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Bihar Politics: चिराग पासवान को इस्तीफा देने की सलाह, पीके की बिहार राजनीति में एंट्री

प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान को इस्तीफा देने की सलाह दी और शराबबंदी को खत्म करने के वादे को हास्यास्पद बताया, जो 2016 में उनके ही डिप्टी सीएम रहते लागू हुआ था।

Bihar Politics: जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर (पीके) ने बिहार की राजनीति में कदम रखते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को इस्तीफा देने की सलाह दी है। पीके ने कहा कि चिराग पासवान का शराबबंदी खत्म करने का वादा हास्यास्पद है, क्योंकि यह कानून 2016 में उनके ही डिप्टी सीएम रहते लागू हुआ था।

पीके ने बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए, कहते हुए कि जाति गणना के बाद की गई सहायता का कोई लाभ लोगों को नहीं मिला। साथ ही उन्होंने कहा कि छोटे किसानों से जमीन सर्वे के नाम पर बड़ी रकम की नाजायज वसूली हो रही है।

11 मई से शुरू होगी पीके की यात्रा

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याणबीघा से अपनी यात्रा शुरू करने का ऐलान किया है। इस यात्रा के जरिए वह बेरोजगारी और शिक्षा के मुद्दे को प्रमुख बनाएंगे। पीके ने जनता से वादा किया कि उनकी पार्टी सरकार आने पर 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को 2000 रुपये पेंशन दी जाएगी।

पार्टी की ओर से किए गए कई बड़े दावे, जैसे गुजरात या अन्य शहरों में बच्चों को 10-15 हजार रुपये वाली नौकरी के लिए फिर से वापस नहीं जाना पड़ेगा, यह भी पीके ने जनता से साझा किया।

आंदोलन के लिए तैयार पीके

प्रशांत किशोर ने मंच से जनता को वादा किया कि वह आगामी चुनाव में नीतीश कुमार की विदाई के साथ-साथ लालू प्रसाद के पुराने जंगल राज की वापसी को भी रोकेंगे। उन्होंने इस दौरान राजनीतिक लीडरशिप से खुद को अलग बताते हुए कहा, “मैं सिर्फ जनता का प्रतिनिधि हूं।"

पीके ने खुद को जनता से जोड़ने की पूरी कोशिश की, जब उन्होंने मंच से उतरकर, हाथ में झंडा थामे और नारों के बीच अपनी यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने मंच से भीड़ से “जय बिहार, जय-जय बिहार” के नारे लगवाए।

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