अमेरिका के Stealth Drones इज़राइल की सैन्य ताकत को नई ऊंचाई दे रहे हैं, जो ईरान जैसे दुश्मनों के लिए अदृश्य लेकिन घातक खतरा बन सकते हैं।
American Stealth Drone: ड्रोन टेक्नोलॉजी आज सिर्फ निगरानी का साधन नहीं, बल्कि आधुनिक युद्ध नीति का अहम हिस्सा बन चुकी है। जहां आम ड्रोन खुले आसमान में उड़ते हुए दुश्मन के रडार पर आसानी से आ जाते हैं, वहीं कुछ विशेष प्रकार के Stealth Drones ऐसे हैं जो बिल्कुल अदृश्य होकर काम करते हैं। और इस क्षेत्र में अमेरिका की ताकत को नकारना संभव नहीं।
हाल ही में अमेरिकी सेना के एक Stealth Drone की उड़ान ने ईरान की सैन्य रणनीति में चिंता की लहर दौड़ा दी है। इस ड्रोन की पहचान तो नहीं बताई गई, लेकिन माना जा रहा है कि यह RQ-170 Sentinel या XQ-58A Valkyrie जैसे किसी हाईटेक प्लेटफॉर्म का हिस्सा था। इज़राइल और ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच यह उड़ान एक स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका अपने सहयोगी इज़राइल की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
Stealth Drone: क्या होता है इसकी तकनीक में खास?
Stealth Drone ऐसे ड्रोन होते हैं जिन्हें आम रडार ट्रैक नहीं कर सकते। इसका कारण है उनकी खास डिजाइन, कम थर्मल सिग्नेचर, रडार-एब्जॉर्बिंग मैटेरियल और साइलेंट इंजन तकनीक। ये दुश्मन की सीमा में घुसकर चुपचाप:
- निगरानी
- सटीक निशाना
- इलेक्ट्रॉनिक जासूसी
- मिशन डेटा ट्रांसफर
जैसे कार्य कर सकते हैं – वो भी बिना किसी की भनक लगे।
यह तकनीक सामान्य ड्रोन से कई गुना महंगी और जटिल होती है, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से इसका उपयोग बेहद कारगर माना जाता है।
अमेरिका के घातक Stealth Drones
1. RQ-170 Sentinel
इस ड्रोन को 'Beast of Kandahar' के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है – इसकी पूरी तरह से फ्लैट और डिस्क-शेप डिज़ाइन। यह ड्रोन पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान में गुप्त मिशनों में सक्रिय रहा है। इसका मुख्य कार्य दुश्मन की लोकेशन, गतिविधियों और सामरिक ठिकानों की जानकारी जुटाना है।
2. XQ-58A Valkyrie
यह एक लो-कॉस्ट लेकिन हाई-परफॉर्मेंस Stealth Drone है। इसे 'loyal wingman' प्रोग्राम के तहत विकसित किया गया है, ताकि यह अमेरिकी फाइटर जेट्स के साथ उड़कर सुरक्षा और हमला दोनों में मदद कर सके। यह बिना रनवे के उड़ान भर सकता है और इसकी पकड़ में आना दुश्मन के लिए लगभग असंभव होता है।
3. MQ-25 Stingray
यह अमेरिकी नौसेना का पहला ड्रोन है जो एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भर सकता है। इसकी सबसे खास बात है कि यह हवा में ही फाइटर जेट्स को फ्यूल रीफिलिंग कर सकता है। साथ ही, इसका उपयोग सीमित स्टील्थ ऑपरेशन के लिए भी किया जाता है।
इज़राइल के लिए क्यों अहम हैं ये Stealth Drones?
इज़राइल की सैन्य रणनीति में अमेरिका की भूमिका हमेशा से केंद्रीय रही है। हथियार, रडार, मिसाइल डिफेंस सिस्टम, साइबर सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस – हर क्षेत्र में अमेरिका, इज़राइल का प्रमुख सहयोगी है।
Stealth Drones जैसी हाईटेक तकनीक अगर इज़राइल को सक्रिय रूप से मिलती है या अमेरिका इसे साझा करता है, तो यह ईरान जैसे देशों के लिए रणनीतिक खतरे की घंटी बन सकता है। ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों और हथियार निर्माण यूनिट्स पर इन अदृश्य ड्रोन से नजर रखना या हमले की स्थिति में सटीक टारगेटिंग करना पूरी तरह संभव है।
क्या है ईरान की चिंता?
ईरान पहले भी अमेरिका के RQ-170 Sentinel ड्रोन को पकड़ने का दावा कर चुका है। लेकिन तकनीकी रूप से वह आज भी अमेरिका से काफी पीछे है। Stealth Drones के खिलाफ बचाव करना तब तक मुश्किल है जब तक आपके पास एडवांस रडार, एंटी-ड्रोन वेपन्स और सैटेलाइट मॉनिटरिंग न हो।
ईरान को डर है कि अमेरिका यदि इज़राइल को ये ड्रोन उपलब्ध कराता है, तो उसकी रक्षा प्रणाली कभी भी बड़ी चूक का शिकार हो सकती है। वहीं, अमेरिका और इज़राइल की बढ़ती सामरिक साझेदारी इसे और असहज कर रही है।
भविष्य में क्या हो सकता है?
- इज़राइल को सीमित संख्या में Stealth Drones की आपूर्ति संभव है, खासकर अगर ईरान के साथ तनाव और बढ़ता है।
- साझा मिशन या संयुक्त निगरानी ऑपरेशन शुरू हो सकते हैं, जिनमें अमेरिका और इज़राइल की एयरफोर्स मिलकर काम करेंगी।
- ईरान AI और ड्रोन डिटेक्शन टेक्नोलॉजी पर जोर देगा, जिससे वह इस खतरे को न्यूट्रलाइज़ कर सके।