Chicago

भारतीय नौसेना में शामिल होगा INS तमाल, पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी, जानें इसकी खासियत?

🎧 Listen in Audio
0:00

भारत से युद्ध का ख्वाब देखने वाले पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। युद्ध की अटकलों के बीच रूस ने भारत को मिलने वाले मल्टी-रोल स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘तमालकी’ की डिलीवरी तय समय से पहले करने का फैसला किया है। 

INS Tamal: भारत की समुद्री ताकत में जल्द ही एक और घातक हथियार शामिल होने जा रहा है – INS तमाल। यह मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट भारतीय नौसेना के बेड़े में 28 मई 2025 को शामिल किया जाएगा। रूस में तैयार किए गए इस युद्धपोत को पहले 2026 में डिलीवर किया जाना था, लेकिन भारत की बढ़ती समुद्री जरूरतों को देखते हुए इसकी डिलीवरी पहले की जा रही है। INS तमाल की तैनाती से भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा, जिससे पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की नींद उड़नी तय है।

INS तमाल: ब्रह्मोस से लैस आधुनिक वॉरशिप

INS तमाल, रूस के यांतर शिपयार्ड में तैयार किया गया स्टील्थ फ्रिगेट है, जिसे खासतौर पर भारतीय नौसेना की ज़रूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है। यह युद्धपोत ‘तलवार क्लास’ श्रेणी का हिस्सा है और इसकी सबसे बड़ी ताकत है – ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल। यह मिसाइल दुनिया की सबसे तेज़ और सबसे घातक एंटी-शिप मिसाइल मानी जाती है। INS तमाल से दुश्मन के जहाजों को पलक झपकते ही तबाह किया जा सकता है।

INS तमाल: तकनीकी खूबियां

  • स्पीड और रेंज: INS तमाल अधिकतम 30 नॉटिकल मील (लगभग 55 किमी प्रति घंटा) की रफ्तार से चल सकता है और एक बार में 3000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।
  • वजन और क्षमता: इसका वजन करीब 3900 टन है और यह एक हेलीकॉप्टर को भी तैनात करने में सक्षम है।
  • हथियार प्रणाली: इसमें ब्रह्मोस मिसाइल के अलावा एंटी-सबमरीन रॉकेट्स, टॉरपीडो और आधुनिक रडार सिस्टम लगे हैं, जो पनडुब्बियों और हवाई हमलों से बचाव में मदद करते हैं।
  • स्टील्थ तकनीक: तमाल को स्टील्थ तकनीक से लैस किया गया है, जिससे यह रडार पर आसानी से नजर नहीं आता – यह दुश्मन पर हमला करने में उसे बढ़त देता है।

रूस-भारत रक्षा साझेदारी का नतीजा

INS तमाल भारत-रूस रक्षा सहयोग का एक अहम नतीजा है। 2016 में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत चार ‘तलवार क्लास’ स्टील्थ फ्रिगेट बनाने का निर्णय हुआ था – जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनाए जा रहे हैं। INS तुशील पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है और अब INS तमाल भी अपनी ताकत दिखाने को तैयार है।

INS तमाल जैसे शक्तिशाली युद्धपोत के भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री शक्ति और ज्यादा मजबूत होगी। पाकिस्तान के पास इस स्तर की कोई तकनीक या युद्धपोत नहीं है।

भारत की नौसेना

  • 14 फ्रिगेट (तमाल के बाद)
  • 10 डिस्ट्रॉयर (वृहद क्षमता वाले युद्धपोत)
  • 10 कोरवेट
  • 17 कन्वेंशनल सबमरीन और 2 न्यूक्लियर सबमरीन
  • 6 मिसाइल बोट्स
  • 2 एयरक्राफ्ट कैरियर (INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत)

पाकिस्तान की नौसेना

  • लगभग 8 फ्रिगेट
  • 6-7 कन्वेंशनल सबमरीन
  • एक भी डिस्ट्रॉयर नहीं
  • कोई एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं

क्यों INS तमाल है खास?

INS तमाल सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है। यह आखिरी युद्धपोत होगा जिसे भारत ने आयात किया है। इसके बाद भारतीय नौसेना अपने सभी वॉरशिप भारत में ही बनाएगी। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत अब अपनी नौसेना के लिए स्वदेशी युद्धपोत, सबमरीन और मिसाइल सिस्टम बना रहा है।

हाल के समय में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय दबाव झेलना पड़ा है। ऐसे में INS तमाल की तैनाती पाकिस्तान की नौसेना पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाएगी। यह संदेश साफ है – भारत हर मोर्चे पर पूरी तरह तैयार है।

Leave a comment