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MP News: कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष से जूझ रहा मध्य प्रदेश, राहुल गांधी ने उठाई समस्या

MP News: कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष से जूझ रहा मध्य प्रदेश, राहुल गांधी ने उठाई समस्या

मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी और नेतृत्व संकट बढ़ता जा रहा है। राहुल गांधी ने भोपाल दौरे पर पार्टी नेताओं को एकजुट होकर काम करने और बीजेपी समर्थकों की पहचान करने की नसीहत दी है।

MP News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी लंबे समय से गुटबाजी और नेतृत्व संकट की समस्या से जूझ रही है। हाल ही में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भोपाल दौरे के दौरान प्रदेश कांग्रेस नेताओं को स्पष्ट तौर पर गुटबाजी खत्म करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर ऐसे लोगों की पहचान होनी चाहिए जो असल में बीजेपी की मदद कर रहे हैं। राहुल गांधी के इस सख्त संदेश के पीछे मध्य प्रदेश में कांग्रेस के जमीनी हालात हैं, जो पार्टी के लिए गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं। 

राहुल गांधी का भोपाल दौरा और संगठन को मजबूत करने का संदेश

3 जून को राहुल गांधी करीब पांच घंटे भोपाल में रहे और इस दौरान उन्होंने पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत की। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को साफ शब्दों में कहा कि पार्टी के अंदर गुटबाजी को खत्म करना बेहद जरूरी है। उनका कहना था कि कोई भी फैसला ऊपर से थोपा नहीं जाएगा, बल्कि नेताओं को मिलकर निर्णय लेना होगा। राहुल गांधी ने बीजेपी की मदद करने वाले नेताओं की पहचान करने की बात भी कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में सही व्यक्ति को सही जगह दिया जाएगा, ताकि कांग्रेस मजबूती से आगे बढ़ सके।

राहुल गांधी ने लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनावों के लिए उम्मीदवार चयन में जिला कांग्रेस कमेटियों की भूमिका को अधिक महत्वपूर्ण बनाने की भी बात कही। उनका यह कदम कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जमीनी हालत

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हालत बहुत अच्छी नहीं है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में 15 साल बाद सरकार बनाई थी, लेकिन यह सरकार केवल 15 महीने ही टिक पाई। उसके बाद 2023 के चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें कांग्रेस ने 230 में से केवल 66 सीटें जीतीं। यह पिछले चुनाव की तुलना में सीटों में भारी गिरावट थी, जबकि वोट शेयर में मात्र एक प्रतिशत की मामूली कमी आई थी।

लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 2019 में पार्टी ने अपनी एकमात्र सीट छिंदवाड़ा भी गंवा दी। 2024 के चुनावों में कांग्रेस ने अपने वोट शेयर को 32.9 प्रतिशत तक घटा लिया, जो कि पिछले प्रदर्शन की तुलना में कम है। यह लगातार घटते हुए वोट शेयर और सीटों की संख्या मध्य प्रदेश कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।

गुटबाजी की वजह से संगठन कमजोर

मध्य प्रदेश कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या गुटबाजी है। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अजय सिंह राहुल जैसे कई नेता अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं। इन गुटबाजियों ने पार्टी को अंदर से कमजोर किया है। पिछले चुनावों में हार के बाद भी गुटबाजी कम नहीं हुई। प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी बदले गए, लेकिन परिणाम बेहतर नहीं हुए।

लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी गुटबाजी को पार्टी का "कैंसर" बताया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी को उबारने के लिए पहले अंदरूनी संघर्ष खत्म करना होगा। इसी तरह के बयान पार्टी के कई अन्य नेताओं से भी आए हैं, जो इस समस्या को कांग्रेस की हार का मुख्य कारण मानते हैं।

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