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कर्नाटक में बीजेपी की बड़ी कार्रवाई: दो विधायकों को पार्टी से निकाला, अनुशासनहीनता बनी वजह

कर्नाटक में बीजेपी की बड़ी कार्रवाई: दो विधायकों को पार्टी से निकाला, अनुशासनहीनता बनी वजह
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

कर्नाटक बीजेपी ने विधायकों एसटी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित किया। ये फैसला राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और अनुशासनहीनता के बाद लिया गया।

Karnataka: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने दो वरिष्ठ विधायकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी विरोधी गतिविधियों और बार-बार अनुशासन तोड़ने के आरोप में बीजेपी ने एसटी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई पार्टी हाईकमान के फैसले के बाद हुई, जिसमें दोनों नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

बीजेपी ने क्यों उठाया बड़ा कदम

बीजेपी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने इस कार्रवाई की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि एसटी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार ने बार-बार पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन किया। यही वजह है कि उन्हें पार्टी से बाहर निकालने का फैसला लिया गया। दोनों नेताओं पर अनुशासनहीनता के साथ-साथ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप थे। खासकर मार्च 2024 के राज्यसभा चुनाव के दौरान जब सोमशेखर ने कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन के लिए क्रॉस वोटिंग की और हेब्बार ने वोटिंग से पूरी तरह दूरी बना ली, तब से ही पार्टी में इनके खिलाफ असंतोष था।

पार्टी विरोधी गतिविधियों की लंबी लिस्ट

बीजेपी की केंद्रीय अनुशासन समिति ने भी इन नेताओं पर अनुशासनहीनता के कई मामलों का हवाला दिया। सचिव ओम पाठक द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि एसटी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निलंबित किया गया है। इसके तहत अब ये नेता पार्टी के किसी भी पद पर नहीं रहेंगे और उनके खिलाफ जारी कार्रवाई भी आगे बढ़ेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों विधायकों के खिलाफ कई FIR दर्ज हैं और उनकी जांचें भी चल रही हैं।

पार्टी में बढ़ रही बगावत

बीजेपी की इस कार्रवाई के बाद कर्नाटक की सियासत में हलचल मच गई है। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने इस मुद्दे पर तीखा बयान देते हुए कहा कि बीजेपी में कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहे नेता पार्टी में सुरक्षित हैं, लेकिन एसटी सोमशेखर और शिवराम हेब्बार पर कार्रवाई कर दी गई। शिवकुमार ने कहा, "नहीं, एसटी सोमशेखर और शिवराम हेब्बार ने विधान सौध में किसी का रेप नहीं किया। लेकिन फिर भी कार्रवाई हुई। कई विधायकों ने विपक्षी नेता को एड्स का इंजेक्शन देने की कोशिश की, दूसरों ने येदियुरप्पा को फंसाने की कोशिश की, लेकिन उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया।"

बीजेपी में सख्त अनुशासन का संदेश

बीजेपी ने इस कार्रवाई के जरिए अपने संगठन में अनुशासन और पार्टी लाइन का पालन अनिवार्य करने का संदेश दिया है। पार्टी चाहती है कि कोई भी नेता चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, अनुशासन तोड़ने की स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, इस फैसले के बाद पार्टी में आंतरिक खींचतान और असंतोष बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है।

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