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Asian Athletics Championship 2025: भारत का दमदार प्रदर्शन, अब तक जीते 8 गोल्ड मेडल

Asian Athletics Championship 2025: भारत का दमदार प्रदर्शन, अब तक जीते 8 गोल्ड मेडल

साउथ कोरिया के गुमी शहर में चल रही एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारतीय एथलीटों का प्रदर्शन बेहद शानदार और गर्व से भर देने वाला रहा है। भारत ने अब तक इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में 8 गोल्ड मेडल जीते है।

स्पोर्ट्स न्यूज़: एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का समापन भले ही 31 मई को हो रहा हो, लेकिन भारतीय एथलीटों का जोश, जुनून और जज्बा पहले ही भारत को इस चैंपियनशिप की सबसे प्रभावशाली टीमों में शामिल कर चुका है। साउथ कोरिया के गुमी शहर में आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत अब तक कुल 18 पदक जीतकर मेडल टैली में दूसरे स्थान पर काबिज है। भारत ने अब तक 8 स्वर्ण, 7 रजत और 3 कांस्य पदक हासिल किए हैं, और इस शानदार प्रदर्शन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय एथलेटिक्स अब विश्व स्तर पर चुनौती पेश करने की दिशा में अग्रसर है।

गुलवीर सिंह ने दोहरी जीत से रचा इतिहास

भारत के लिए सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रहे गुलवीर सिंह, जिन्होंने एक नहीं बल्कि दो स्वर्ण पदक जीतकर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। गुलवीर ने पहले 10,000 मीटर दौड़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण जीता और फिर 5,000 मीटर दौड़ में भी 13:24.77 के समय के साथ अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इस प्रदर्शन के साथ वे चैंपियनशिप के सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ियों में शुमार हो गए हैं।

गुलवीर की रेस न सिर्फ उनकी फिटनेस का प्रमाण थी, बल्कि यह उनके रणनीतिक कौशल और आत्मविश्वास की भी झलक थी। खास बात यह रही कि उन्होंने फिनिशिंग लैप्स में प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए स्पष्ट बढ़त बनाई।

पूजा सिंह की ऐतिहासिक छलांग

महिला हाई जंप में 18 वर्षीय पूजा सिंह ने इतिहास रचते हुए 1.89 मीटर की कूद लगाकर न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि साल 2000 के बाद पहली भारतीय महिला एथलीट बन गईं जिन्होंने इस स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है। पूजा का यह प्रदर्शन न सिर्फ उनके करियर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ था, बल्कि उन्होंने साबित किया कि भारतीय महिला एथलीट अब किसी भी मंच पर पीछे नहीं हैं।

पूजा की जंप को देखकर दर्शकों के साथ-साथ कोचिंग स्टाफ भी अभिभूत रह गया। युवा उम्र में ऐसा प्रदर्शन आने वाले वर्षों में भारत को और भी सफलता दिलाने का संकेत है।

हेप्टाथलॉन में नंदिनी अगासरा का जलवा

भारत की नंदिनी अगासरा ने हेप्टाथलॉन में शानदार 5941 अंकों के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हेप्टाथलॉन जैसी कठिन बहु-इवेंट प्रतियोगिता में यह स्कोर भारत के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। नंदिनी ने सभी सात इवेंट्स में निरंतरता और सामंजस्य दिखाते हुए यह अंक जुटाए। उनकी जीत इस बात की मिसाल है कि भारत में अब स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग और विविध इवेंट्स में प्रतिस्पर्धा की तैयारी भी उच्च स्तर पर की जा रही है।

भारत की बढ़ती ताकत: पदक तालिका में दूसरा स्थान

30 मई तक भारत कुल 18 पदकों के साथ चीन (26 पदक) के बाद दूसरे स्थान पर बना हुआ है। जापान हालांकि 24 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर है, लेकिन भारत के गोल्ड मेडल की संख्या अधिक (8) होने की वजह से वह अभी रैंकिंग में ऊपर है।

रैंक

देश

गोल्ड

सिल्वर

ब्रॉन्ज

कुल

1

चीन

15

8

3

26

2

भारत

8

7

3

18

3

जापान

4

10

10

24

4

कजाकिस्तान

2

0

3

5

5

कतर

2

0

1

3

कोचिंग और प्रशिक्षण में आई क्रांति

भारत के इस प्रदर्शन के पीछे न केवल खिलाड़ियों की मेहनत है, बल्कि भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन (AFI) की रणनीति, बेहतर बुनियादी ढांचे और विदेशी कोचिंग सपोर्ट का भी बड़ा योगदान है। बीते वर्षों में खिलाड़ियों को नियमित अंतरराष्ट्रीय exposure, मानसिक मजबूती पर काम और पोषण संबंधी सपोर्ट मिला है जिसका असर अब मैदान पर देखने को मिल रहा है।

31 मई को चैंपियनशिप का अंतिम दिन है, और भारतीय दल की नजरें अब पदकों की संख्या में और इज़ाफा करने पर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत कुछ और इवेंट्स में पदक की दौड़ में है, जिससे कुल आंकड़ा 20 पार हो सकता है।

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