भारत ने मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 420 करोड़ रुपये) की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। यह सहायता मालदीव सरकार के अनुरोध पर दी गई है, और इसे ट्रेजरी बिल के रूप में दिया जाएगा।
नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारत ने मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 420 करोड़ रुपये) की वित्तीय मदद देने का ऐलान किया है। इस वित्तीय सहायता को ट्रेजरी बिल के रूप में प्रदान किया जाएगा, जो मालदीव सरकार के बजट समर्थन के रूप में कार्य करेगा।
यह मदद भारत और मालदीव के बीच सहयोग और मित्रता के सशक्त संकेत के रूप में देखी जा रही है। इस कदम से यह साफ हो गया है कि दोनों देशों के बीच संबंध लगातार सुधार और समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं।
भारत और मालदीव के बीच बढ़ती मित्रता
भारत और मालदीव के बीच गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते हैं। दोनों देशों के बीच यह मदद एक ऐसे समय में आई है जब मालदीव की सरकार अपने आर्थिक सुधारों और राजकोषीय स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। मालदीव की सरकार ने भारत से यह सहायता प्राप्त करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद भारत ने इसे मंजूरी दी।
भारत के उच्चायोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए यह जानकारी दी कि भारत ने मालदीव सरकार के अनुरोध पर एक और वर्ष के लिए 5 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह सहायता मालदीव को आर्थिक लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी और इससे मालदीव की सरकार को राजकोषीय सुधारों को लागू करने में मदद मिलेगी।
मालदीव के विदेश मंत्री ने किया आभार व्यक्त
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत द्वारा दी गई इस महत्वपूर्ण वित्तीय मदद पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, मैं भारत सरकार और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने ट्रेजरी बिल के रूप में 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय मदद मालदीव को प्रदान की।
यह समय पर दी गई सहायता मालदीव और भारत के बीच मजबूत और घनिष्ठ मित्रता का प्रतीक है। इसके साथ ही यह मालदीव की सरकार के राजकोषीय सुधारों को लागू करने के प्रयासों का भी समर्थन करेगा।
भारत और मालदीव के बीच मजबूत होते रिश्ते
भारत और मालदीव के रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों में लगातार सुधार हुआ है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले साल अक्टूबर में भारत का पांच दिवसीय दौरा किया था, और यह उनके राष्ट्रपति बनने के बाद भारत की पहली यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए विजन पर सहमति बनी थी, जो दोनों देशों के रिश्तों को नए आयाम पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।
मुइज्जू की इस यात्रा का उद्देश्य केवल द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना ही नहीं था, बल्कि यह भी था कि मालदीव और भारत के बीच समुद्री सुरक्षा और समग्र साझेदारी को लेकर एक मजबूत दृष्टिकोण स्थापित किया जा सके। भारत और मालदीव के समुद्री सुरक्षा सहयोग के विस्तार से हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को भी मजबूती मिलती है।
आर्थिक सहयोग में भारत की भूमिका
भारत का यह कदम न केवल आर्थिक मदद के रूप में बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता देने से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और बल मिलेगा। भारत पहले भी मालदीव को कई बार मदद दे चुका है, जिसमें मालदीव को खाद्य सुरक्षा, चिकित्सा सहायता, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहयोग शामिल है।
इसके अलावा, भारत ने मालदीव को कोविड-19 महामारी के दौरान चिकित्सा सहायता और टीके भी प्रदान किए थे, जिससे मालदीव में स्वास्थ्य संकट के दौरान भारत की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई थी। भारत का यह कदम दर्शाता है कि वह मालदीव को न केवल एक पड़ोसी राष्ट्र के रूप में देखता है, बल्कि उसे एक मित्र और साझीदार भी मानता है।