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World Thyroid Day: एक छोटी ग्रंथि जो सेहत पर डालती है बड़ा असर

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हर साल 25 मई को वर्ल्ड थायरॉयड डे मनाया जाता है। यह दिन उस छोटी सी ग्रंथि के लिए समर्पित है, जो हमारे गले में होती है लेकिन हमारे पूरे शरीर की ऊर्जा, वजन और तापमान को नियंत्रित करती है। थायरॉयड ग्रंथि का संतुलित रूप से काम करना बेहद जरूरी है क्योंकि अगर यह कम या ज्यादा सक्रिय हो जाए, तो शरीर में कई तरह की परेशानियां पैदा हो सकती हैं।

थायरॉयड क्या है और इसका काम क्या है?

थायरॉयड गले के सामने वाले हिस्से में एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है। यह थायरॉक्सिन (T4) और ट्रायआयोडोथायरोनिन (T3) नामक हार्मोन बनाती है, जो शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया यानी ऊर्जा खर्च की दर को नियंत्रित करते हैं।

हाइपोथायरॉयडिज्म: तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि शरीर के लिए पर्याप्त हार्मोन नहीं बना पाती। इससे थकान, वजन बढ़ना, ठंड लगना और याददाश्त कमजोर होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं। यह समस्या ज्यादातर महिलाओं में पाई जाती है।

हाइपरथायरॉयडिज्म: तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन बना देती है। इसके कारण दिल की धड़कन तेज होना, वजन तेजी से घटना, घबराहट और नींद की परेशानी हो सकती है। समय पर इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

थायरॉयड की समस्या के लक्षण क्या हैं?

थायरॉयड की समस्या के लक्षण कई बार इतने सामान्य होते हैं कि लोग उन्हें दूसरी बीमारियों या थकावट समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। सबसे आम लक्षणों में लगातार थकान महसूस होना, कमजोरी, वजन का अचानक बढ़ना या घटना, बालों का अधिक झड़ना, मूड में बदलाव जैसे चिड़चिड़ापन या डिप्रेशन शामिल हैं। कुछ लोगों को ठंड या गर्मी ज्यादा लगने लगती है, नींद पूरी नहीं हो पाती, और खासकर महिलाओं में पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। अगर ऐसे लक्षण बार-बार दिखें तो डॉक्टर से चेकअप जरूर कराना चाहिए।

थायरॉयड की जांच क्यों जरूरी है?

थायरॉयड की जांच करवाना इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर इस ग्रंथि में गड़बड़ी समय पर पकड़ी न जाए, तो यह दिल, किडनी और मानसिक सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। थायरॉयड की समस्या लंबे समय तक अनदेखी रहने पर शरीर की ऊर्जा, वजन और मूड पर काफी असर डालती है। अच्छी बात यह है कि इसका पता लगाने के लिए कोई मुश्किल जांच नहीं करनी होती—सिर्फ एक साधारण ब्लड टेस्ट, जिसे TSH टेस्ट कहते हैं, से यह समस्या पकड़ी जा सकती है। अगर आप थकान, वजन में बदलाव या मूड स्विंग जैसी दिक्कतें महसूस कर रहे हैं, तो एक बार जांच जरूर करवाएं। समय पर इलाज मिलने से इस बीमारी को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

World Thyroid Day कैसे मनाएं?

अपना थायरॉयड चेकअप कराएं: सबसे पहला कदम अपनी सेहत की जिम्मेदारी लेना है। अगर आपने आज तक थायरॉयड टेस्ट नहीं कराया है, तो आज का दिन सबसे अच्छा मौका है। अपने डॉक्टर से संपर्क करें और एक साधारण ब्लड टेस्ट के जरिए स्थिति जानें।

ऑनलाइन या लोकल सेमिनार में शामिल हों: आज के दिन कई हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और डॉक्टर ऑनलाइन व ऑफलाइन वर्कशॉप्स का आयोजन करते हैं। इसमें आप थायरॉयड से जुड़ी जानकारी, लक्षण, इलाज और लाइफस्टाइल टिप्स सीख सकते हैं।

कम्युनिटी इवेंट्स का हिस्सा बनें: अगर आप हेल्थ के प्रति जागरूक हैं तो अपने मोहल्ले या सोसाइटी में वॉकथॉन, साइकल राइड या जागरूकता अभियान आयोजित करें। इससे न सिर्फ लोग जुड़ते हैं बल्कि उन्हें थायरॉयड जैसी 'छुपी' बीमारी के बारे में जानकारी भी मिलती है।

सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर करें: आप फेसबुक, इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप पर थायरॉयड से जुड़ी फैक्ट्स, वीडियो, या खुद के अनुभव शेयर कर सकते हैं। इससे आपके दोस्तों और परिवार वालों में जागरूकता बढ़ेगी।

थायरॉयड हेल्थ संस्थाओं को सपोर्ट करें: अगर आप किसी थायरॉयड NGO या हेल्थ संस्था को डोनेशन या वॉलंटियर के तौर पर सहयोग कर सकें, तो यह बहुत बड़ी बात होगी। इससे रिसर्च और जरूरतमंद मरीज़ों को मदद मिलती है।

थायरॉयड डे का इतिहास

वर्ल्ड थायरॉयड डे की शुरुआत 2008 में यूरोपियन थायरॉयड एसोसिएशन (ETA) ने की थी, और इसके लिए 25 मई की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि इसी दिन 1965 में ETA की स्थापना हुई थी। इस दिन का मकसद लोगों को थायरॉयड से जुड़ी बीमारियों, उनके लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूक करना है। बाद में अमेरिका, एशिया और लैटिन अमेरिका की थायरॉयड संस्थाएं भी इस अभियान से जुड़ गईं, जिससे यह दिन एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन बन गया। अब दुनिया भर में इस दिन के मौके पर जागरूकता शिविर, मुफ्त स्वास्थ्य जांच और सोशल मीडिया के जरिए जानकारी साझा की जाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग समय रहते अपनी सेहत का ख्याल रख सकें।

थायरॉयड के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल टिप्स

थायरॉयड को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में कुछ आसान लेकिन असरदार बदलाव करने की जरूरत होती है। सबसे पहले, आयोडीन युक्त नमक का सेवन जरूर करें क्योंकि आयोडीन थायरॉयड हार्मोन बनाने के लिए जरूरी होता है। साथ ही, रोज थोड़ा समय निकालकर वॉक करें या हल्का व्यायाम करें ताकि शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा बना रहे।

तनाव को कम करना भी बहुत जरूरी है क्योंकि ज्यादा तनाव से हार्मोन बैलेंस बिगड़ सकता है। संतुलित और पौष्टिक आहार लें जिसमें फल, सब्जियां और प्रोटीन शामिल हों। हर दिन 7-8 घंटे की नींद जरूर लें और समय-समय पर थायरॉयड की जांच कराते रहें। इन छोटे कदमों से आप थायरॉयड को कंट्रोल में रखकर सेहतमंद और एक्टिव जीवन जी सकते हैं।

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