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अनुष्का-विराट की अयोध्या यात्रा: जानें हनुमानगढ़ी मंदिर का महत्व और क्यों राम दर्शन से पहले जरूरी है यहां मत्था टेकना

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अयोध्या, जो भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में विश्व विख्यात है, धार्मिक आस्था और श्रद्धा का अनोखा केंद्र है। इस पवित्र नगरी में कई ऐसे मंदिर और स्थलों का संयोग है, जहां हर साल लाखों भक्त पहुंचते हैं। इनमें से एक प्रमुख और अत्यंत मान्यता प्राप्त स्थल है — हनुमानगढ़ी मंदिर। यह मंदिर न केवल अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, बल्कि यहाँ की धार्मिक परंपराओं में इसकी एक खास जगह भी है। हाल ही में भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी विराट कोहली और उनकी पत्नी बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने इसी प्राचीन हनुमानगढ़ी मंदिर में मत्था टेककर अपनी आस्था का परिचय दिया, जिससे इस मंदिर की महत्ता फिर से सबके सामने आई। आइए जानते हैं हनुमानगढ़ी मंदिर की पौराणिक और धार्मिक मान्यताएं, इसकी इतिहासिक पृष्ठभूमि और क्यों यहां जाना बनता है श्रीराम के दर्शन से पहले जरूरी।

हनुमानगढ़ी मंदिर का इतिहास और धार्मिक महत्व

हनुमानगढ़ी मंदिर लगभग 1000 साल पुराना है और इसे हनुमान जी का निवास स्थान माना जाता है। पुराणों में वर्णित है कि भगवान श्रीराम के राज्य काल में हनुमान जी यहीं रहते थे। रामायण के अनुसार, लंका विजय के बाद श्रीराम ने हनुमान जी को अयोध्या में यह विशेष स्थान दिया था, ताकि वे वहां रहकर सभी भक्तों की रक्षा कर सकें और उनकी हर मनोकामना पूरी कर सकें।

एक महत्वपूर्ण धार्मिक मान्यता यह भी है कि जो कोई भी भक्त श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या आए, उसे पहले हनुमान जी के दर्शन करना अनिवार्य है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की अनुमति के बिना रामलला के दर्शन अधूरे ही रह जाते हैं। यही वजह है कि अयोध्या के ज्यादातर भक्त रामलला के मंदिर जाने से पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में जाकर हनुमान जी का आशीर्वाद लेते हैं।

हनुमानगढ़ी मंदिर का वास्तुशिल्प भी अपने आप में अद्भुत है। इसका निर्माण पत्थरों से अत्यंत बारीकी और धार्मिक विधि-विधान के साथ हुआ है। मंदिर के अंदर स्थित हनुमान जी की मूर्ति अत्यंत प्रभावशाली और भक्तों के लिए सुकून देने वाली है। यहां भक्तों की आस्था इतनी प्रगाढ़ है कि हर दिन हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और हनुमान चालीसा का जाप करते हुए भगवान से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

अनुष्का शर्मा और विराट कोहली की हनुमानगढ़ी दर्शन यात्रा

हाल ही में क्रिकेटर विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर अपनी जिंदगी में आध्यात्मिकता को महत्व देना शुरू किया है। उनकी पत्नी और बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ वे वृंदावन में संत प्रेमानंद जी के आश्रम भी गए थे। इस धार्मिक यात्रा के बाद अब वे अयोध्या के पावन भूमि पर आए और हनुमानगढ़ी मंदिर में मत्था टेककर भगवान हनुमान से आशीर्वाद प्राप्त किया।

यह यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे आज के युवा सितारे भी अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़े हुए हैं। विराट- अनुष्का की यह पहल आम लोगों के लिए प्रेरणा है कि वे भी धार्मिक स्थलों की महत्ता समझें और वहां जाकर अपने मन की शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करें।

हनुमानगढ़ी मंदिर की धार्मिक परंपराएं

हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या की सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां की सबसे खास परंपरा यह है कि रामलला के दर्शन से पहले भक्त हनुमानगढ़ी में दर्शन करते हैं। मान्यता है कि जब तक हनुमान जी की अनुमति न मिले, तब तक रामलला के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। यही कारण है कि यहां पहले हनुमान जी को प्रणाम किया जाता है, फिर राम जन्मभूमि की ओर बढ़ा जाता है।

मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष भीड़ होती है क्योंकि ये दिन हनुमान जी को समर्पित माने जाते हैं। भक्त लाल फूल, सिंदूर, गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाते हैं। कई भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं या मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन करते हैं। यहाँ की धार्मिक परंपराएं भक्तों को आस्था, ऊर्जा और आत्मबल से भर देती हैं।

हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा विधि

हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा करना बहुत ही सरल और पवित्र अनुभव होता है। यहाँ भगवान हनुमान जी की पूजा श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है।

मंदिर में प्रवेश और तैयारी: सबसे पहले मंदिर के दरवाज़े पर जाकर हाथ धो लें और अपने मन को शांत करें। मंदिर में प्रवेश करते समय प्रणाम करें और भगवान हनुमान जी के दर्शन करें। मन में पूरी श्रद्धा और विश्वास लेकर पूजा प्रारंभ करें।

जलाभिषेक और सिंदूर चढ़ाना: हनुमान जी की मूर्ति पर साफ पानी या गंगाजल से जलाभिषेक करें। इसके बाद लाल सिंदूर या कुमकुम चढ़ाएं, क्योंकि हनुमान जी को सिंदूर बहुत प्रिय है। यह उनके लिए सम्मान और भक्ति का प्रतीक होता है।

फूल और प्रसाद अर्पित करना: अब हनुमान जी को लाल फूल, माला या हल्दी चढ़ाएं। साथ ही गुड़, चना और हल्दी चूर्ण भी अर्पित करें। ये वस्तुएं हनुमान जी को खास तौर पर प्रिय हैं। मंदिर में उपलब्ध प्रसाद लेकर भी उनकी सेवा करें।

हनुमान चालीसा और भजन पढ़ना: हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें। अगर आप पढ़ नहीं सकते, तो भजन या कीर्तन सुनें। इससे हनुमान जी की कृपा बनी रहती है और मन को शांति मिलती है।

दीपक जलाना और आशीर्वाद लेना: पूजा के अंत में भगवान के सामने दीपक जलाएं और थोडा अक्षत (चावल) चढ़ाएं। इसके बाद मन की मनोकामनाओं को ध्यान से कहें और आशीर्वाद प्राप्त करें। पूजा समाप्ति पर मंदिर के चारों ओर परिक्रमा कर सकते हैं।

हनुमानगढ़ी मंदिर के आसपास की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर

हनुमानगढ़ी मंदिर के अलावा अयोध्या में कई अन्य पवित्र स्थल हैं, जैसे कि राम जन्मभूमि मंदिर, कनक भवन, पंचमुखी हनुमान मंदिर आदि। ये सभी स्थान भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा के स्रोत हैं। हनुमानगढ़ी मंदिर अपनी विशिष्टता के कारण अयोध्या यात्रा का अभिन्न हिस्सा है।

अयोध्या में धार्मिक उत्सवों के दौरान हनुमानगढ़ी मंदिर विशेष रूप से सजाया जाता है और यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। हनुमान जयंती, राम नवमी और दीपावली जैसे त्योहारों पर मंदिर की महत्ता और भी बढ़ जाती है।

अयोध्या का हनुमानगढ़ी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का भी एक अमूल्य रत्न है। इस मंदिर में विराजमान हनुमान जी की पूजा के बिना श्रीराम के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। इसलिए हर भक्त के लिए हनुमानगढ़ी में मत्था टेकना एक जरूरी परंपरा है।

जब विराट कोहली और अनुष्का शर्मा जैसे प्रसिद्ध हस्तियां यहां आकर अपनी श्रद्धा दिखाती हैं, तो यह एक प्रेरणा बन जाती है कि हमें भी अपनी संस्कृति, आस्था और परंपराओं को बनाए रखना चाहिए। धार्मिक स्थलों की यात्रा न केवल हमारी आत्मा को शांति देती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है।

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