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शनि देव पूजा विधि 2025: शनि देवता की आराधना का विशेष दिन, व्रत के लाभ और पौराणिक महत्व

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हिन्दू धर्म में सप्ताह के हर दिन का एक विशेष महत्व होता है। लेकिन शनिवार का दिन विशेष रूप से न्याय के देवता शनि महाराज को समर्पित माना गया है। शनि ग्रह को कर्म, न्याय, बाधाओं और दंड का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनिवार को सच्चे मन से शनि देव की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं, ग्रहदोष शांत होते हैं और व्यक्ति को कर्मों का उचित फल मिलता है। 

 शनिवार का पौराणिक महत्व

शनि देव को सूर्य भगवान का पुत्र माना गया है। कहा जाता है कि उनका स्वभाव थोड़ा कठोर होता है, क्योंकि वे इंसान को उसके अच्छे या बुरे कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं। लोग शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से डरते हैं, क्योंकि ये समय जीवन में चुनौतियों और परेशानियों से भरा होता है। लेकिन असल में शनि देव न्याय के देवता हैं। अगर कोई इंसान सच्चे मन से अपने गलत कामों पर पछताता है, दूसरों की मदद करता है और ईमानदारी से जीवन जीता है, तो शनि देव उसे आशीर्वाद जरूर देते हैं और उसकी समस्याएं दूर करते हैं।

पुराने धार्मिक ग्रंथों जैसे महाभारत और स्कंद पुराण में भी शनिदेव की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है। इन ग्रंथों में बताया गया है कि शनिवार के दिन शनि देव की पूजा, व्रत और विशेष उपाय करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। यह दिन उनके आशीर्वाद को पाने और अपने जीवन की मुश्किलों को कम करने का सबसे अच्छा अवसर होता है। शनिदेव की सच्ची भक्ति से जीवन में सुख, सफलता और शांति आती है।

शनिवार की पूजा विधि

  • शनिवार को प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। पीपल वृक्ष की पूजा का इस दिन विशेष महत्व होता है। पीपल के पेड़ को जल दें और सात बार परिक्रमा करें। शनि देव की मूर्ति या चित्र के सामने तेल का दीपक जलाएं।
  • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें: शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर साफ-सुथरा स्नान करें। स्नान के बाद काले या नीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है, क्योंकि ये रंग शनिदेव को प्रिय हैं।
  • पीपल के पेड़ की पूजा करें: पीपल का पेड़ शनि देव का पसंदीदा वृक्ष है। पूजा के दौरान पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और उसके चारों ओर सात बार परिक्रमा करें। इससे शनि देव की कृपा बढ़ती है और मन की शांति मिलती है।

पूजा की सामग्री इकट्ठा करें

पूजा के लिए जरूरी चीजें जुटाएं जैसे:

  • काले तिल
  • सरसों का तेल
  • नीले या काले फूल
  • काला वस्त्र
  • लोहे की छोटी कटोरी
  • दीपक और अगरबत्ती
  • दीपक जलाएं: लोहे की कटोरी में सरसों का तेल डालकर दीपक बनाएं और उसे जलाएं। यह दीपक शनिदेव को समर्पित होता है और उनकी कृपा प्राप्त करने का माध्यम है।
  • काले तिल और फूल अर्पित करें: दीपक जलाने के बाद काले तिल और नीले या काले फूल शनि देव को चढ़ाएं। ये चीजें शनि देव को बहुत प्रिय हैं और उनके आशीर्वाद का कारण बनती हैं।
  • मंत्र का जाप करें: शनि देव की मूर्ति या चित्र के सामने ध्यान लगाकर "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। मंत्र जाप से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
  • हनुमान जी की पूजा करें: हनुमान जी की भी पूजा जरूर करें क्योंकि कहा जाता है कि शनि देव हनुमान भक्तों को कोई कष्ट नहीं देते। हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि दोष दूर होता है।
  • भजन या आरती करें: पूजा के अंत में शनि देव की आरती करें और दीपक को शांति व आशीर्वाद के लिए जलाएं। इससे घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

शनिवार का व्रत के लाभ

शनिवार को व्रत रखने की परंपरा अत्यंत पुरानी है। विशेष रूप से वे लोग जो शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित हैं, उनके लिए यह व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

  • शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत: जो लोग शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या में होते हैं, उन्हें शनिवार का व्रत करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और कठिनाइयाँ कम हो जाती हैं।
  • व्यापार और करियर में सुधार: जो लोग व्यापार या नौकरी में रुकावट महसूस करते हैं, उनके लिए यह व्रत लाभकारी साबित होता है। व्रत से सफलता मिलती है और नए अवसर खुलते हैं।
  • कानूनी मामलों में जीत: अगर किसी के कोर्ट-कचहरी या अन्य कानूनी मामलों में अड़चन है, तो शनिवार का व्रत करने से कोर्ट के मामलों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • पारिवारिक जीवन में शांति: घर में कलह, झगड़े या अनबन चल रही हो तो इस व्रत से पारिवारिक वातावरण में शांति और समझदारी आती है। परिवार के सदस्य मिलजुल कर रहने लगते हैं।
  • स्वास्थ्य में सुधार: शनिवार का व्रत करने से व्यक्ति के स्वास्थ्य में भी सुधार आता है और मन प्रसन्न रहता है। तनाव और चिंता कम होती है।

शनिवार के विशेष मंत्र

शनिवार को मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति के साथ-साथ जीवन की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। नीचे कुछ प्रमुख शनि मंत्र दिए गए हैं:

  • बीज मंत्र:
    'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।'
  • शनि गायत्री मंत्र:
    'ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकायाय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात्।'
  • हनुमान मंत्र (शनि पीड़ा से बचाव हेतु):
    'ॐ हं हनुमते नमः।'

इन मंत्रों का 108 बार जाप करना विशेष फलदायी माना जाता है।

शनि देव आरती

'जय-जय शनि देव जय-जय शनि देव।
कष्ट निवारण करिए, भगतों के सेव।।
नीलांबर धारिण शूलधर काल।
कृपा दृष्टि दिजै, सब होई निहाल।।
जय-जय शनि देव जय-जय शनि देव।'

शनिवार को करें ये खास कार्य

शनिवार के दिन कुछ विशेष काम करने से शनि देव की कृपा मिलती है और जीवन की परेशानियां कम होती हैं। सबसे पहले, पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और उसके नीचे दीपक जलाएं। पीपल का पेड़ शनि देव का प्रिय माना जाता है, इसलिए उसकी सेवा करने से शनि की दशा बेहतर होती है। साथ ही, शनिवार के दिन काले रंग के जानवर जैसे काला कुत्ता, काली गाय या कौए को भोजन कराना शुभ माना जाता है। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में शांति आती है।

इसके अलावा गरीबों और जरूरतमंदों को काला कपड़ा, काले तिल या लोहे की वस्तुएं दान करें। यह दान शनि दोष को कम करने में मदद करता है। शनिवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ भी बहुत फायदेमंद होता है। हनुमान जी की भक्ति से शनि की क्रोधशक्ति कम होती है और मन में संतोष व शांति बनी रहती है। इन सभी कार्यों को नियमित रूप से करने से जीवन में सफलता और खुशहाली आती है।

शनिवार को क्या नहीं करना चाहिए?

शनिवार के दिन कुछ चीज़ें करने से बचना चाहिए ताकि शनि देव प्रसन्न रहें। सबसे पहले, इस दिन लोहे या कोयले से जुड़े नए काम शुरू करने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, शनिवार को नाखून और बाल काटना ठीक नहीं माना जाता है। इस दिन झूठ बोलना या किसी के साथ धोखा-छल करना बिल्कुल भी सही नहीं है। लोग अक्सर इस दिन नीला या काला रंग पहनते हैं, क्योंकि यह शनि देव को खुश करता है, लेकिन किसी को नीचा दिखाना या अपमानित करना अच्छा नहीं है। इसलिए शनिवार के दिन अच्छी सोच और सही काम करना बहुत जरूरी है, ताकि जीवन में खुशहाली बनी रहे।

शनिवार का दिन केवल भय या ग्रह-दोष से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण, तपस्या और न्याय की राह पर चलने का दिन है। यदि व्यक्ति श्रद्धा से शनिदेव की पूजा करता है, उनके मंत्रों का जाप करता है, और अपने कर्म सुधारता है, तो निश्चित रूप से उसे जीवन में स्थायित्व, सफलता और शांति प्राप्त होती है। शनिवार का व्रत, पूजा और दान व्यक्ति को नकारात्मक प्रभावों से बचाता है और उसे ऊर्जावान बनाता है।

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