जदयू नेता ललन सिंह ने लालू और तेजस्वी को जाति जनगणना का श्रेय लेने पर घेरा, कहा- संसद में मांग का कोई वीडियो हो तो दिखाएं।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर जातीय जनगणना को लेकर गरमा गई है। इस बार जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। ललन सिंह ने आरोप लगाया कि लालू यादव ने कभी संसद में जाति आधारित जनगणना की मांग नहीं की, लेकिन अब वह इसका श्रेय लेना चाहते हैं।
तेजस्वी यादव को दी खुली चुनौती
ललन सिंह ने तेजस्वी यादव को चुनौती दी है कि वह ऐसा कोई वीडियो दिखाएं जिसमें लालू प्रसाद यादव ने संसद में जाति आधारित जनगणना की मांग की हो। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इस मुद्दे को लगातार संसद में उठाते रहे हैं, जबकि लालू यादव कभी गंभीर नहीं दिखे।
नीतीश कुमार की 2011 से मांग
ललन सिंह ने कहा कि 2011 में नीतीश कुमार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री और वीपी सिंह से मुलाकात की थी और जातीय जनगणना की मांग की थी। उस समय जनगणना प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी, इसलिए मांग को तुरंत लागू नहीं किया जा सका।
2005 के घटनाक्रम पर गंभीर आरोप
ललन सिंह ने 2005 की एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब नीतीश कुमार बिहार में सरकार बनाने जा रहे थे, उस समय लालू यादव ने केंद्र में अपनी ताकत का इस्तेमाल कर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगवा दिया। उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे और उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दबाव डाला था।
"क्रेडिट लेने का अधिकार सिर्फ नीतीश कुमार को"
ललन सिंह ने सवाल उठाया कि अब जब केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना का फैसला लिया है, तब लालू यादव और तेजस्वी यादव किस आधार पर इसका श्रेय लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव का एजेंडा केवल परिवारवाद रहा है, ना कि सामाजिक न्याय।