झुंझुनूं में साइबर ठगों ने रिटायर्ड इंजीनियर से ट्रेडिंग के नाम पर सवा करोड़ रुपये ठग लिए। साइबर पुलिस ने 26 लाख रुपये रिकवर किए और एक आरोपी को गिरफ्तार किया, ठगों ने मजदूर को झांसा देकर खाता खुलवाया था।
झुंझुनूं: राजस्थान के झुंझुनूं जिले से एक दिलचस्प और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर को सवा करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। ठगों ने महज 15-20 दिन के भीतर ट्रेडिंग के नाम पर एक दर्जन से ज्यादा बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लिए। हालांकि, गनीमत यह रही कि साइबर थाने ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ठगी गई रकम में से करीब 26 लाख रुपये रिकवर कर लिए हैं। साथ ही, इस मामले में एक आरोपी को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है।
ठगी की शुरुआत कैसे हुई?
इस घटना की शुरुआत उस वक्त हुई जब रिटायर्ड इंजीनियर को अपने मोबाइल फोन पर एक आकर्षक निवेश का प्रस्ताव मिला। ठगों ने उन्हें यह भरोसा दिलाया कि वह आसानी से बड़े पैमाने पर पैसे कमा सकते हैं। उन्होंने रिटायर्ड इंजीनियर को ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए प्रेरित किया और धीरे-धीरे अपनी बातों में उन्हें फंसाया।
रिटायर्ड इंजीनियर ने निवेश के बारे में बातचीत शुरू की, और ठगों ने उन्हें धीरे-धीरे प्रभावित किया। इसके बाद, ठगों ने रिटायर्ड इंजीनियर से लगातार पैसे मंगवाने शुरू कर दिए। अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए, लेकिन ठगी का यह खेल तब खत्म हुआ जब इंजीनियर ने अपने किसी जानकार से यह बात साझा की। जानकार ने इसे एक ठगी का मामला बताया और इसके बाद रिटायर्ड इंजीनियर ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
कहां से आई ठगी की रकम?
साइबर थाने के प्रभारी डीएसपी रामखिलाड़ी मीणा के मुताबिक, जब इस मामले की जांच की गई, तो सामने आया कि ठगों ने इस ठगी के लिए अलग-अलग राज्यों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया था। इन राज्यों में कर्नाटका, केरल, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब शामिल थे। ठगों ने कई बैंक खातों का इस्तेमाल किया, ताकि ठगी की गई रकम को आसानी से छुपाया जा सके।
इस मामले में एक खाता सवाईमाधोपुर जिले के सूरवाल थाना इलाके के अडूंडा गांव के जितेंद्र का था। पुलिस जब जितेंद्र के पास पहुंची तो वह जयपुर में मजदूरी करता हुआ पाया गया। जब पुलिस ने जितेंद्र से पूछताछ की, तो पता चला कि ठगों ने उसे 1500 रुपये प्रति माह का लालच देकर एक खाता खुलवाया था। जितेंद्र को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि उसका खाता ठगों के काम आ रहा है।
जितेंद्र को कैसे फंसाया गया?
जितेंद्र ने स्वीकार किया कि उसे साइबर ठगों ने आसानी से अपने जाल में फंसाया। ठगों ने उसे यह विश्वास दिलाया कि उसे पैसे देने पर उसे महीने के 1500 रुपये मिलेंगे। जितेंद्र ने अपनी जानकारी के बिना ठगों के कहने पर यह खाता खुलवाया और इसका इस्तेमाल ठगों ने किया। इस मामले में पुलिस ने जितेंद्र से और भी जानकारी इकट्ठा की है और उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पुलिस कार्रवाई और ठगी की रिकवरी
साइबर थाने के अधिकारी डीएसपी रामखिलाड़ी मीणा ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की। पुलिस ने अब तक ठगी की रकम में से करीब 26 लाख रुपये रिकवर कर लिए हैं। ठगों के खिलाफ जांच जारी है, और पुलिस अन्य खाताधारकों से भी पूछताछ कर रही है। इस मामले में कुछ और आरोपियों की तलाश की जा रही है, और पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ठगी से बचने के उपाय
यह घटना एक उदाहरण है कि ऑनलाइन ठगों से बचने के लिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। यदि आपको कोई निवेश का प्रस्ताव मिलता है, तो उसे तुरंत स्वीकार करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें। किसी भी निवेश से जुड़े प्रस्तावों पर तुरंत विश्वास न करें, खासकर अगर वह बहुत अच्छा लगे या किसी तरह का झांसा दे। साइबर ठगों के जाल में फंसने से बचने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय पूरी जानकारी प्राप्त करें।
- अगर कोई अजनबी आपको पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कहे, तो उसकी जांच करें।
- किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या ईमेल का जवाब न दें।
- बैंक से जुड़ी कोई जानकारी अगर आपसे मांगी जाए, तो उसे न दें।
- शक होने पर तुरंत अपने नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें
इस घटना ने हमें यह सिखाया कि हमें अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर हमेशा जागरूक रहना चाहिए। साइबर ठग हर दिन नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। ऐसे में हमें सतर्क रहकर ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।