जेंट्री थॉमस, जो डोनाल्ड ट्रंप के करीबी हैं, ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में अरबों डॉलर के निवेश की योजना बनाई है। सिंधु नदी के पास सोने की खान की खोज और विकास भी उनके प्लान में शामिल है।
America: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के महज 10 दिन बाद ही टेक्सास के निवेशक जेंट्री थॉमस ने पाकिस्तान के दौरे से दक्षिण एशिया की राजनीति और आर्थिक परिदृश्य में हलचल मचा दी। ट्रंप जूनियर के करीबी और व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस के साथी, थॉमस ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में अरबों डॉलर के निवेश का वादा किया है। खास बात यह है कि वह सिंधु नदी के किनारे मिले सोने (प्लेसर गोल्ड) की खान की खोज और विकास में भी सक्रिय हैं। आइए विस्तार से समझते हैं जेंट्री थॉमस कौन हैं, उनका ट्रंप से क्या संबंध है और वे पाकिस्तान-बांग्लादेश में क्या बड़ा प्लान लेकर आए हैं।
जेंट्री थॉमस कौन हैं और उनका ट्रंप से रिश्ता
जेंट्री थॉमस टेक्सास के रहने वाले एक निवेशक और बिजनेसमैन हैं। वे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के बहुत पुराने दोस्त हैं। दोनों ने 1990 के दशक में पेंसिल्वेनिया की व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस में साथ पढ़ाई की थी। थॉमस ने ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के महज 10 दिन बाद ही पाकिस्तान में अरबों डॉलर के निवेश की योजनाओं के साथ कदम रखा।
उनकी कंपनी ‘वाइट ब्रिज ग्लोबल’ नाम से काम करती है, जो विभिन्न सेक्टर्स में निवेश के लिए जानी जाती है। थॉमस ने खुद को ट्रंप का करीबी बताया और कहा कि उनका दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति की आर्थिक कूटनीति का हिस्सा है।
पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश और सोने की खान
जेंट्री थॉमस ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की और अरबों डॉलर के निवेश का वादा किया। उन्होंने कहा कि उनका फोकस खनिज, रियल एस्टेट, और प्रॉपर्टी सेक्टर में है। खासतौर पर, थॉमस ने पाकिस्तान में लग्जरी इमारतें बनाने की योजना बताई जो पहले कभी नहीं बनी होंगी।
इसके अलावा, थॉमस ने पाकिस्तान की कंपनी ‘एपेक्स एनर्जी’ के साथ एक महत्वपूर्ण डील की, जिसका मकसद सिंधु नदी के किनारे मिले ‘प्लेसर गोल्ड’ यानी सोने की खान की खोज और उसका विकास करना है।
पाकिस्तान की नेशनल इंजिनियरिंग सर्विसेज ने हाल ही में दावा किया था कि सिंधु नदी के पास अटक जिले में करीब 80,000 करोड़ रुपये मूल्य का प्लेसर गोल्ड ब्लॉक मिला है। इस सोने की कीमत अरबों डॉलर में आंकी गई है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ पाकिस्तान (जीएसपी) ने भी पंजाब और खैबर पख्तूनख्वाह के कुछ इलाकों में खनिजों और बहुमूल्य धातुओं की मौजूदगी की पुष्टि की है।
यह सोना लाखों साल पहले हिमालय से बहकर सिंधु नदी के तलछटों में जमा हुआ माना जाता है। इस खोज ने पाकिस्तान में निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ा दी है।
बांग्लादेश में भी बड़ा निवेश प्लान
पाकिस्तान के बाद जेंट्री थॉमस का अगला पड़ाव बांग्लादेश था। उन्होंने ढाका में आर्थिक विशेषज्ञ मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की और देश में भारी निवेश का प्रस्ताव रखा। थॉमस ने कहा कि उनकी कंपनी रियल एस्टेट, कम लागत वाले सामाजिक आवास, एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग में निवेश करना चाहती है।
थॉमस ने बांग्लादेश की सरकार की प्रगति की तारीफ की और कहा कि देश में कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है। उन्होंने हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अन्याय के मुद्दे को नजरअंदाज करते हुए बांग्लादेश में निवेश के लिए उत्साह जताया।
तुर्की और दुबई में भी कारोबार
जेंट्री थॉमस सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश तक ही सीमित नहीं हैं। वे तुर्की में भी सक्रिय हैं। अप्रैल 2024 में उन्होंने दुबई में तुर्की की टेरा होल्डिंग के साथ तेल और खनन सेक्टर में एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।
भारत पर असर और क्षेत्रीय राजनीति
जेंट्री थॉमस की ये गतिविधियां भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। ट्रंप ने 10 मई को दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में मध्यस्थता की है। उन्होंने दोनों देशों को अमेरिका के साथ व्यापारिक साझेदारी बनाने का सुझाव दिया, जिसे भारत ने स्पष्ट रूप से खारिज किया।
पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल फाइनेंसिंग
पाकिस्तान ने हाल ही में अमेरिकी परिवार से जुड़े वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ एक बड़ा क्रिप्टोकरेंसी डील किया है। पाकिस्तान का मकसद दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनना है।
इस डील में अमेरिकी राष्ट्रपति के करीबी लोग शामिल हैं, जो पाकिस्तान को डिजिटल फाइनेंसिंग के नए युग में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। यह कदम पाकिस्तान की आर्थिक संभावनाओं को नई दिशा दे सकता है।