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'हर दिन रोती थी, पर... ', शाइनी दोशी ने साझा की इंडस्ट्री में अपनी संघर्षभरी शुरुआत की कहानी

एक्ट्रेस शाइनी दोशी को टीवी इंडस्ट्री में पहचान और लोकप्रियता 'सरस्वतीचंद्र' और 'पंड्या स्टोर' जैसे लोकप्रिय शोज़ से मिली है। उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत संजय लीला भंसाली के प्रोडक्शन में बने टीवी शो 'सरस्वतीचंद्र' से की थी, जिसमें उनके अभिनय को खूब सराहा गया।

Shiny Doshi: ग्लैमर और चमक से भरी टेलीविजन इंडस्ट्री के पीछे की असलियत अक्सर परदे के पीछे ही रह जाती है। मगर टीवी एक्ट्रेस शाइनी दोशी ने हाल ही में अपने संघर्षों का वह चेहरा उजागर किया है, जो न सिर्फ दिल छू लेने वाला है, बल्कि हिम्मत और जज्बे की मिसाल भी है। ‘पंड्या स्टोर’ और ‘सरस्वतीचंद्र’ जैसे पॉपुलर शोज़ से घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाली शाइनी ने हाल ही में खुलासा किया कि उन्होंने करियर के शुरुआती दिनों में कितनी मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों का सामना किया।

शुरुआत जहां से हुई – ‘सरस्वतीचंद्र’

शाइनी दोशी ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत भंसाली प्रोडक्शन के चर्चित शो ‘सरस्वतीचंद्र’ से की थी, जिसमें उन्होंने ‘कुसुम देसाई’ का किरदार निभाया। इस शो में उनके साथ जेनिफर विंगेट और गौतम रोड़े जैसे अनुभवी कलाकार थे, जिनके बीच खुद को पाकर शाइनी शुरुआत में खुद को 'बाहरी' महसूस करती थीं।

सिद्धार्थ कनन के पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान शाइनी ने बताया, पहले ही दिन मैं रो पड़ी थी। मुझे लगता था कि मैं यहां की नहीं हूं। मुझे कुछ समझ नहीं आता था – कैमरा एंगल, डायलॉग डिलीवरी, या शूटिंग की तकनीक। मैं रोज़ शूटिंग के बाद रूम में जाकर रोती थी। कोई सपोर्ट नहीं था, ना गाइड करने वाला, ना समझाने वाला।

संजय लीला भंसाली से पहली मुलाकात ने बदली दिशा

शाइनी के मुताबिक, उन्हें ‘सरस्वतीचंद्र’ में रोल एक संयोग से मिला। वह ऑडिशन दे रही थीं और चैनल के एक प्रतिनिधि ने उनकी मां से संपर्क किया। इसके बाद उन्हें संजय लीला भंसाली से मिलने का मौका मिला। यह मुलाकात उनके करियर की दिशा बदलने वाली साबित हुई। शाइनी बताती हैं, मेरे लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा था। मैं बेहद नर्वस थी। लेकिन जब शो ऑन-एयर हुआ, तो मुझे लगा कि मेरी मेहनत रंग लाई है।

एक्ट्रेस ने बताया कि शुरुआत में उनके करीबी रिश्तेदार और समाज एक्टिंग को एक नीची नज़र से देखते थे। जब उन्होंने टेलीविजन इंडस्ट्री में कदम रखा तो कई रिश्तेदारों ने उनसे दूरी बना ली थी। लेकिन जब शो प्रसारित हुआ और उन्होंने गुजराती किरदार में खुद को पूरी सच्चाई के साथ पेश किया, तो वही लोग उनकी तारीफ करने लगे।

मैं गुजराती हूं, और शो भी गुजरात पर आधारित था। जब मेरी एक्टिंग को सराहा गया, तो जिन लोगों ने हमें पहले नीचा दिखाया था, वे अब सराहना करने लगे थे। ये एक तरह का वैलिडेशन था – मेरे लिए भी और मेरी मां के लिए भी, जिन्होंने मेरा हर कदम पर साथ दिया।

‘पंड्या स्टोर’ बना टर्निंग पॉइंट

भले ही शाइनी ने कई टीवी शोज में काम किया, लेकिन उन्हें असली लोकप्रियता ‘पंड्या स्टोर’ से मिली, जहां उन्होंने एक मजबूत महिला किरदार निभाया। इससे पहले वह ‘सरोजिनी एक नई पहल’, ‘बहू हमारी रजनीकांत’, ‘जमाई राजा’, ‘खतरों के खिलाड़ी’, ‘लाल इश्क’, ‘श्रीमद भागवत गीता’ और ‘अलिफ लैला’ जैसे शो का भी हिस्सा रहीं।

शाइनी की कहानी उन हजारों युवा एक्टर्स के लिए प्रेरणा है, जो मायानगरी की चकाचौंध में अपने सपनों की तलाश में आते हैं लेकिन राह में संघर्षों से हार मान जाते हैं। शाइनी ने दिखाया कि चाहे कितनी भी मुश्किलें हों, अगर इरादे मजबूत हों तो मंजिल जरूर मिलती है। मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था, इसलिए मैंने रोते-रोते भी आगे बढ़ना चुना। अब पीछे मुड़कर देखती हूं, तो खुद पर गर्व होता है – शाइनी दोशी।

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