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सूर्य और गुरु का द्विद्वादश योग: इन 3 राशियों को 15 जून तक रहें सतर्क, करियर और आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा असर

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सूर्य और गुरु का द्विद्वादश योग 14 मई से 15 जून तक वृषभ, मिथुन और मकर राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस दौरान इन राशियों को करियर, वित्त और सेहत में समस्याओं का सामना हो सकता है। सतर्कता बरतें और समझदारी से निर्णय लें।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य और गुरु दोनों ही ग्रह बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। ये दोनों ग्रह 14 मई को राशि परिवर्तन करेंगे, जिससे एक विशेष योग बनेगा, जिसे द्विद्वादश योग कहा जाता है। इस योग में सूर्य और गुरु दोनों ही शत्रु राशियों में होंगे। सूर्य वृषभ राशि में जबकि गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इस बदलाव से इन 3 राशियों के लिए कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। विशेषकर, करियर और आर्थिक स्थिति के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

द्विद्वादश योग क्या है?

द्विद्वादश योग तब बनता है जब दो ग्रह एक-दूसरे से दूसरे और बारहवें घर में होते हैं। इस स्थिति में ये दोनों ग्रह एक-दूसरे के शत्रु ग्रहों की राशियों में होते हैं। उदाहरण के तौर पर, जब सूर्य गुरु के बारहवें घर में और गुरु सूर्य के दूसरे घर में होते हैं, तो यह योग बनता है। ज्योतिष के अनुसार, इस स्थिति को शत्रु ग्रहों का योग माना जाता है, जो कुछ राशियों के लिए समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। यह योग 15 जून तक प्रभावी रहेगा, और इन राशियों को इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है।

द्विद्वादश योग का प्रभाव खासतौर पर वृषभ, मिथुन और मकर राशियों पर ज्यादा पड़ेगा। इन राशियों के जातकों को करियर और आर्थिक मामलों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय में किसी भी बड़े निवेश या खर्चों में सतर्क रहना चाहिए। इसके अलावा, सेहत पर भी ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि यह योग शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। 15 जून के बाद स्थिति में सुधार होने की संभावना है, लेकिन इस समय की सावधानी से आप किसी भी मुश्किल से बच सकते हैं।

वृषभ राशि: करियर और वित्तीय नुकसान से बचें

वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य और गुरु का द्विद्वादश योग खासतौर पर व्यापार और करियर में चुनौतियाँ लेकर आ सकता है। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों से मतभेद या वाद-विवाद का सामना करना पड़ सकता है। यह विवाद आपकी आर्थिक स्थिति और करियर की प्रगति में रुकावट डाल सकता है। धन का इस्तेमाल आपको बहुत सोच-समझकर करना चाहिए, क्योंकि किसी गलत व्यक्ति की संगति से मानहानि भी हो सकती है। सेहत पर भी असर पड़ सकता है, इसलिए इसकी भी देखभाल करें। कुल मिलाकर, यह समय आपके लिए संयम और सतर्कता का है। 15 जून के बाद स्थिति में सुधार हो सकता है।

मिथुन राशि: परिवारिक जीवन और कामकाजी क्षेत्र में चुनौतियाँ

मिथुन राशि के जातकों के लिए यह समय परिवारिक जीवन में तनाव का हो सकता है। आपके शब्दों का गलत मतलब निकाला जा सकता है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है। सूर्य के आपके द्वादश भाव में होने से वैवाहिक जीवन में क्रोध और गुस्से की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

इस समय आपको अपने शब्दों और व्यवहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही, खर्चों में अचानक वृद्धि होने के कारण आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। किसी मांगलिक कार्य में अड़चनें आ सकती हैं, जिससे आपका मन भी खिन्न हो सकता है। नौकरी पेशा लोग इस समय अपने काम पर ज्यादा फोकस करें, क्योंकि सीनियर की नजर आपके काम पर रहेगी। निवेश के मामले में भी निराशा मिल सकती है, इसलिए समझदारी से निर्णय लें।

मकर राशि: सेहत और करियर में सतर्कता बरतें

मकर राशि के जातकों के लिए यह समय आलस्य और ऊर्जा की कमी का हो सकता है। इस दौरान आप अपने जरूरी कार्यों में सक्रिय नहीं रहेंगे, जिससे कुछ कार्य अटक सकते हैं। गुरु और सूर्य का द्विद्वादश योग आपको मानसिक और शारीरिक थकान का अहसास करा सकता है, इसलिए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

बड़े पैमाने पर लेन-देन करने से बचें और अगर जरूरी हो तो सोच-समझकर ही निर्णय लें। धन संचित करने के लिए माता-पिता या पार्टनर की सलाह आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। करियर में सख्त रवैया रखने से जूनियर्स से परेशानी हो सकती है। 15 जून तक आपको सेहत और करियर में सतर्क रहने की जरूरत है।

सावधानी बरतने के कुछ उपाय

सकारात्मक सोच रखें: जीवन में हर समस्या का सामना करते समय सकारात्मक सोच बेहद महत्वपूर्ण होती है। किसी भी स्थिति में निराश होने के बजाय, हर समस्या का हल खोजने की कोशिश करें। सकारात्मक दृष्टिकोण से न केवल आपकी मानसिक स्थिति बेहतर रहती है, बल्कि समस्याओं का समाधान भी आसान होता है।

समय पर काम करें: समय का सदुपयोग करना बहुत जरूरी है। कार्यों में देरी करने से तनाव और असमर्थता का अनुभव हो सकता है। इसलिये, कामों को समय पर पूरा करने की आदत डालें और प्राथमिकताओं के अनुसार कार्यों को प्राथमिकता दें। इससे न केवल कार्य पूर्ण होते हैं, बल्कि आपको संतोष और आत्मविश्वास भी मिलता है।

धन का सही उपयोग करें: वित्तीय स्थिति पर ध्यान रखना बेहद जरूरी है। खर्चों को नियंत्रित रखना और आय-व्यय का सही हिसाब रखना आपके भविष्य को सुरक्षित बनाता है। अनावश्यक खर्चों से बचें और बचत की आदत डालें। इससे वित्तीय सुरक्षा बनी रहती है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने में मदद मिलती है।

सेहत का ख्याल रखें: सेहत सबसे बड़ी दौलत होती है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों का ख्याल रखना जरूरी है। नियमित रूप से व्यायाम करें, संतुलित आहार लें, और पर्याप्त नींद लें। इन सभी उपायों से आपका शरीर स्वस्थ रहेगा, और आप मानसिक रूप से भी ताजगी महसूस करेंगे।

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