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एनवीडिया बनी दुनिया की सबसे कीमती कंपनी, माइक्रोसॉफ्ट को छोड़ा पीछे

एनवीडिया बनी दुनिया की सबसे कीमती कंपनी, माइक्रोसॉफ्ट को छोड़ा पीछे

3 जून 2025 का दिन तकनीक और शेयर बाजार की दुनिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ है। इस दिन एनवीडिया (NVIDIA) के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई और कंपनी ने दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनने का गौरव हासिल किया। 

Nvidia stock: 3 जून 2025 को एनवीडिया के शेयरों में तेजी आई, जिससे कंपनी का मार्केट कैप 3.45 ट्रिलियन डॉलर (करीब ₹296 लाख करोड़) पहुंच गया। इस बढ़त के साथ एनवीडिया ने माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी का दर्जा हासिल कर लिया। एनवीडिया पहले से ही सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनी मानी जाती है और GPU बनाने में इसकी अहम भूमिका है।

एनवीडिया का ऐतिहासिक उछाल: टेक्नोलॉजी जगत में नया अध्याय

एनवीडिया की इस सफलता के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण है इसकी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) तकनीक में अग्रणी स्थिति। एनवीडिया ने GPUs को सिर्फ गेमिंग के लिए सीमित न रखकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा सेंटर, ऑटोनॉमस व्हीकल्स (स्वयं चलने वाली कारों), मेडिकल रिसर्च और ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी इस्तेमाल किया है।

हाल के वर्षों में AI और मशीन लर्निंग की बढ़ती मांग ने एनवीडिया के GPU चिप्स को अनिवार्य उपकरण बना दिया है। इसके कारण कंपनी के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई और वह माइक्रोसॉफ्ट तथा एप्पल जैसी दिग्गज कंपनियों को पछाड़ते हुए शीर्ष पर पहुंच गई।

एनवीडिया की तकनीकी ताकत और भारत में योगदान

एनवीडिया की ताकत इसके उत्पादों और शोध पर आधारित है। यह कंपनी GPU के क्षेत्र में विश्व की अग्रणी है, जो कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइसों को शक्तिशाली ग्राफिक्स और प्रोसेसिंग प्रदान करती है। भारत में भी एनवीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है। कंपनी के चार प्रमुख इंजीनियरिंग सेंटर हैदराबाद, पुणे, गुरुग्राम और बेंगलुरु में स्थित हैं। 

ये सेंटर रिसर्च, नई तकनीकों के विकास और ग्लोबल प्रोजेक्ट्स में सहयोग करते हैं। भारत में इन केंद्रों की वजह से एनवीडिया तकनीकी नवाचार के मामले में दुनिया की अग्रिम कतार में बनी हुई है।

एनवीडिया की स्थापना से लेकर आज तक का सफर

एनवीडिया की शुरुआत 1993 में जेन्सेन हुआंग, कर्टिस प्रीम और क्रिस मालाचोव्स्की ने संयुक्त रूप से की थी। कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में मुख्यालय के साथ यह कंपनी शुरू में गेमिंग ग्राफिक्स चिप्स बनाने के लिए जानी गई थी। समय के साथ एनवीडिया ने अपनी विशेषज्ञता को बढ़ाया और आज यह AI आधारित कंप्यूटिंग, स्वचालित वाहन, मेडिकल रिसर्च, क्रिप्टो माइनिंग जैसे अनेक उभरते क्षेत्रों में गहरा प्रभाव रखती है। कंपनी की लगातार नवाचार और R&D (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) इस सफलता की मुख्य कुंजी रही है।

बढ़ती मांग और भविष्य की संभावनाएं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग ने तकनीकी क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है। आज बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग, हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, और जटिल गणनाओं के लिए शक्तिशाली GPU की जरूरत बढ़ गई है। एनवीडिया के उत्पाद इन मांगों को पूरा करने में सबसे आगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में AI, ऑटोमेशन, और क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में निवेश और भी बढ़ेगा, जिससे एनवीडिया की ग्रोथ की गति और तेज होगी। इसके अलावा कंपनी नए-नए तकनीकी समाधानों पर काम कर रही है जो आने वाले समय में तकनीकी परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकते हैं।

एनवीडिया की सफलता से टेक जगत में हलचल

एनवीडिया के इस ऐतिहासिक उछाल ने विश्व के तकनीकी दिग्गजों के बीच प्रतिस्पर्धा की नई लकीर खींच दी है। माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल जैसी कंपनियां भी अपनी मार्केट वैल्यू बढ़ाने के लिए नई तकनीकों और सेवाओं को विकसित करने में लगी हैं, लेकिन फिलहाल एनवीडिया ने इन सभी को पीछे छोड़ दिया है।शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा भी एनवीडिया की रणनीति और नेतृत्व पर बढ़ता जा रहा है। कंपनी की वित्तीय मजबूती और लगातार बढ़ती मांग ने इसे निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बना दिया है।

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