नायरा बनर्जी ने बताया कि परिवार में वकील न होने के कारण उन्होंने लॉ की पढ़ाई की। इसके अलावा, उनका डांसिंग में भी रुचि थी। कास्टिंग डायरेक्टर्स ने अक्सर उन्हें साउथ फिल्मों के लिए परफेक्ट बताया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।
एंटरटेनमेंट: नायरा बनर्जी, जो टीवी जगत से लेकर साउथ फिल्म इंडस्ट्री तक अपनी एक्टिंग के जरिए पहचान बना चुकी हैं, उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी के कई अहम पहलुओं को साझा किया। उनके इस सफर में कई उतार-चढ़ाव आए, जिनसे उन्होंने बहुत कुछ सीखा और आज वो उस मुकाम पर हैं जहां तक पहुंचने का सपना हर कोई देखता है। उनकी कहानी सिर्फ एक अभिनेत्री बनने की नहीं, बल्कि अपने सपनों और अपने परिवार के बीच संतुलन बनाने की है। आइए जानते हैं नायरा की यात्रा के बारे में और किस तरह से उन्होंने साउथ फिल्मों के ऑफर को ठुकरा दिया था और माता-पिता के विरोध के बावजूद अपनी पहचान बनाई।
वकालत की पढ़ाई और परिवार के लिए बलिदान
नायरा का बचपन एक साधारण परिवार में बीता था। उनका परिवार हमेशा उन्हें एक सफल और सम्मानित पेशेवर बनने के लिए प्रेरित करता था। इसी कारण, नायरा ने शुरुआत में वकालत की पढ़ाई करने का निर्णय लिया। उन्होंने कानून की डिग्री के लिए दाखिला लिया क्योंकि उनके परिवार में कोई वकील नहीं था और यह उनके माता-पिता का सपना था कि उनकी बेटी वकालत में अपना नाम कमाए।
लेकिन, नायरा का दिल कभी वकालत में नहीं लगा। उनका मन तो हमेशा कला और प्रदर्शन की तरफ था। उन्हें डांस का शौक था और वह एक डांसर बनना चाहती थीं। उनका सपना था कि वह कभी बड़े मंच पर नृत्य करें और अपनी कला से दुनिया को प्रभावित करें। लेकिन चूंकि उनके परिवार का दबाव था, वह कानून की पढ़ाई करती रहीं, और कभी-कभी उन्होंने अपने सपनों को दबाया।
डांस और फैशन शो: नायरा का नया जुनून
जब नायरा कॉलेज में थीं, तब उन्हें अभिनय और डांस का शौक और भी बढ़ गया। उन्होंने फैशन शो और डांस प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया, जहां उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला। हालांकि, नायरा का एकमात्र उद्देश्य डांस करना था और वह किसी भी तरह से एक अभिनेत्री बनने का विचार नहीं करती थीं।
एक दिन, उन्हें एक फैशन शो में भाग लेने का अवसर मिला, जहां उन्होंने अपनी डांसिंग स्किल्स को दिखाया। वह जानती थीं कि उनका दिल डांसिंग और परफॉर्मेंस में ही है, लेकिन किसे पता था कि यही कदम उन्हें अभिनय की दुनिया में भी खींच ले जाएगा। इस दौरान नायरा के जीवन में एक बड़ा मोड़ आया जब उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री से ऑफर मिलने लगे।
साउथ फिल्मों के ऑफर्स पर माता-पिता की प्रतिक्रिया
नायरा ने खुद ही एक इंटरव्यू में यह बताया कि कैसे कास्टिंग डायरेक्टर्स ने उन्हें साउथ फिल्मों के लिए परफेक्ट बताया। उनका चेहरा और शरीर साउथ फिल्म इंडस्ट्री के लिए आदर्श माने गए। वे बहुत पतली नहीं थीं, लेकिन उनके चेहरे पर एक खास ग्लो था। कास्टिंग डायरेक्टर्स ने उन्हें बार-बार बताया कि उनका लुक साउथ इंडियन फिल्मों के लिए बिल्कुल सही था।
नायरा ने भी साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बारे में सुना था, लेकिन उन्हें इसका ज्यादा कुछ नहीं पता था। उन्होंने कभी साउथ की फिल्में नहीं देखी थीं, और यह सब उनके लिए एक नई दुनिया थी। जब एक कास्टिंग डायरेक्टर ने उन्हें श्रीदेवी और अन्य दिग्गज अभिनेताओं के उदाहरण दिए और कहा कि साउथ की फिल्में भी बहुत अच्छी होती हैं, तब नायरा ने साफ तौर पर यह कहा कि वह इस दिशा में नहीं जाना चाहती थीं। उन्हें यह महसूस हुआ कि उनका रास्ता कहीं और है।
माता-पिता के विरोध के बावजूद एक्ट्रेस बनने का फैसला
नायरा ने बताया कि जब उन्होंने अपने माता-पिता को साउथ फिल्मों के ऑफर्स के बारे में बताया, तो उनके पिता ने इसका विरोध किया। वहीं, उनकी मां ने उन्हें यह सलाह दी कि वह पढ़ाई पर ध्यान दें और फिल्म इंडस्ट्री में आने के बारे में भूल जाएं। लेकिन नायरा ने अपनी इच्छा को नकारते हुए रचनात्मक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने का निर्णय लिया और फिर संस्कृत टीवी शो ‘कादम्बरी’ से अपना करियर शुरू किया।
टीवी शो 'कादम्बरी' से करियर की शुरुआत
नायरा ने अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत टीवी शो 'कादम्बरी' से की। इस शो में उन्होंने संस्कृत की अद्भुत भूमिका निभाई, और यह शो उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। 'कादम्बरी' ने नायरा को टीवी इंडस्ट्री में पहचान दिलाई और उन्हें आगे बढ़ने के लिए उत्साहित किया। उनकी भूमिका ने दर्शकों का दिल जीत लिया और इसके बाद उन्हें कई अन्य टीवी शो में भी काम करने का मौका मिला। इसके साथ ही, नायरा ने साउथ फिल्मों में भी अभिनय करने का निर्णय लिया। उनका करियर धीरे-धीरे बढ़ता गया और आज वह एक सफल अभिनेत्री हैं।
नायरा की जिन्दगी से हमें क्या सिखने को मिलता है?
नायरा की कहानी यह सिखाती है कि कभी भी अपने सपनों का पीछा करने में शर्म या संकोच नहीं करना चाहिए। यदि आप कुछ करना चाहते हैं, तो खुद से सवाल करें कि क्या वह चीज आपको खुशी देती है और क्या वह आपके दिल के करीब है। नायरा ने साबित किया कि जब तक आप अपने सपनों का पालन करते हैं, कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।
उनकी कहानी यह भी दर्शाती है कि परिवार का प्यार और समर्थन महत्वपूर्ण होते हुए भी कभी-कभी हमें अपने फैसले खुद लेने होते हैं। यदि नायरा ने अपने परिवार के दबाव के तहत अपना सपना छोड़ दिया होता, तो शायद वह आज इस मुकाम पर नहीं होतीं।