आसमान के रहस्यमय ग्रह केतु का सिंह राशि में गोचर 18 मई 2025 को होगा, जो अगले डेढ़ साल तक रहकर जीवन में कई तरह के परिवर्तन लेकर आएगा। ज्योतिष शास्त्र में केतु को ‘क्रूर ग्रह’ कहा गया है क्योंकि यह अक्सर अनिश्चितता, उलझन और चुनौतियों का संदेश लेकर आता है। सिंह राशि में केतु का यह गोचर कुछ विशेष राशियों के लिए सुखद नहीं होगा। खासकर मेष, वृषभ, सिंह, कन्या और कुंभ राशि के जातकों को इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है।
केतु का सिंह राशि में गोचर: एक ज्योतिषीय अवलोकन
केतु की प्रकृति रहस्यमय, वैराग्यपूर्ण और कभी-कभी कठिन होती है। यह ग्रह कर्मों का फल देता है और व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक जागरण की प्रक्रिया को गति प्रदान करता है। सिंह राशि में प्रवेश के बाद केतु का प्रभाव अधिकतर जातकों के मन में असंतोष, चिंता, और जीवन में अनिश्चितता पैदा कर सकता है। ज्योतिष के अनुसार, केतु जहां भी गोचर करता है, वह राशि अपने स्वामी ग्रह की तरह ऊर्जा देता है। सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है, जो शक्ति, आत्मविश्वास और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है। परंतु केतु के प्रभाव से इन क्षेत्रों में चुनौती आ सकती है।
किन राशियों पर होगा सबसे अधिक प्रभाव?
मेष राशि
केतु मेष राशि के पाँचवें भाव में गोचर करेगा। यह भाव शिक्षा, संतान और प्रेम संबंधों से जुड़ा होता है। इस दौरान मेष राशि वालों के मन में असमंजस और चिंता बढ़ सकती है। हालांकि विद्यार्थी वर्ग के लिए यह समय अध्ययन में विशेष रुचि लाने वाला होगा। मेष वालों को बच्चों के स्वास्थ्य और प्रेम संबंधों में सतर्क रहना होगा। धोखा मिलने की आशंका भी बनी रहेगी। बेहतर होगा कि वे हर मंगलवार को त्रिकोणीय ध्वज का मंदिर में स्थापना करें और पूजा-अर्चना करें।
वृषभ राशि
केतु वृषभ राशि के चौथे भाव में गोचर करेगा, जो परिवार और गृहस्थ जीवन का प्रतीक है। इस अवधि में वृषभ जातकों को घर परिवार में तनाव और गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है। माताजी के स्वास्थ्य की चिंता बनी रहेगी, खासकर फेफड़ों और छाती से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। घर का वातावरण अशांत रहेगा, जिससे मानसिक शांति में कमी आएगी। इस समय केतु बीज मंत्र का जाप करना लाभकारी रहेगा।
सिंह राशि
अपने ही राशि में केतु का गोचर सिंह राशि वालों के लिए विशेष चुनौतीपूर्ण होगा। यह गोचर पहले भाव में होगा, जो शरीर, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व का घर होता है। इस दौरान स्वास्थ्य कमजोर पड़ सकता है। वैवाहिक जीवन में भी तनाव बढ़ेगा क्योंकि साथी के साथ संवाद की कमी और गलतफहमियां उत्पन्न होंगी। व्यवसाय में भी उतार-चढ़ाव आएगा। धार्मिक और आध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी, इसलिए मंगलवार को बच्चों को गुड़-चने का प्रसाद देना शुभ माना गया है।
कन्या राशि
केतु कन्या राशि के बारहवें भाव में गोचर करेगा, जो खर्च, विदेश यात्रा और मानसिक शांति से जुड़ा होता है। इस अवधि में अचानक अप्रत्याशित खर्चे होंगे जो वित्तीय स्थिति पर असर डालेंगे। स्वास्थ्य की दृष्टि से सिरदर्द, बुखार और संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नौकरी में भी मन कम लगेगा। ध्यान और साधना की ओर झुकाव बढ़ेगा। केतु बीज मंत्र का नियमित जाप कन्या राशि वालों के लिए लाभकारी रहेगा।
कुंभ राशि
केतु कुंभ राशि वालों के सप्तम भाव में गोचर करेगा, जो विवाह और साझेदारी का भाव है। इस गोचर से जीवनसाथी के साथ तनाव और असहमति बढ़ सकती है। आपसी विश्वास में कमी आ सकती है, जिससे रिश्ते में दूरी बढ़ेगी। व्यवसाय में भी सावधानी बरतनी होगी। मंगलवार के दिन काले और सफेद तिल दान करने से इस गोचर के दुष्प्रभाव कम हो सकते हैं।
केतु के इस गोचर से कैसे बचें? जानिए प्रभावी आध्यात्मिक उपाय
केतु के गोचर के समय जीवन में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। इसलिए केतु की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करना बहुत जरूरी होता है। इससे आप परेशानियों से बच सकते हैं और मन की शांति बनाए रख सकते हैं।
- मंत्र जाप करें: केतु का बीज मंत्र 'ॐ सः केतवे नमः' का रोजाना जाप करें। यह मंत्र मानसिक तनाव को कम करता है और ग्रह दोषों से बचाता है। खासकर मंगलवार को इस मंत्र का जाप करने से ज्यादा फायदा होता है।
- दान-पुण्य करें: मंगलवार के दिन काले तिल, गुड़, चने और सफेद तिल दान करें। यह दान केतु के प्रभाव को कम करने में मदद करता है और घर में सुख-शांति लाता है।
- धार्मिक स्थल पर जाएं: केतु के दिन किसी प्रसिद्ध मंदिर जाकर पूजा करें। मंदिर में त्रिकोणीय ध्वज लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे मन को शांति मिलती है और ग्रहों की नकारात्मकता कम होती है।
- ध्यान और साधना करें: रोजाना ध्यान, योग और साधना करने से मन शांत रहता है और केतु के कारण उत्पन्न उलझनें कम होती हैं। इससे आपका मन मजबूत और स्थिर बनता है।
- स्वास्थ्य का ध्यान रखें: इस समय खान-पान का खास ध्यान रखें। नियमित व्यायाम करें और तंदुरुस्त रहें ताकि बीमारियों से बचा जा सके।