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अतिचारी गुरु 2025: 5 राशियों के लिए संकट का संकेत, करियर और स्वास्थ्य पर पड़ सकता हैं गहरा असर

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वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को शुभ ग्रहों में गिना जाता है जो ज्ञान, धन, विवाह, और संतान जैसे जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं का कारक है। लेकिन जब यही गुरु अतिचारी गति से चलते हैं, तब इनका प्रभाव कई बार उल्टा पड़ सकता है। वर्ष 2025 में गुरु ग्रह मिथुन राशि में रहते हुए अपनी सामान्य चाल से तेज गति (अतिचारी चाल) में भ्रमण कर रहे हैं। यह स्थिति कुछ राशियों के लिए गंभीर परिणाम लेकर आ सकती है।

गुरु का अतिचारी गोचर: क्या है इसका मतलब?

ज्योतिष में जब कोई ग्रह अपनी निर्धारित अवधि से कम समय में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उसे 'अतिचारी गति' कहा जाता है। ऐसी चाल में ग्रह अपनी पूर्णता में प्रभाव नहीं छोड़ पाता, बल्कि कई बार विपरीत फल देने लगता है। गुरु के मामले में यह स्थिति विशेष रूप से सावधानी की मांग करती है, क्योंकि इसके परिणाम दीर्घकालिक और गहरे हो सकते हैं।

इन 5 राशियों को रहना होगा बेहद सतर्क

गुरु की अतिचारी चाल मिथुन, कन्या, धनु, मकर और मीन राशि वालों के लिए विशेष रूप से नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है। आइए जानते हैं कैसे:

1. मिथुन राशि – अचानक झटका दे सकता है करियर

  • गुरु की वर्तमान स्थिति मिथुन राशि में ही है और यह स्थिति इस राशि के जातकों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है।
  • करियर में अस्थिरता: नौकरी में परिवर्तन, स्थानांतरण या अचानक काम का दबाव बढ़ सकता है।
  • वित्तीय हानि: निवेश में सतर्कता जरूरी है, वरना बड़ा नुकसान हो सकता है।
  • मानसिक बेचैनी: आत्मविश्वास की अधिकता के कारण गलत निर्णय लेना संभव है।

उपाय: गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें और पीली वस्तुओं का दान करें।

2. कन्या राशि – कार्यस्थल पर असमंजस और संवादहीनता

  • कन्या राशि के जातकों को इस समय सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
  • संचार में दिक्कत: ऑफिस या व्यवसाय में गलतफहमियों की संभावना है।
  • बिजनेस में जोखिम: कोई डील जल्दबाज़ी में न करें, हर बिंदु की जांच जरूरी है।
  • स्वास्थ्य पर असर: गर्दन, कंधे या पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

उपाय: ॐ बृं बृहस्पतये नमः का 108 बार जप करें।

3. धनु राशि – अपने ही स्वामी से मिलेगी चुनौती

  • धनु राशि के स्वामी स्वयं गुरु हैं, ऐसे में उनकी अतिचारी चाल जीवन में हर दिशा से चुनौती ला सकती है।
  • वित्तीय अस्थिरता: अचानक खर्च या कोई बड़ा नुकसान हो सकता है।
  • पारिवारिक दबाव: संतान और परिवार से जुड़ी चिंताएं बढ़ेंगी।
  • ध्यान की आवश्यकता: यह आत्ममंथन का समय है, आत्मिक शांति की खोज करें।

उपाय: गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें और चने की दाल का दान करें।

4. मकर राशि – मानसिक और कार्यक्षेत्रीय दबाव

  • मकर राशि के लिए यह गोचर शारीरिक और मानसिक थकान लाने वाला हो सकता है।
  • जिम्मेदारियों का भार: ऑफिस या व्यवसाय में अतिरिक्त बोझ।
  • धन के गलत निर्णय: थकान के कारण गलत निवेश का खतरा।
  • रिश्तों में खटास: जीवनसाथी या परिवार से दूरी महसूस हो सकती है।

उपाय: हर गुरुवार पीली मिठाई का दान करें और शिवजी को जल अर्पित करें।

5. मीन राशि – भावनात्मक अस्थिरता और खर्चों में वृद्धि

  • मीन राशि के जातकों के लिए यह समय आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान करने वाला हो सकता है।
  • अनावश्यक खर्च: भावनाओं में बहकर खरीदी या निवेश न करें।
  • रिश्तों में दरार: संवादहीनता या गलतफहमियों से विवाद हो सकता है।
  • स्वास्थ्य का ध्यान: नींद और पेट संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।

उपाय: गुरुवार को पीले फूल चढ़ाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

गुरु ग्रह जब अपनी सामान्य गति से हटकर अतिचारी चाल अपनाता है तो इसका असर समग्र जीवन पर दिखता है। हालांकि गुरु एक शुभ ग्रह है, लेकिन इसकी तेजी कभी-कभी अनियोजित समस्याओं को भी जन्म देती है। यदि आप उपरोक्त पांच राशियों में से किसी एक के जातक हैं, तो यह समय विशेष सतर्कता और सूझबूझ से चलने का है।

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