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अमेरिका-भारत की द्विपक्षीय बैठक, एनर्जी से लेकर सुरक्षा तक! जयशंकर और रुबियो की व्यापक चर्चा

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विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश सचिव रुबियो और NSA माइकल वाल्टज से मुलाकात की। ट्रंप के शपथ समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए क्वाड बैठक में सहयोग पर चर्चा की।

America: डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री स्तर की पहली क्वाड (QUAD) मीटिंग आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई।

भारत का प्रतिनिधित्व

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी में आयोजित इस मीटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। जयशंकर के साथ अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा भी मौजूद थे। यह बैठक डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण समारोह के दौरान आयोजित की गई।

किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय मुद्दों और अमेरिका-भारत संबंधों को गहरा करने के अवसरों पर चर्चा की। खासकर निम्नलिखित विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया:

महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी: तकनीकी सहयोग को मजबूत करना।

डिफेंस कॉर्पोरेशन: रक्षा साझेदारी को गहरा करना।

एनर्जी: ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना।

भारत-प्रशांत क्षेत्र: एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करना।

विदेश मंत्री रुबियो ने आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करने और इमिग्रेशन से जुड़ी चिंताओं को हल करने में ट्रंप प्रशासन की रुचि पर भी जोर दिया।

जयशंकर का बयान

विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने एक्स हैंडल पर रुबियो के साथ हुई बैठक की तस्वीरें साझा की। उन्होंने लिखा, "विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पहली द्विपक्षीय बैठक के लिए सेक्रेटरी रुबियो से मिलकर खुशी हुई। हमने हमारी बड़ी द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की।"

अमेरिका के NSA से मुलाकात

जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइकल वाल्टज से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने लिखा, "एनएसए माइकल वाल्ट्ज से मिलकर द्विपक्षीय लाभ और वैश्विक स्थिरता पर चर्चा की। हम नतीजामूलक एजेंडे के साथ आगे काम करेंगे।"

क्वाड बैठक की चर्चा

क्वाड देशों की मीटिंग में ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मीटिंग में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की गई:

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता: स्वतंत्र, खुले और समृद्ध क्षेत्र को सुनिश्चित करना।

सहयोग को तेज करना: वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए बड़े स्तर पर सोचने की आवश्यकता।

जयशंकर ने कहा कि क्वाड एक ताकत बनकर वैश्विक भलाई के लिए काम करेगा।

पहली द्विपक्षीय बैठक भारत के साथ

गौरतलब है कि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक भारत के साथ की। यह ऐतिहासिक कदम अमेरिका और भारत के संबंधों को प्राथमिकता देने का संकेत देता है। आमतौर पर अमेरिकी प्रशासन पहले कनाडा, मैक्सिको या नाटो देशों के साथ बैठक करता है, लेकिन इस बार भारत को चुना गया।

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