Chicago

The Elephant Whisperers: भारतीय डॉक्युमेंट्री का ओटीटी से ऑस्कर तक ऐतिहासिक सफर

🎧 Listen in Audio
0:00

ओटीटी की दुनिया में जहां बड़े बजट की वेब सीरीज और फिल्मों का बोलबाला रहता है, वहीं कुछ कहानियां ऐसी भी होती हैं जो कम समय में गहरे असर छोड़ जाती हैं। ऐसी ही एक भारतीय डॉक्युमेंट्री फिल्म ने 2023 में इतिहास रच दिया था। 

एंटरटेनमेंट: ओटीटी के इस दौर में जहां बड़े बजट की फिल्में और वेब सीरीज सुर्खियों में रहती हैं, वहीं डॉक्युमेंट्रीज़ भी दर्शकों के दिलों में अपनी गहरी छाप छोड़ रही हैं। आज हम बात कर रहे हैं इंडिया की एक ऐसी शॉर्ट डॉक्युमेंट्री फिल्म की, जिसने अपनी संवेदनशील कहानी और प्रभावशाली प्रस्तुति से दर्शकों को भावुक कर दिया। मात्र 41 मिनट की इस डॉक्युमेंट्री ने न सिर्फ दर्शकों का ध्यान खींचा, बल्कि आईएमडीबी पर 7.5 की सराहनीय रेटिंग भी हासिल की।

इस डॉक्युमेंट्री की कहानी सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित है और यह आम लोगों की असाधारण हकीकत को सामने लाती है। फिल्म का निर्देशन बेहद संवेदनशील तरीके से किया गया है, जिससे हर दृश्य दर्शकों के दिल को छूता है। यही वजह है कि यह डॉक्युमेंट्री आज भी ओटीटी दर्शकों की पसंदीदा लिस्ट में शामिल है।

इमोशंस और नेचर का खूबसूरत संगम

द एलीफेंट व्हिस्परर्स सिर्फ एक डॉक्युमेंट्री नहीं, बल्कि एक भावना है। यह फिल्म दक्षिण भारत के एक बुजुर्ग महावत दंपत्ति बोम्मन और बेली की कहानी को सामने लाती है, जिन्हें एक अनाथ हाथी शावक 'रघु' की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ये दंपत्ति न सिर्फ रघु की देखभाल करते हैं, बल्कि उसके साथ एक ऐसा भावनात्मक रिश्ता बना लेते हैं जो इंसान और जानवर के बीच गहरी समझ का प्रतीक बन जाता है।

फिल्म दिखाती है कि किस तरह जंगलों में रहने वाले लोग जानवरों के साथ संतुलन में जीवन जीते हैं। यह डॉक्युमेंट्री न सिर्फ हाथियों की देखभाल को लेकर जागरूकता बढ़ाती है, बल्कि यह दर्शकों को प्रकृति के प्रति एक नई सोच के लिए प्रेरित भी करती है।

ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय डॉक्युमेंट्री शॉर्ट फिल्म

2023 के 95वें अकादमी पुरस्कारों में द एलीफेंट व्हिस्परर्स ने भारत के लिए पहला ऑस्कर अपने नाम किया, वो भी बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में। इस जीत ने भारत को न सिर्फ डॉक्युमेंट्री फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय कहानियां अब विश्व मंच पर जगह बना रही हैं।

इस फिल्म की निर्माता गुनीता मोंगा और निर्देशक कार्तिकी गोंसाल्वेस ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतकर भारत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण बनाया। खास बात यह रही कि यह डॉक्युमेंट्री महिला निर्देशकों और निर्माताओं की क्रिएटिव विजन को भी दर्शाती है, जो अब ओटीटी माध्यम के जरिए व्यापक दर्शकों तक पहुंच रही हैं।

नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध, IMDb से मिली 7.5 रेटिंग

The Elephant Whisperers को नेटफ्लिक्स पर 2022 में स्ट्रीम किया गया था और इसके बाद से ही इसने दर्शकों और आलोचकों दोनों से शानदार प्रतिक्रियाएं बटोरीं। IMDb पर इस डॉक्युमेंट्री को 7.5/10 की मजबूत रेटिंग मिली है, जो दर्शकों के बीच इसकी लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाती है। साधारण सी दिखने वाली यह कहानी अपने कथानक और प्रस्तुति के दम पर खास बन जाती है। फिल्म के विजुअल्स, बैकग्राउंड स्कोर और नेचरल सेटिंग्स इसे बेहद प्रभावशाली बनाते हैं। इसे देखते हुए दर्शक मानो जंगल की गहराइयों में खुद को महसूस करने लगते हैं।

जहां आमतौर पर डॉक्युमेंट्री को सीमित दर्शकों का माध्यम माना जाता रहा है, The Elephant Whisperers ने इस धारणा को पूरी तरह बदल डाला। यह फिल्म उदाहरण है कि एक सशक्त कहानी, यदि सही ढंग से कही जाए, तो वह किसी भी फॉर्मेट या सीमाओं की मोहताज नहीं होती। ओटीटी पर फिक्शनल कंटेंट के बीच यह डॉक्युमेंट्री अपने सहज और सच्चे प्रस्तुतीकरण से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना गई है। इसने डॉक्युमेंट्री के लिए भी एक नया बाजार और सम्मानजनक स्थान निर्मित किया है।

Leave a comment