नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करना आज के दौर में सबसे लोकप्रिय और आसान तरीकों में से एक बन चुका है। इसके माध्यम से निवेशक हर महीने छोटी-छोटी किस्तों में पैसा लगाकर लंबी अवधि में बड़ा फंड बना सकते हैं। हालांकि, एक आम सवाल अक्सर उठता है कि आखिर सैलरी के हिसाब से SIP में कितना निवेश करना सही रहेगा?
यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि सही प्लानिंग से न सिर्फ भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है, बल्कि रोजमर्रा की जरूरतों पर भी असर नहीं पड़ता। इस लेख में हम आपको एक आसान फॉर्मूला और उदाहरण की मदद से समझाएंगे कि आपकी सैलरी के अनुसार कितना निवेश उपयुक्त है।
SIP में निवेश के लिए अपनाएं 50:30:20 फॉर्मूला
फाइनेंशियल प्लानिंग में 50:30:20 रूल को काफी असरदार माना जाता है। यह फॉर्मूला सैलरी को तीन हिस्सों में बांटने की सलाह देता है:
- 50%: जरूरी खर्चों के लिए (रेंट, ग्रॉसरी, बिल आदि)
- 30%: लाइफस्टाइल खर्चों के लिए (शौक, घूमना, एंटरटेनमेंट)
- 20%: सेविंग और निवेश के लिए
यानी आपकी कुल सैलरी का 20% हिस्सा निवेश में जाना चाहिए, जिसमें SIP एक प्रभावी विकल्प हो सकता है।
उदाहरण से समझें SIP अमाउंट की गणना
मान लीजिए आपकी महीने की सैलरी ₹30,000 है।
- 50% यानी ₹15,000 आप आवश्यक खर्चों पर खर्च करते हैं।
- 30% यानी ₹9,000 आप अपनी इच्छाओं और लाइफस्टाइल पर खर्च करते हैं।
- 20% यानी ₹6,000 आप सेविंग और निवेश के लिए अलग रखते हैं।
इस ₹6,000 को आप SIP में पूरा भी निवेश कर सकते हैं या फिर इसे दो हिस्सों में बांटकर ₹3,000 SIP और ₹3,000 अन्य सुरक्षित निवेश विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट या पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में लगा सकते हैं।
SIP में निवेश का समय जितना लंबा, रिटर्न उतना बेहतर
SIP की सबसे बड़ी खासियत इसकी कंपाउंडिंग पावर है। अगर आप 10 से 15 साल तक नियमित निवेश करते हैं, तो आपको म्यूचुअल फंड से औसतन 12-14% का रिटर्न मिल सकता है। यह बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है, लेकिन लंबी अवधि में यह रिटर्न स्थिर और लाभकारी होता है।
सैलरी के आधार पर SIP में निवेश की योजना बनाना आसान है, बस सही कैलकुलेशन और अनुशासन की जरूरत है। 50:30:20 रूल को अपनाकर आप संतुलित फाइनेंशियल लाइफ जी सकते हैं और भविष्य के लिए मजबूत फाइनेंशियल फाउंडेशन तैयार कर सकते हैं।