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तेलंगाना में सरस्वती पुष्करम 2025: श्रद्धा और संस्कृति का भव्य संगम

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तेलंगाना में इस वर्ष 15 से 26 मई तक सरस्वती पुष्करम का आयोजन आध्यात्मिक आस्था, सांस्कृतिक परंपरा और राज्य सरकार की सुव्यवस्थित तैयारियों के साथ भव्य रूप से शुरू हुआ। यह पहला अवसर है जब राज्य गठन के बाद तेलंगाना ने सरस्वती पुष्करालु की मेज़बानी की है, और इसका केंद्रबिंदु बना है ऐतिहासिक त्रिवेणी संगम — कालेश्वरम, जहाँ गोदावरी, प्रणहिता और भूमिगत सरस्वती नदियाँ एक साथ मिलती हैं।

धर्म  पुराण और मान्यताओं से जुड़ा अनुष्ठान

हिंदू पंचांग के अनुसार, सरस्वती पुष्करम प्रत्येक 12 वर्षों में एक बार मनाया जाता है, जब बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करता है। पौराणिक मान्यता है कि सरस्वती नदी का उद्गम हिमालय क्षेत्र से होता है, लेकिन वह भूमिगत प्रवाहित होती है। कालेश्वरम में यह नदी गोदावरी और प्रणहिता के साथ त्रिवेणी संगम बनाती है, जो स्नान, दान और तप के लिए अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।

राज्य सरकार की बहुआयामी तैयारियाँ

राज्य सरकार ने सरस्वती पुष्करम के सफल आयोजन के लिए लगभग ₹35 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इसमें श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई बुनियादी ढाँचागत योजनाओं को अमल में लाया गया है:

  • 20 फीट ऊँची सरस्वती देवी की प्रतिमा की स्थापना।
  • घाटों का विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण।
  • अस्थायी आवास के लिए ‘टेंट सिटी’ जिसमें 100 कमरे बनाए गए हैं।
  • स्वच्छता, पीने के पानी, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था।
  • TSRTC द्वारा विशेष बस सेवाएँ और हेलीपैड के जरिए हवाई दर्शन की सुविधा।
  • राज्य के धार्मिक पर्यटन विभाग ने आयोजन से संबंधित एक समर्पित वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है, जिससे श्रद्धालु स्नान समय, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग और अन्य जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं।

भक्तिभाव से सराबोर कार्यक्रमपुष्करम के दौरान प्रतिदिन विविध धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं:

  • कालेश्वर मंदिर और अन्य घाटों पर विशेष पूजा-अर्चना।
  • वैदिक मंत्रोच्चारण, यज्ञ-हवन और भजन संध्या।
  • आध्यात्मिक प्रवचन व कथावाचन जिसमें देशभर के संत-महात्मा भाग ले रहे हैं।
  • सांस्कृतिक मंडलियों द्वारा प्रस्तुत किए गए पारंपरिक नृत्य-नाट्य।

पर्यटन को भी मिला बढ़ावा

सरकार ने इस धार्मिक आयोजन को पर्यटन के दृष्टिकोण से भी सशक्त रूप दिया है। भक्तों को कालेश्वरम और आसपास के धार्मिक स्थलों के दर्शन कराने के लिए विशेष टूर पैकेज उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही एक अनूठी पहल के तहत 6-7 मिनट की हवाई यात्रा का भी आयोजन किया गया है, जिसकी कीमत ₹4,500 प्रति व्यक्ति तय की गई है।

सुरक्षा और प्रबंधन चाक-चौबंद

हज़ारों श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए राज्य पुलिस, नागरिक प्रशासन, चिकित्सा विभाग और स्वयंसेवी संस्थाओं को एकीकृत कमांड के तहत काम में लगाया गया है। घाटों पर लाइफ गार्ड, कंट्रोल रूम, CCTV निगरानी, और रियल टाइम क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

धर्म और विकास का संगम

सरस्वती पुष्करम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह आयोजन राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती प्रदान करता है। यह अवसर तेलंगाना को आध्यात्मिक पर्यटन के नक्शे पर और अधिक मजबूती से स्थापित करने का माध्यम बन रहा है। राज्य के पर्यटन मंत्री वी. श्रीनिवास गौड़ ने कहा, हमारा उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान कराना नहीं, बल्कि आस्थावानों को एक संपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है। यह आयोजन तेलंगाना की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान देगा।

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