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भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर जल्द लगेगी मुहर, भारत को मिल सकती है टैरिफ राहत

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भारत और अमेरिका के बीच जून में अंतरिम व्यापार समझौते पर सहमति बनने की संभावना है। भारत को अमेरिकी टैरिफ से राहत मिल सकती है। दोनों देश 2030 तक व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य बना रहे हैं।

Trump Tariff: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों को एक नई दिशा देने की तैयारी चल रही है। दोनों देशों के बीच एक इंटरिम ट्रेड एग्रीमेंट (Interim Trade Agreement) यानी अंतरिम व्यापार समझौते पर अगले महीने सहमति बनने की संभावना है। अमेरिकी अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय टीम जून में भारत दौरे पर आ रही है और इस दौरे के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि अगर यह समझौता हो जाता है, तो भारत को अमेरिका की ओर से लगाए गए भारी टैरिफ (Tariff) से राहत मिल सकती है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होंगे।

क्या है भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की योजना?

भारत और अमेरिका लंबे समय से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर चर्चा कर रहे हैं। यह समझौता दो चरणों में पूरा होगा, जिसका पहला चरण एक अंतरिम व्यापार समझौता (Interim Trade Agreement) होगा। इस समझौते का मकसद भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बाधाओं को कम करना और टैरिफ में छूट दिलाना है।

सूत्रों के मुताबिक, जून 2025 तक इस समझौते पर औपचारिक सहमति बनने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है, तो यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। क्योंकि अमेरिका ने पहले भारत पर 26% का टैरिफ लगाया था, जो भारत के कई उत्पादों को महंगा बना देता था। फिलहाल यह टैरिफ अस्थाई रूप से स्थगित है और भारत पर 10% बेस टैरिफ लागू है। भारत की कोशिश है कि इस समझौते के जरिए 26% टैरिफ से पूरी तरह छूट मिल जाए।

क्यों है यह समझौता भारत के लिए जरूरी?

भारत के लिए अमेरिका एक बेहद अहम व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। भारत का अमेरिका के साथ व्यापारिक सरप्लस (Trade Surplus) भी लगातार बढ़ रहा है, जो 41.18 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यानी भारत अमेरिका को ज्यादा सामान बेच रहा है और वहां से कम सामान खरीद रहा है।

इस बढ़ते सरप्लस को लेकर अमेरिका ने चिंता जताई है। अमेरिका का कहना है कि उसे भारत के साथ अपने व्यापार घाटे (Trade Deficit) को कम करना है। ऐसे में यह व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

भारत के लिए यह समझौता इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करेगा और भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में ज्यादा मौके देगा।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील के मुख्य बिंदु

  • जून 2025 तक भारत और अमेरिका के बीच Interim Trade Agreement पर सहमति बनने की उम्मीद।
  • अमेरिका की हाई-लेवल टीम अगले महीने भारत दौरे पर आ रही है, बातचीत का दौर अंतिम चरण में।
  • भारत की मांग: 26% टैरिफ से पूरी तरह राहत मिले।
  • अमेरिका: भारत के साथ व्यापार घाटे को लेकर चिंतित, चाहता है संतुलन।
  • दोनों देश 2030 तक 500 बिलियन डॉलर से ज्यादा का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य बना रहे हैं।
  • 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें 41.18 बिलियन डॉलर भारत का ट्रेड सरप्लस रहा।

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