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'मैं मनोरंजन के लिए नहीं आई थी': Miss England मिला मैगी ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता को बताया ‘अपमानजनक’

'मैं मनोरंजन के लिए नहीं आई थी': Miss England मिला मैगी ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता को बताया ‘अपमानजनक’
अंतिम अपडेट: 26-05-2025

मिस इंग्लैंड 2024 की विजेता मिला मैगी ने हाल ही में एक साहसिक बयान देकर सुर्खियां बटोरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के दौरान उन्हें और अन्य प्रतिभागियों को अमीर पुरुष प्रायोजकों के सामने परेड करने के लिए कहा गया था, जो उन्हें असहज और अस्वाभाविक लगा। 

नई दिल्ली: ग्लैमर और सौंदर्य की दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित आयोजन मानी जाने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता इस बार विवादों में घिर गई है। वजह बनी हैं मिस इंग्लैंड 2024 विजेता मिला मैगी, जिन्होंने आयोजन के बीच में ही शो को अलविदा कह दिया। लेकिन उन्होंने केवल प्रतियोगिता नहीं छोड़ी, बल्कि इसके पीछे की ‘अंदरूनी हकीकत’ को भी दुनिया के सामने उजागर कर दिया।

मिला मैगी का कहना है कि यह प्रतियोगिता महिलाओं को सशक्त बनाने की बजाय उन्हें प्रदर्शन करने वाले उत्पाद के तौर पर प्रस्तुत करती है। उन्होंने आयोजकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शो का हिस्सा बनने के दौरान उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे उन्हें वेश्या जैसा पेश किया जा रहा है।

बोलने का फैसला क्यों लिया?

शुरुआत में, 7 मई को जब मैगी प्रचार कार्यक्रमों के लिए हैदराबाद पहुंचीं थीं, तब उन्होंने प्रतियोगिता में शामिल होने को लेकर उत्साह जाहिर किया था। लेकिन 16 मई को उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए प्रतियोगिता छोड़ दी। हालांकि अब उन्होंने चुप्पी तोड़ते हुए अपने फैसले की वास्तविक वजह सबके सामने रख दी है।

उन्होंने बताया, मुझे ऐसा लग रहा था कि हमें अमीर पुरुषों के सामने परेड करने के लिए रखा गया है। एक-एक टेबल पर दो-दो प्रतियोगियों को बैठाया गया और उनसे पूरे समय मेहमानों के साथ रहने और उनका मनोरंजन करने की उम्मीद की गई। यह सब बहुत अपमानजनक था।

‘यह शो महिलाओं की गरिमा के खिलाफ है’

मैगी ने आरोप लगाया कि प्रतियोगिता की आड़ में महिलाओं से अनुचित व्यवहार किया जा रहा था। उन्हें भारी मेकअप, लगातार गाउन पहनने और बिना किसी ब्रेक के सुबह से रात तक सामाजिक आयोजनों में हिस्सा लेने को कहा गया। उन्होंने कहा, मैं इस प्रतियोगिता में बदलाव लाने और महिलाओं की आवाज बनने के इरादे से आई थी। लेकिन यहां आकर मुझे ऐसा महसूस हुआ कि हमें केवल सजावटी वस्तु की तरह ट्रीट किया जा रहा है।

मिला मैगी ने बताया कि उन्हें कई मौकों पर बोलने या असहमति जताने का अवसर तक नहीं मिला। प्रतियोगिता में महिलाओं को केवल सजावटी चीजों की तरह प्रस्तुत किया जा रहा था। हर बार यही निर्देश मिलते थे, ज्यादा मुस्कुराओ, ज्यादा मेकअप करो, और बिना थके पूरे दिन गाउन में दिखो। उनके अनुसार, यह प्रतियोगिता अब अपने उद्देश्य से भटक चुकी है और यह महिलाओं को सशक्त बनाने की बजाय उन्हें वस्तु की तरह पेश कर रही है।

प्रतियोगिता में बदलाव की जरूरत

मैगी ने यह भी कहा कि मिस वर्ल्ड जैसे बड़े मंच पर अगर आज भी पितृसत्तात्मक सोच और दिखावटी सौंदर्य को ही प्राथमिकता दी जा रही है, तो यह पूरे उद्देश्य को विफल करता है। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता को खुद को बदलना होगा। यह 1960 के दशक की सोच में अटका हुआ है। आज की महिला केवल सुंदर दिखने के लिए नहीं है, वह अपनी बात कह सकती है और अपने आत्म-सम्मान से समझौता नहीं करेगी।

फिलहाल मिस वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन की ओर से मिला मैगी के इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इस घटनाक्रम ने प्रतियोगिता की पारदर्शिता और नैतिकता पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।

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