प्रारंभिक जीवन और वायुसेना में प्रवेश
विंग कमांडर व्योमिका सिंह का वायुसेना में शामिल होने का सपना बचपन में देखा गया था। उन्हें हमेशा से आसमान में उड़ने का शौक था। कक्षा 6 में उन्होंने विमान उड़ाने का सपना देखा था, जो अब उनके जीवन का हिस्सा बन चुका है। व्योमिका का नाम 'आकाश' से जुड़ा हुआ है, जिसका अर्थ होता है आकाश या आकाश की बेटी। यह नाम उनके लिए बिल्कुल सही है, क्योंकि वह भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट हैं जिन्होंने इतनी ऊंचाइयों को छुआ है।
व्योमिका ने अपनी शिक्षा राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) से शुरू की थी, जिससे उन्होंने सेना के प्रति अपना रुझान विकसित किया। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और फिर भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए आवेदन किया।
सशस्त्र बलों में पहली महिला पायलट
व्योमिका सिंह के परिवार में सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली वह पहली महिला हैं। 18 दिसंबर 2019 को उन्हें भारतीय वायुसेना में स्थायी कमीशन मिला, और वह फ्लाइंग ब्रांच में शामिल हुईं। हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में उनकी नियुक्ति वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि उन्होंने अब तक कई कठिन अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र जैसे कठिन इलाकों में हेलीकॉप्टर ऑपरेशन किए हैं। उन्होंने चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों का संचालन किया है और ऊंचे इलाकों में उड़ान भरने का अनुभव प्राप्त किया है। खासकर जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाकों और अरुणाचल प्रदेश में उनके द्वारा किए गए अभियानों में, जहां मौसम की कठिनाइयाँ और ऊंचाई की समस्या थी, उन्होंने महत्वपूर्ण बचाव कार्य किए।
नवंबर 2020 में, व्योमिका सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में कई बचाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्हें कठिन परिस्थितियों के बावजूद हवाई सहायता प्रदान करनी पड़ी। इन अभियानों में उनका योगदान अत्यधिक सराहनीय रहा, क्योंकि उन्होंने जीवन बचाने के लिए जोखिम उठाए और अपने साहस से लोगों की जानें बचाईं।
नारी शक्ति का प्रतीक
व्योमिका सिंह केवल एक निडर पायलट ही नहीं हैं, बल्कि वह भारतीय सेना में महिलाओं के अधिकारों और काबिलियत को भी प्रदर्शित करती हैं। उनका यह कार्य न केवल उनके साहस का परिचायक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर खड़ी हो सकती हैं और महान कार्यों को अंजाम दे सकती हैं।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने न केवल भारतीय वायुसेना में अपना नाम रोशन किया है, बल्कि वह उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन मार्ग पर चलने का साहस रखती हैं। उनका जीवन संघर्ष, साहस और समर्पण का प्रतीक है, और उनके जैसे जवानों के कारण भारत की सुरक्षा और सामर्थ्य दिन-प्रतिदिन मजबूत हो रही है।