आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए 500 रुपये के नोट को बंद किया जाए और सिर्फ छोटी करंसी ही चलन में हो।
New Delhi: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि देश में भ्रष्टाचार रोकने के लिए 500 रुपये के नोट तक को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने बड़ी करंसी को पूरी तरह खत्म करने की बात कही है। नायडू ने फ्रीबीज योजनाओं, जातिगत और स्किल जनगणना, हिंदी भाषा के महत्व और अमरावती-हैदराबाद के भविष्य को लेकर भी अपनी राय रखी। उनका कहना है कि नीतियों में बदलाव और तकनीक के सही इस्तेमाल से ही देश आगे बढ़ सकता है।
500 रुपये का नोट भी बंद होना चाहिए
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि बड़ी करंसी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। 500 रुपये का नोट भी बंद कर देना चाहिए। जब तक बड़ी करंसी रहेगी, भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ 100 और 200 रुपये से कम के नोट ही चलन में रहना चाहिए। इससे नकद लेन-देन कम होंगे और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पारदर्शिता आएगी।
Freebies शब्द को बताया गलत
जब नायडू से मुफ्त योजनाओं (Freebies) के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह शब्द भ्रामक है। पहले कल्याणकारी योजनाएं बहुत कम थीं। एनटीआर ने जब सीएम बने, तब उन्होंने ज़रूरतमंदों के लिए कई अच्छी योजनाएं शुरू कीं।
नायडू ने कहा कि आज देश में संपत्ति तो बन रही है, लेकिन गरीब और अमीर के बीच की दूरी भी बढ़ रही है। इसलिए कल्याणकारी योजनाएं जरूरी हैं, लेकिन उनका उद्देश्य स्पष्ट और क्रियान्वयन मजबूत होना चाहिए।
जनगणना में जाति, स्किल और आर्थिक स्थिति की जानकारी हो
नायडू ने कहा कि सरकार को एक साथ जातिगत, स्किल बेस्ड और आर्थिक जनगणना करनी चाहिए। आज के दौर में डेटा बहुत ताकतवर है। इससे सरकारें बेहतर पब्लिक पॉलिसी बना सकती हैं।
हिंदी भाषा सीखना गलत नहीं
दक्षिण भारत में हिंदी को लेकर कई बार विरोध देखने को मिलता है, लेकिन नायडू की राय इससे अलग है। “हमारी मातृभाषाएं – जैसे तेलुगु, तमिल, कन्नड़ – बेहद अहम हैं और इनमें कोई समझौता नहीं हो सकता। लेकिन हिंदी सीखने में कोई बुराई नहीं है।” हिंदी सीखने से देश के बाकी हिस्सों से संवाद बेहतर होगा और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा।
अमरावती और हैदराबाद बनेंगे ग्लोबल सिटी
नायडू ने अमरावती ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट को लेकर उठे सवालों पर कहा कि उन्हें दूरदर्शिता में विश्वास है। “जब मैंने हैदराबाद प्रोजेक्ट शुरू किया था, तब भी लोगों ने सवाल उठाए थे। लेकिन कुछ महीनों में वहां पानी पहुंचा और कंपनियां आने लगीं।” उनका दावा है कि आने वाले वर्षों में अमरावती और हैदराबाद भारत के टॉप शहरों में ही नहीं, बल्कि ग्लोबल स्तर पर भी आगे होंगे। उन्होंने बताया कि शहरों का स्मार्ट और प्लान्ड विकास ही भविष्य की कुंजी है।