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हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, श्रद्धालुओं का पहला जत्था पंज प्यारों के नेतृत्व में रवाना

उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट आज रविवार से श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। सिख धर्म के इस प्रमुख तीर्थ स्थल पर भक्तों के प्रवेश के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 

Hemkund Sahib Yatra 2025: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के बीच हेमकुंड साहिब के द्वार भक्तों के लिए रविवार को खुलेंगे। पंज प्यारों के नेतृत्व में श्रद्धालुओं का पहला जत्था घांघरिया पहुंच चुका है। सुबह ठीक दस बजे हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए जाएंगे, और इस दिव्य क्षण का साक्षी बनने के लिए लगभग 5000 श्रद्धालु उपस्थित होंगे।हेमकुंड साहिब के दर्शन को लेकर सिख श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। 

शनिवार को गोविंदघाट के गुरुद्वारे में अखंड साहिब को भोग अर्पित किया गया और शबद कीर्तन का आयोजन हुआ। इसके बाद सुबह आठ बजे सेना और पंजाब से आए बैंड की मधुर धुनों के बीच पंज प्यारों के नेतृत्व में श्रद्धालुओं का पहला जत्था घांघरिया के लिए रवाना हुआ।

पावन अवसर पर भक्तों में उमड़ा उत्साह

श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा का आरंभ हर साल बड़ी श्रद्धा और उमंग के साथ किया जाता है। इस बार भी श्रद्धालुओं में हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने को लेकर जोश देखने लायक है। शनिवार को गोविंदघाट स्थित गुरुद्वारे में अखंड साहिब का भोग अर्पित किया गया और शबद कीर्तन के मधुर स्वर से वातावरण भक्तिमय हो उठा। सुबह 8 बजे पंजाब और सेना से आए बैंड के संगीत की धुन के बीच पंज प्यारों की अगुवाई में पहला जत्था घांघरिया के लिए रवाना हुआ।

गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि पहला जत्था शनिवार शाम चार बजे घांघरिया पहुंच चुका था। रविवार सुबह पांच बजे से श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के लिए पैदल यात्रा शुरू करेंगे। वहीं सुबह दस बजे श्रद्धालुओं के लिए हेमकुंड साहिब के कपाट विधिवत रूप से खोल दिए जाएंगे। ट्रस्ट ने इस पावन अवसर के लिए पूरी तैयारी कर रखी है ताकि यात्रा शांतिपूर्ण और सहज रूप से संपन्न हो सके।

टूटा पुल बना यात्रा की बाधा, अब नई उपलब्धि

दो महीने पहले हेमकुंड साहिब जाने वाले मुख्य वाहन पुल के टूटने से यात्रा बाधित होने का खतरा मंडराने लगा था। लेकिन सरकार और प्रशासन की तत्परता के चलते नया पुल अत्यंत शीघ्र बनकर तैयार हो गया है। यह पुल यात्रा की सुगमता के लिए बेहद अहम है। इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी श्रेय दिया जा रहा है, जिन्होंने अधिकारियों को इस कार्य में दिन-रात लगे रहने के निर्देश दिए।

गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि यात्रा से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई हैं। सुबह छह बजे से संगत हेमकुंड साहिब के रास्ते पर अपनी यात्रा प्रारंभ कर देगी। कपाट खुलने के बाद पहली अरदास के साथ हेमकुंड साहिब यात्रा आधिकारिक रूप से शुरू हो जाएगी।

13 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा के रास्ते पर रौनक

हेमकुंड साहिब की यात्रा गोविंदघाट से शुरू होकर पैदल पवित्र स्थान तक करीब 13 किलोमीटर लंबी होती है। इस मार्ग पर श्रद्धालुओं के ठहराव के लिए होटल, ढाबे और दुकानें पहले ही खुल चुकी हैं। इस साल भी यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो चुकी है, जिससे आसपास की आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिला है। गोविंदघाट से पुलना तक वाहन सेवा उपलब्ध है, जबकि पुलना से हेमकुंड साहिब तक की यात्रा पैदल करनी पड़ती है।

हेमकुंड साहिब सिखों के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है और सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा हुआ है। हर वर्ष हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आकर अपने धार्मिक कर्तव्य का पालन करते हैं।

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