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US-China Relationship: ट्रंप ने जिनपिंग से मुलाकात के दिए संकेत, चीन-अमेरिका रिश्तों में आ सकती है नई गरमाहट

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अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से तनाव बने हुए थे, लेकिन अब हालात धीरे-धीरे बदलते नजर आ रहे हैं। पहले जहां टैरिफ वॉर पर अस्थायी विराम लगा, वहीं अब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की इच्छा जाहिर कर रिश्तों में नई शुरुआत का संकेत दे दिया है।

अमेरिका-चीन संबंधों में नई पहल, ट्रंप ने जिनपिंग से मुलाकात के लिए चीन दौरे का दिया संकेत अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों के बीच अब एक अहम खबर सामने आई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे शी जिनपिंग से विदेश नीति और आर्थिक मुद्दों पर बातचीत के लिए चीन यात्रा को तैयार हैं। ट्रंप की यह मंशा दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक सकारात्मक मोड़ का संकेत मानी जा रही है।

ट्रंप ने जिनपिंग से मुलाकात की जताई इच्छा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 16 मई को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में संकेत दिया कि वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करना चाहते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे जिनपिंग से मिलना चाहेंगे, तो ट्रंप ने साफ तौर पर कहा, "निश्चित रूप से।" उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते बेहद महत्वपूर्ण हैं और इस दिशा में संवाद ज़रूरी है।

यह बयान ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में नरमी के संकेत मिल रहे हैं। दोनों देशों ने हाल ही में टैरिफ वॉर पर 90 दिनों के लिए अस्थायी विराम लगाने का फैसला किया है। इस समझौते के तहत अमेरिका ने चीनी आयात पर टैरिफ को 145% से घटाकर 30% कर दिया है, जबकि चीन ने भी अमेरिकी सामान पर शुल्क 10% तक सीमित कर दिया है।

ट्रंप इससे पहले भी अपने संभावित दूसरे कार्यकाल में शी जिनपिंग से मुलाकात की इच्छा जता चुके हैं। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की थी कि जल्द ही दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हो सकती है। यह सब संकेत देते हैं कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अब अपने तनाव को संवाद से सुलझाने की ओर बढ़ रही हैं।

ट्रंप का अरब देशों पर फोकस

हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन अपनी हालिया पश्चिम एशिया यात्रा के दौरान उन्होंने साफ तौर पर संकेत दिया कि अमेरिका अरब देशों में चीन के प्रभाव को बढ़ने नहीं देना चाहता।

ट्रंप ने सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पूरी की और इन मुलाकातों में उन्होंने खासतौर पर अमेरिका-अरब संबंधों को मजबूत बनाए रखने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, ये सभी देश चीन की ओर झुक रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा। हमें इन्हें अमेरिका के साथ बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।

ट्रंप का यह रुख बताता है कि भले ही वे चीन से रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने के लिए तैयार हैं, लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों, जैसे कि खाड़ी देश, में वे चीन को हावी नहीं होने देना चाहते। यह अमेरिका की विदेश नीति में संतुलन साधने की कोशिश मानी जा रही है, जिसमें सहयोग और प्रतिस्पर्धा दोनों ही शामिल हैं।

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