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विराट कोहली के अधूरे सपने: टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद अब कभी पूरे नहीं हो पाएंगे ये 5 ख्वाब

भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया। कोहली ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी।

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा विराट कोहली, जो टेस्ट क्रिकेट में भारत का गौरव बने, ने हाल ही में इस फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की। 123 टेस्ट मैचों में 30 शतक और 31 अर्धशतकों के साथ 9230 रन बनाने वाले विराट ने 2011 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उनके इस फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। 

विराट कोहली की क्रिकेट यात्रा ने कई रिकॉर्ड्स को अपने नाम किया है, लेकिन कुछ अधूरे सपने अब कभी नहीं पूरे हो सकेंगे। आइए जानते हैं उन पांच बड़े सपनों के बारे में जो विराट कोहली अब कभी नहीं पूरे कर पाएंगे।

1. पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेल पाना

विराट कोहली का यह सपना अधूरा रह गया कि वह पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट खेल सकें। हालांकि, इसमें कोहली की कोई गलती नहीं थी, क्योंकि जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया, तब से ही भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज पूरी तरह से समाप्त हो गई थी। इसके चलते विराट कोहली पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में कभी नहीं खेल पाए। 

क्रिकेट प्रेमी हमेशा इस स्थिति को लेकर खेद व्यक्त करते हैं, क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ खेलना विराट के करियर का एक बड़ा और यादगार पल हो सकता था।

2. टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने से चूकना

विराट कोहली ने जिस तरह से टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया, वह सचमुच प्रेरणादायक था। वह टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन के आंकड़े तक पहुंचने के बेहद करीब थे, लेकिन अब इस सपने को पूरा करने का मौका उन्हें नहीं मिलेगा। इंग्लैंड दौरे के दौरान यदि विराट खेलते तो वह इस आंकड़े को पार कर सकते थे। 

विराट कोहली केवल 770 रन दूर थे, और अगर उन्होंने इस आंकड़े को छुआ होता, तो वह 10,000 रन बनाने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बन जाते। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सुनील गावस्कर के बाद इस आंकड़े को छूने का गौरव विराट को मिल सकता था, लेकिन अब यह सपना अधूरा रह जाएगा।

3. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा शतक बनाने का रिकॉर्ड

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) में विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर दोनों ही 9-9 शतकों के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं। अगर विराट कोहली कुछ और साल टेस्ट क्रिकेट में रहते, तो वह इस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन सकते थे। लेकिन अब उनका यह सपना भी पूरा नहीं होगा, क्योंकि वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं।

4. 100 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने से रह जाना

विराट कोहली के नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने का रिकॉर्ड हासिल करने का सपना था, जो कि सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में हासिल किया है। हालांकि, विराट कोहली के पास अब इस रिकॉर्ड को तोड़ने का समय नहीं बचा है। उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास लिया है, और अब केवल वनडे क्रिकेट में ही खेलेंगे। विराट को अभी 18 शतक और लगाने थे, लेकिन उनके वनडे करियर के भी समापन के संकेत मिलने के कारण यह सपना अब कभी पूरा नहीं हो सकेगा।

5. WTC (वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप) में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड

विराट कोहली ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन वह रोहित शर्मा से पीछे रहे। रोहित शर्मा ने 40 मैचों में 2716 रन बनाए हैं, जबकि विराट कोहली ने 46 मैचों में 2617 रन बनाए हैं। यदि विराट कोहली ने संन्यास न लिया होता, तो वह रोहित का रिकॉर्ड तोड़ सकते थे। यह भी एक अधूरा सपना बनकर रह गया।

विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने कुछ अधूरे सपने छोड़ दिए हैं, जो अब कभी पूरे नहीं हो सकेंगे। हालांकि, विराट ने क्रिकेट जगत में अपनी छाप छोड़ी है, और उनका करियर हमेशा याद किया जाएगा। चाहे वह पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने का सपना हो या 10,000 रन बनाने का, विराट कोहली का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। क्रिकेट प्रेमियों के लिए वह एक आइकॉन और प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

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