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चक्रवाती तूफान का अलर्ट: 28 मई तक छह राज्यों में दस्तक देने की चेतावनी, जानिए बचाव के तरीके

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28 मई तक राजस्थान, हरियाणा, यूपी, दिल्ली-एनसीआर समेत छह राज्यों में चक्रवाती तूफान की चेतावनी। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए अलर्ट। आम और लीची की फसलों को नुकसान की आशंका।

Cyclone Alert: देश के कई राज्यों में एक बार फिर चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 28 मई तक राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में तूफान और बारिश का असर देखने को मिलेगा। इससे पहले, 21 मई को आए तूफान ने तबाही मचा दी थी, जिसमें कई जानें गईं और कई इलाकों में भारी नुकसान हुआ था।

मौसम विभाग के अनुसार, इस बार भी तूफान की वजह बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनने वाली गर्म हवाएं हैं, जिनके चलते तेज रफ्तार वाली हवाएं चलेंगी। हालांकि, पिछले तूफान की तुलना में इसकी गति थोड़ी कम होगी, लेकिन नुकसान की संभावना फिर भी बनी रहेगी। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और सुरक्षा के उपाय पहले से कर लें।

किस राज्यों में पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में तूफान का असर देखने को मिलेगा। 28 मई तक इन इलाकों में बारिश और तेज हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान के संकेत हैं। इस दौरान तापमान में थोड़ी गिरावट हो सकती है, जिससे भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन तूफान की वजह से आम और लीची जैसी फसलों को नुकसान होने की आशंका है।

किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएं। खासकर आम और लीची की फसल को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि इस समय यही फसलें खेतों में हैं और हवा के झोंकों से उनका नुकसान हो सकता है।

चक्रवाती तूफान कैसे बनता है?

मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह चक्रवाती तूफान समुद्र में गर्म हवाओं के टकराने और दबाव में बदलाव के कारण बनता है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से उठने वाली गर्म हवाएं जब जमीन की ओर आती हैं तो वे एक चक्रवात का रूप ले लेती हैं। ऐसे तूफान में हवा गोलाकार घूमती है और अपनी तेज रफ्तार से पेड़, बिजली के खंभे, दीवारें और यहां तक कि घरों की छतों को भी उड़ा सकती है।

मौसम विज्ञानी डॉक्टर यू.पी. शाही ने बताया कि 28 मई तक इस तरह का एक और तूफान आने की संभावना है। इस दौरान बारिश भी हो सकती है, जिससे तापमान थोड़ा कम रहेगा और गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि तूफान के समय अक्सर बिजली गिरने, पेड़ गिरने और मकान ढहने जैसी घटनाएं होती हैं।

जून से बढ़ेगी प्रचंड गर्मी

मौसम विभाग ने यह भी बताया कि मई का महीना आंधी-तूफान और हल्की बारिश के साथ ही निकल जाएगा। लेकिन जून के पहले सप्ताह से भीषण गर्मी का दौर शुरू हो सकता है। तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। यह गर्मी करीब 20 से 25 जून तक बनी रह सकती है, जिसके बाद 28 या 29 जून को मानसून दिल्ली-एनसीआर में दस्तक देगा।

मानसून के आने के बाद मौसम में राहत मिलने की उम्मीद है। बारिश और हवाओं के चलते तापमान में गिरावट आएगी और मौसम सुहावना होगा।

तूफान से बचाव के जरूरी उपाय

ऐसे मौसम में सबसे जरूरी है सावधानी बरतना। अगर चक्रवाती तूफान की चेतावनी मिले तो घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दें। किसी भी कमजोर इमारत या पुराने मकान के नीचे ना जाएं और न ही पेड़ों के नीचे खड़े हों। छत पर रखा कोई सामान, जैसे टीन की शीट, लकड़ी या प्लास्टिक की वस्तुएं, जो उड़ सकती हैं, उन्हें पहले से हटा दें ताकि वे तेज हवा में किसी को नुकसान न पहुंचाएं।

घर में हमेशा मोबाइल फोन, चार्जर, टॉर्च, बैटरी, माचिस और रेडीमेड खाने की वस्तुएं तैयार रखें ताकि आपातकालीन स्थिति में परेशानी ना हो। सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से बाहर ना निकलें।

किसानों के लिए विशेष अलर्ट

किसानों को खासतौर पर आम और लीची की फसलों के लिए अलर्ट किया गया है। मौसम विभाग ने सलाह दी है कि किसान अपनी फसलों को तेज हवाओं और बारिश से बचाने के उपाय करें। इस समय आम की बागवानी में फल लगने की प्रक्रिया चल रही है और लीची भी बाजार में आने वाली है। ऐसे में यदि तेज हवाओं और बारिश का असर पड़ा तो फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।

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