भारत में हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि अधिकतर अमीर लोग अपनी आमदनी के मुकाबले बहुत कम बचत कर पा रहे हैं।
बिजनेस: भारत में हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) की संख्या पिछले एक दशक में रिकॉर्ड रफ्तार से बढ़ी है। लाखों-करोड़ों की इनकम, महंगे घर, लग्जरी गाड़ियां और विदेशी छुट्टियां, HNI की जीवनशैली में सबकुछ है… सिवाय एक ठोस वित्तीय सुरक्षा व्यवस्था के। हाल ही में जारी ‘इंडिया वेल्थ सर्वे 2025’ ने इस धारणा को तोड़ दिया है कि जो ज्यादा कमाता है, वह बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग भी करता है।
यह सर्वे Marcellus Investment Managers और Dun & Bradstreet द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें HNIs की निवेश आदतों, बचत प्रवृत्ति और जोखिम प्रबंधन की स्थिति पर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
कमाई खूब, लेकिन बचत नहीं के बराबर
रिपोर्ट में सामने आया कि कई HNI अपनी कुल आमदनी का 20% से भी कम हिस्सा ही बचा पाते हैं। 43% HNI ने माना कि टैक्स कटने के बाद उनकी बचत इतनी कम रह जाती है कि उससे भविष्य की ज़रूरतें और वित्तीय आज़ादी सुनिश्चित करना मुश्किल होता है। सर्वे में यह भी सामने आया कि 14% अमीर परिवारों के पास किसी भी प्रकार का इमरजेंसी फंड नहीं है। यह दर्शाता है कि भले ही आय का स्तर ऊँचा हो, लेकिन वित्तीय सुरक्षा की तैयारी अभी भी कमज़ोर है।
रियल एस्टेट में अत्यधिक निर्भरता
रिपोर्ट के मुताबिक, अमीर भारतीय निवेश को लेकर भी संतुलन नहीं बना पा रहे हैं। आधे से अधिक HNI अपनी संपत्ति का 20% से ज्यादा हिस्सा रियल एस्टेट में लगाते हैं। जहां एक ओर यह निवेश सुरक्षित माना जाता है, वहीं दूसरी ओर इसमें तरलता (liquidity) की कमी होती है और यह अल्पकालिक आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता।
सर्वे में बताया गया कि जिन परिवारों के पास 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, उनमें से 63% अपनी आय का 30% से अधिक बचाते हैं। फिर भी, केवल 17% ही शेयर बाजार में इतनी बड़ी हिस्सेदारी लगाते हैं, जो आम तौर पर दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण के लिए उपयोगी माना जाता है।
वित्तीय सलाह की जरूरत, लेकिन पहल नहीं
एक दिलचस्प बात यह भी सामने आई कि 82% उत्तरदाता मानते हैं कि किसी विशेषज्ञ से वित्तीय सलाह लेने से उनके लक्ष्य पूरे हो सकते हैं। बावजूद इसके, बड़ी संख्या में HNI बिना योजना के निवेश करते हैं।
सर्वे के अनुसार
- 51% अमीर लोग चाहते हैं कि उन्हें निवेश के अलग-अलग विकल्पों की सही और पूरी जानकारी दी जाए।
- 38% चाहते हैं कि कोई उन्हें बताए कि उनकी संपत्ति कैसे वितरित की जानी चाहिए।
- 32% लोग किसी विशेषज्ञ से व्यक्तिगत वित्तीय योजना बनवाने की इच्छा रखते हैं।
- यह डेटा इस ओर इशारा करता है कि जानकारी की कमी, विशेषज्ञता की अनुपस्थिति और शायद समय की कमी के कारण, बहुत से अमीर लोग निवेश और वित्तीय योजना को लेकर सतर्क नहीं हैं।
सोने और शेयर में कम दिलचस्पी
जहां 65% उत्तरदाता अपनी संपत्ति का 10–20% हिस्सा सोना और चांदी में लगाते हैं, वहीं इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश कम देखा गया। रिपोर्ट से यह भी सामने आया कि निवेश में विविधता की कमी है—जिसका असर दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण पर पड़ सकता है। 76% अल्ट्रा-HNI (बहुत अधिक संपत्ति वाले व्यक्ति) जानते हैं कि उन्हें आरामदायक रिटायरमेंट के लिए कितनी रकम चाहिए, लेकिन फिर भी योजना बनाने और उसे अमल में लाने के प्रयास कम दिखाई देते हैं।