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बृजभूषण शरण सिंह की अयोध्या में ‘विजय यात्रा’, समर्थकों का उमड़ा जनसैलाब

अयोध्या में बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट से मिली राहत के बाद भव्य विजय परेड निकाली। 60 गाड़ियों के काफिले और हजारों समर्थकों के साथ हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा कर राजनीतिक ताकत दिखाई।

UP News: पूर्व सांसद और कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में एक बार फिर अपनी राजनीतिक ताकत का परिचय दिया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से पॉक्सो एक्ट के तहत मिली राहत के बाद वे अपने गृह क्षेत्र अयोध्या लौटे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका विमान उतरते ही ढोल-नगाड़ों की आवाज़ से माहौल गूंज उठा और फूलों की वर्षा से उनका स्वागत हुआ। इसके बाद, उन्होंने हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना कर इस विजय यात्रा की शुरुआत की।

बृजभूषण शरण सिंह की ‘विजय परेड’

इस विजय परेड को राजनीतिक और सामाजिक रूप में एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। लगभग 60 से अधिक गाड़ियों का भव्य काफिला अयोध्या की सड़कों पर निकला, जिसमें करीब 1000 से ज्यादा समर्थक शामिल थे। युवा समर्थकों ने झंडे लहराते हुए ‘बृजभूषण जिंदाबाद’ और ‘सत्य की जीत हुई’ जैसे नारे लगाए।

यह माहौल पूरी तरह से शक्ति प्रदर्शन जैसा था, जो बृजभूषण की राजनीतिक वापसी का संदेश था। समर्थकों की इस भीड़ से स्पष्ट है कि वे अपने नेता के प्रति पूर्ण विश्वास और सम्मान रखते हैं।

धार्मिक आशीर्वाद के साथ शुरुआत

अयोध्या पहुंचकर बृजभूषण शरण सिंह ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की। बजरंगबली के आशीर्वाद के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह न्याय की जीत है। उन्होंने अपने समर्थकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनका संघर्ष सत्य की जीत का प्रतीक है और यह जीत आगे भी कायम रहेगी।

परिवार की प्रतिक्रिया

बृजभूषण के बेटे और विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हमने एक झूठे और मनगढ़ंत मामले में न्यायिक विजय प्राप्त की है। हर तथ्यहीन आरोप अब न्याय के कठघरे में धराशायी हो रहा है। यह सत्य की जीत है और यह जीत आगे भी कायम रहेगी।” प्रतीक भूषण की इस प्रतिक्रिया से साफ जाहिर होता है कि परिवार इस कानूनी लड़ाई को पूरी ताकत से लड़ रहा है और राजनीतिक तौर पर भी यह उन्हें बड़ी राहत मिली है।

आरोप और कोर्ट की राहत

बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे, जिनमें से एक शिकायतकर्ता नाबालिग थी। इस मामले ने काफी राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी थी। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की थीं — एक भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत और दूसरी पॉक्सो एक्ट के तहत।

हालांकि, पॉक्सो एक्ट से जुड़े मामले में नाबालिग शिकायतकर्ता ने आरोप वापस ले लिए, जिससे पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दायर की। इस राहत के बाद बृजभूषण की स्थिति मजबूत हुई। वहीं, यौन उत्पीड़न के दूसरे मामले में पांच महिला पहलवानों की शिकायतों के आधार पर चार्जशीट भी दायर की गई है। इस मामले की सुनवाई फिलहाल लंबित है।

कानूनी लड़ाई जारी

बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में FIR, चार्जशीट और ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को चुनौती दी है। कोर्ट ने पहले भी मामले में शिकायतकर्ता नाबालिग पहलवान को समन जारी कर 26 मई को पेश होने का निर्देश दिया था, ताकि पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं, इस पर फैसला लिया जा सके।

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