हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि जीवन की अनेक परेशानियों से छुटकारा पाने का एक प्रभावशाली माध्यम भी माना जाता है। खासकर उन लोगों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिन्हें विवाह में अड़चनें आ रही हों या फिर वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने की इच्छा हो। माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन की गई पूजा और विशेष उपायों से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के हर संकट को दूर कर समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करती है।
मासिक शिवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ समय
ज्योतिष और पंचांग के अनुसार, मई 2025 में मासिक शिवरात्रि ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अर्थात 25 मई को दोपहर 3:51 बजे से आरंभ होकर 26 मई दोपहर 12:11 बजे समाप्त होगी। इस दिन रात्रि 11:58 बजे से 12:38 बजे तक का समय विशेष रूप से शुभ माना गया है, जब शिवलिंग की पूजा और व्रत विधिपूर्वक किए जाते हैं। इस शुभ समय में भगवान शिव की उपासना करने से मनोवांछित फल शीघ्र प्राप्त होते हैं।
विवाह में आ रही अड़चनें और उनका निवारण
विवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण और पवित्र बंधन होता है, लेकिन कई बार विवाह संबंधी अड़चनें और बाधाएं उत्पन्न हो जाती हैं। कुछ लोग बार-बार रिश्ता टूटने, अनबन, या विवाह के लंबित रहने जैसी समस्याओं से जूझते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इन समस्याओं के पीछे ग्रह दोष, विशेषकर मंगल दोष का प्रभाव माना जाता है। मंगल दोष से प्रभावित कुंडली में विवाह संबंधी कई बाधाएं आती हैं, जिससे व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में सुख की कमी हो जाती है।
मासिक शिवरात्रि के दिन विशेष पूजा और उपाय करने से इन बाधाओं को दूर किया जा सकता है। इसका सबसे सरल और प्रभावशाली तरीका है भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना, जिनकी कृपा से मंगल दोष शांति पाता है और विवाह में बाधाएं समाप्त होती हैं।
मंगल दोष निवारण के लिए विशेष पूजा विधि
मंगल दोष यानी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति से उत्पन्न होने वाली वैवाहिक और पारिवारिक परेशानियां। अगर आपकी शादी में बार-बार रुकावटें आ रही हैं या वैवाहिक जीवन में अनबन बनी रहती है, तो मासिक शिवरात्रि के दिन कुछ खास पूजा विधि और उपाय अपनाकर आप इस दोष को शांत कर सकते हैं।
- पूजा की तैयारी कैसे करें: सबसे पहले सुबह जल्दी उठें, खासकर सूरज निकलने से पहले। फिर अच्छे से स्नान करें और साफ हल्के रंग के कपड़े पहनें। पूजा करने की जगह को गंगाजल से साफ करें। वहां भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर या मूर्ति रखें। अब कुछ देर शांत बैठें और भगवान शिव का ध्यान करें। यही सही शुरुआत है पूजा की।
- शिवलिंग का अभिषेक करें: एक तांबे या पीतल के बर्तन में गंगाजल लें और उसमें थोड़ा लाल चंदन व कुछ लाल फूल मिलाएं। अब इस जल से शिवलिंग पर धीरे-धीरे अभिषेक करें। इसके साथ ही 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय मंगल दोष को शांत करता है। पूजा के अंत में दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- दान और सेवा से मिलेगा पूरा फल: पूजा के बाद किसी गरीब या जरूरतमंद को खाना, कपड़े, दवा या पानी जैसी जरूरी चीजें दान करें। चाहें तो किसी बुजुर्ग या विधवा की मदद करें। ऐसे सेवा कार्य से पुण्य बढ़ता है और मंगल दोष का असर कम होता है। साथ ही इससे आपके घर में सुख, शांति और प्यार बना रहता है।
मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए उपाय
अगर आप अपने लिए एक समझदार और पसंदीदा जीवनसाथी की कामना कर रहे हैं, तो मासिक शिवरात्रि का दिन आपके लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल और शहद से करें, क्योंकि शहद भगवान शिव को बहुत प्रिय होता है। अभिषेक करते समय मन में पूरी श्रद्धा से अपनी इच्छा प्रकट करें और भगवान से प्रार्थना करें कि आपको ऐसा जीवनसाथी मिले जो आपके जीवन को प्रेम और समझ से भर दे।
अभिषेक के बाद भगवान शिव की विधिपूर्वक आरती करें और उन्हें भोग अर्पित करें, जैसे फल या मिठाई। यदि यह पूजा तुलसी के पौधे के पास की जाए तो यह और भी फलदायी मानी जाती है। तुलसी का पौधा माता लक्ष्मी और देवी पार्वती दोनों का प्रतीक है, इसलिए इससे शिव-पार्वती की विशेष कृपा मिलती है। यह उपाय आपकी मनोकामना पूरी करने में सहायक हो सकता है।
विवाह में रुकावटों को दूर करने के लिए केसर और दूध का अभिषेक
अगर आपकी शादी में बार-बार रुकावटें आ रही हैं या बात बनते-बनते बिगड़ जाती है, तो मासिक शिवरात्रि के दिन केसर और दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत फलदायक माना गया है। दूध शुद्धता का प्रतीक होता है और केसर शुभता का। जब इन दोनों चीजों से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता को बढ़ाता है, जिससे विवाह के अच्छे योग बनने लगते हैं।
यह उपाय खासकर उनके लिए बेहद उपयोगी है, जिनकी शादी किसी कारण से लंबे समय से टल रही है। पूजा के बाद भगवान शिव की आरती करें और मन में शांत भाव से विवाह की सफलता की प्रार्थना करें। इस पूजा से न सिर्फ विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।
मासिक शिवरात्रि पर करें ये पुण्य कार्य
मासिक शिवरात्रि पर केवल पूजा-पाठ ही नहीं, बल्कि उपवास रखना भी बेहद शुभ माना जाता है। उपवास से मन और शरीर दोनों की शुद्धि होती है, जिससे भक्त भगवान शिव की कृपा के योग्य बनते हैं। इस दिन पूरे दिन भजन-कीर्तन करना, शिव चालीसा या शिव स्तुति का पाठ करना, और थोड़ी देर ध्यान लगाना बहुत लाभकारी होता है। इससे मानसिक शांति मिलती है और आत्मिक ऊर्जा बढ़ती है।
साथ ही, इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या जरूरी चीजों का दान करना विशेष पुण्यदायक होता है। यह न सिर्फ पापों का क्षय करता है, बल्कि आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है। मासिक शिवरात्रि एक ऐसा अवसर है जब छोटी-छोटी भक्ति और सेवा से भी बड़ा फल प्राप्त हो सकता है।
मासिक शिवरात्रि 2025 का दिन विवाह में आ रही अड़चनें दूर करने और मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए एक अनमोल अवसर है। इस दिन किए गए सरल लेकिन प्रभावशाली उपायों से न केवल मंगल दोष शांत होता है, बल्कि वैवाहिक जीवन में खुशहाली भी आती है। भगवान शिव और माता पार्वती की अर्चना, शिवलिंग का अभिषेक, व्रत और दान-पुण्य करने से जीवन के तमाम संकट कम हो जाते हैं और सफलता के मार्ग खुल जाते हैं।