आज के तनावपूर्ण जीवन में दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। इन बीमारियों में ‘हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम’ यानी ‘दिल टूटना’ एक ऐसा नया और गंभीर कार्डियोवैस्कुलर डिसऑर्डर बन चुका है, जिसके बारे में आम लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। इसे आम भाषा में ‘दिल टूटना’ कहा जाता है, लेकिन यह केवल भावनात्मक पीड़ा नहीं है, बल्कि यह हार्ट की मांसपेशियों पर गंभीर प्रभाव डालने वाला एक मेडिकल कंडीशन है। इस लेख में हम जानेंगे कि हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, इससे कैसे बचाव करें और बाबा रामदेव के नेचुरल टिप्स के जरिए अपने दिल को कैसे स्वस्थ रखें।
हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम क्या है?
हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम, जिसे ‘टाकोट्सुबो कार्डियोमायोपैथी’ भी कहा जाता है, एक ऐसा कार्डियक डिसऑर्डर है जो अचानक अत्यधिक भावनात्मक तनाव या शारीरिक तनाव के कारण होता है। जब हम अत्यधिक तनाव में होते हैं, तो हमारा शरीर ‘एड्रेनालिन’ नामक हार्मोन की भारी मात्रा छोड़ता है, जो दिल की मांसपेशियों को प्रभावित करता है। इससे दिल का पंपिंग सिस्टम असामान्य हो जाता है, और दिल की मांसपेशियां ठीक से काम करना बंद कर देती हैं।
इस सिंड्रोम में सीने में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ, दिल की अनियमित धड़कन, और अत्यधिक थकान जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। अगर इसे समय पर नहीं समझा और इसका इलाज नहीं किया गया, तो यह कार्डियक अरेस्ट, स्ट्रोक, और हार्ट फेलियर तक का कारण बन सकता है। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, कार्डियक मौतों में लगभग 6.5% मामलों में हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम शामिल होता है।
दिल टूटने की वजहें और भारत में बढ़ती समस्या
हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम के पीछे सबसे बड़ी वजह है बढ़ता हुआ मानसिक और शारीरिक तनाव। वर्तमान समय में भारतीय समाज में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, और आर्थिक तंगी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। इसके साथ ही खराब लाइफस्टाइल जैसे असंतुलित आहार, जंक फूड का सेवन, धूम्रपान, और शराब की आदतें दिल की बीमारियों को बढ़ावा दे रही हैं।
भारत में दिल की बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर साल लगभग 30 हजार लोग हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी से अपनी जान गंवा देते हैं। खासतौर पर युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी समस्याएं दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा रही हैं।
हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम से बचाव के लिए जरूरी कदम
- तनाव प्रबंधन करें: दिल की सेहत के लिए सबसे जरूरी है मानसिक तनाव को कम करना। काम के बीच में गहरी सांस लेना, मेडिटेशन करना, योग और प्राणायाम का अभ्यास करना बेहद फायदेमंद होता है। पैदल चलना, हल्की एक्सरसाइज करना दिल की सहनशक्ति बढ़ाता है और स्ट्रेस कम करता है।
- स्वस्थ खानपान अपनाएं: तंबाकू, शराब और जंक फूड से बचें। इसके बजाय ताजा फल, सब्जियां, नट्स, और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार शामिल करें जो दिल के लिए अच्छे होते हैं।
- नियमित जांच करवाएं: हार्ट से जुड़ी बीमारियों का पता समय-समय पर चलाना जरूरी है। महीने में एक बार ब्लड प्रेशर जांचें, हर 3 महीने में ब्लड शुगर, 6 महीने में कोलेस्ट्रॉल और साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप कराएं।
- सक्रिय जीवनशैली अपनाएं: रोजाना कम से कम 30 मिनट की वॉकिंग, जॉगिंग, या साइकलिंग करें। इसके अलावा, घर पर भी 50-60 सीढ़ियां चढ़ना और 20 बार उठक-बैठक करना दिल को मजबूत करता है।
- भावनाओं को साझा करें: दिल टूटने की स्थिति में अपनी भावनाओं को दबाना नुकसानदायक हो सकता है। अपने परिवार और दोस्तों के साथ अपनी परेशानियां साझा करें। इससे मानसिक दबाव कम होता है और दिल स्वस्थ रहता है।
बाबा रामदेव के नेचुरल उपाय: दिल को बनाएं हेल्दी
योग गुरु बाबा रामदेव ने कई बार कहा है कि प्राकृतिक और सरल उपायों से दिल की सेहत बेहतर बनायी जा सकती है। हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम जैसी समस्याओं से बचाव के लिए बाबा रामदेव के कुछ घरेलू नुस्खे भी मददगार साबित हो सकते हैं।
अर्जुन की छाल : रोजाना 1 चम्मच अर्जुन की छाल को एक गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। यह काढ़ा पीने से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और खून का बहाव बेहतर रहता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
दालचीनी : 2 ग्राम दालचीनी को पानी में उबालकर बनाएं काढ़ा और रोज सुबह सेवन करें। यह उपाय शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करता है, जिससे हार्ट अटैक और ब्लॉकेज का खतरा घटता है।
तुलसी: 5 तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर पीने से मानसिक तनाव कम होता है और दिल की धड़कन सामान्य बनी रहती है। तुलसी शरीर को शांत करती है और हार्ट को स्ट्रॉन्ग बनाती है।
हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम को समझना और समय रहते उपाय करना जरूरी
हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम आज की तेज जिंदगी का एक गंभीर खतरा है, जो न केवल भावनात्मक बल्कि शारीरिक तौर पर भी हमारे दिल को कमजोर कर सकता है। इसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए दिल की सेहत पर ध्यान देना और तनाव को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है।
दिल टूटने की इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है कि हम अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करें, सही खानपान अपनाएं और नियमित योग-व्यायाम करें। साथ ही, अपनी भावनाओं को दबाएं नहीं बल्कि उन्हें अपने करीबी लोगों के साथ साझा करें। याद रखें, खुशी बांटने से बढ़ती है और दर्द साझा करने से घटता है।
हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह दिल की गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है। खासतौर पर आज के समय में जब तनाव और अनियमित जीवनशैली की वजह से दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, हमें समय रहते जागरूक होकर अपने दिल की देखभाल करनी होगी। बाबा रामदेव के नेचुरल उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर, सही खानपान अपनाकर और नियमित व्यायाम कर हम इस खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं और अपने दिल को मजबूत बना सकते हैं।