दुनिया की सबसे चर्चित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनियों में से एक, OpenAI, और टेक जायंट Microsoft के बीच एक बार फिर बड़ी बातचीत चल रही है।
टेक्नोलॉजी: दुनिया की सबसे चर्चित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनियों में से एक, OpenAI, और टेक जायंट Microsoft के बीच एक बार फिर बड़ी बातचीत चल रही है। इस बार चर्चा का केंद्र है – OpenAI की फंडिंग और संभावित IPO (Initial Public Offering)। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कंपनियां अपनी मौजूदा साझेदारी की शर्तों को फिर से तय कर रही हैं, जिससे OpenAI को भविष्य में पब्लिक होने यानी IPO लाने की अनुमति मिल सके।
Microsoft और OpenAI की साझेदारी में नया मोड़
Microsoft और OpenAI की पार्टनरशिप अब तक टेक इंडस्ट्री में सबसे महंगी और रणनीतिक साझेदारियों में मानी जाती है। Microsoft ने अब तक $13 बिलियन (लगभग ₹1,10,000 करोड़) से अधिक का निवेश OpenAI में किया है। लेकिन अब सवाल यह है कि OpenAI की नयी "for-profit" स्ट्रक्चर में इस निवेश के बदले Microsoft को कितनी हिस्सेदारी दी जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार, Microsoft एक नई शर्त के तहत 2023 के बाद डेवलप की गई टेक्नोलॉजी तक एक्सक्लूसिव एक्सेस के बदले अपनी कुछ इक्विटी छोड़ने को तैयार है। यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है ताकि OpenAI भविष्य में सार्वजनिक रूप से लिस्ट हो सके और नए निवेशकों को आकर्षित कर सके।
IPO की राह में Microsoft बनेगा सहयोगी
OpenAI की मौजूदा संरचना 'capped-profit' है, यानी यह संगठन सीमित लाभ कमाने वाली कंपनी के रूप में काम करता है। लेकिन अगर OpenAI को IPO लाना है, तो उसे अपनी कॉर्पोरेट संरचना और मौजूदा शेयरहोल्डिंग शर्तों को फिर से लिखना होगा। इस दिशा में Microsoft और OpenAI मिलकर काम कर रहे हैं ताकि किसी भी कानूनी और वित्तीय अड़चनों को पहले ही सुलझाया जा सके।
क्यों जरूरी है ये बदलाव?
AI सेक्टर में तेजी से बढ़ रही प्रतिस्पर्धा और नए इनोवेशन की होड़ के बीच, OpenAI को आगे बने रहने के लिए नए निवेश की जरूरत है। IPO यानी शेयर बाजार में लिस्टिंग एक ऐसा रास्ता है जिससे कंपनी को पब्लिक से फंडिंग मिल सकती है। इससे OpenAI अपने रिसर्च प्रोजेक्ट्स और बड़े तकनीकी इनोवेशन पर ज्यादा फोकस कर पाएगी। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि कंपनी अपने पुराने निवेश और साझेदारियों की शर्तों को लचीला बनाए और एक मजबूत कॉर्पोरेट ढांचा तैयार करे।
पुराने एग्रीमेंट की समीक्षा
रिपोर्ट के अनुसार, Microsoft और OpenAI 2019 में किए गए शुरुआती $1 बिलियन निवेश समझौते की शर्तों की भी समीक्षा कर रहे हैं। यह एग्रीमेंट उस समय किया गया था जब OpenAI पूरी तरह नॉन-प्रॉफिट मोड में काम कर रही थी। लेकिन अब कंपनी की संरचना और काम करने का तरीका पूरी तरह बदल गया है। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि पुराने समझौते को आज के बिजनेस मॉडल के हिसाब से दोबारा देखा जाए। इससे दोनों कंपनियों के बीच पारदर्शिता बनी रहेगी और भविष्य की योजनाएं भी बेहतर तरीके से बनाई जा सकेंगी।
Microsoft की रणनीति में बड़ा बदलाव
Microsoft ने हाल ही में अमेरिका में $500 बिलियन के नए AI डेटा सेंटर्स बनाने की योजना का ऐलान किया है। इसमें Oracle और जापान की SoftBank जैसी कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर शामिल हैं। यह कदम Microsoft की AI फोकस्ड रणनीति को और मजबूत करता है। इस नए माहौल में, Microsoft को OpenAI के साथ अपने रिश्ते को और ज्यादा स्पष्ट, लाभकारी और रणनीतिक बनाना होगा।
निवेशकों से Revenue Sharing का वादा
The Information की रिपोर्ट के मुताबिक, OpenAI ने अपने निवेशकों को यह संकेत दिया है कि कंपनी अब Microsoft के साथ Revenue Sharing Model अपनाएगी। इसका मतलब यह है कि अब कंपनी से होने वाली कमाई का एक हिस्सा Microsoft के अलावा अन्य निवेशकों को भी मिलेगा। यह कदम OpenAI की फंडिंग प्रणाली को ज्यादा पारदर्शी और संतुलित बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है। इससे अन्य निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा और कंपनी को भविष्य में और फंडिंग प्राप्त करने में आसानी होगी।
अगर आप टेक और AI इंडस्ट्री में दिलचस्पी रखते हैं, तो OpenAI और Microsoft की यह डील आने वाले समय में बड़े बदलावों की नींव रख सकती है। यह न केवल निवेशकों के लिए नया अवसर है, बल्कि पब्लिक को भी AI इनोवेशन में हिस्सा लेने का मौका देगा।